भारत में आमतौर पर बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान ढोने वाले के लिए कुली शब्द का प्रयोग किया जाता है। किसी जमाने में ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति का सबसे घिनौना पहलू इसी शब्द के जरिये उजागर हुआ था । सभी ब्रिटिश उपनिवेशों के मूल निवासियों के लिए अंग्रेज कुली शब्द इस्तेमाल करने लगे थे। अंग्रेजी, पुर्तगाली के अलावा यह शब्द तुर्की,चीनी, विएतनामी बर्मी, आदि भाषाओं में भी बोला जाता है। हिन्दी को कुली शब्द पुर्तगालियों की देन है पर यह भारतीय मूल का ही शब्द है। हालांकि आर्य भाषा परिवार का न होकर इसका रिश्ता द्रविड़ भाषा परिवार से जुड़ता है।
हिन्दी का कुली दरअसल तमिल मूल का शब्द है और कन्नड़ में भी बोला जाता है। इन दोनों भाषाओं में इसका उच्चारण कूलि के रूप में होता है जिसका मतलब हुआ मजदूर अर्थात ऐसा दास जो मेहनत के बदले में पैसा पाए। वैसे गुजरात के तटवर्ती इलाके की एक आदिम जनजाति का भी यही नाम है। गौरतलब है कि करीब पांच हजार साल पहले तक द्रविड़ भाषाओं का विस्तार सुदूर उत्तर-पश्चिमी भारत तक था और आपसी संपर्क के जरिये इसका प्रवेश तुर्की भाषा में भी हो गया जहां इसका रूप बना कुल् यानी दास। और इसी से उर्दू-फारसी में भी कुली के रूप में इसकी पैठ हो गई। अंग्रेजों से भी पहले सोलहवीं सदी के आसपास पुर्तगालियों ने जब भारत के दक्षिणी तट पर पैर पसारने शुरू किए तो वे इस शब्द के संपर्क में आए। पुर्तगालियों के बाद फ्रांसीसी इस शब्द से जुड़े। सत्रहवीं सदी तक यूरोप के लोग इससे परिचित हो चुके थे।
जो भी हो पुर्तगालियों के जरिये अंग्रेज भी इस शब्द के संपर्क में आए और फिर तो ब्रिटिश उपनिवेशों जैसे चीन, बर्मा, विएतनाम , ताइवान, दक्षिण अफ्रीका आदि में इस शब्द का चलन आम हो गया। यहां तक कि अपनी नस्लवादी सोच केचलते अहंकारी अंग्रेजों ने गुलाम मुल्कों की रियाया के लिए कुली शब्द का खुला प्रयोग शुरू कर दिया। अठारहवी सदी की शुरूआत में जब अंग्रेजों ने भारत समेत तमाम पूर्वी उपनिवेशों से सस्ती मजदूरी पर हजारों लोगों को मारीशस, अमेरिका , कनाडा आदि जगह भेजना शुरू किया तो इस शब्द का विस्तार भी करीब करीब पूरी दुनिया में हो गया। गौरतलब है कि महात्मा गांधी को प्रिटोरिया, जोहांसबर्ग में कुली बैरिस्टर कहा जाता था।
Friday, July 6, 2007
कुली के कुल की पहचान
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 3:25 AM
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