Monday, February 23, 2009

अदालत में अदला-बदली…

GoddessOfJustice

हि न्दी उर्दू में अदला-बदली एक ऐसा शब्द युग्म है जो मुहावरे की अर्थवत्ता रखता है और इसके दो अन्य शब्दरूप भी प्रचलित हैं मसलन अदल-बदल या अदली-बदली। इसका शुमार उन शब्दों में है जिनका इस्तेमाल रोजमर्रा की भाषा में खूब होता है। इस शब्दयुग्म में कुछ अन्य आमफहम शब्दों के जन्म-सूत्र भी छिपे हैं। यह शब्द सेमेटिक भाषा परिवार से निकला है और इसका रिश्ता अरबी भाषा से है।
symbol-of-justice---judicial-3d-gavel-thumb5134448दला-बदली का अर्थ होता है परिवर्तन, स्थानापन्न। इससे बने हिन्दी शब्दों में फेरबदल, बदलाव, बदलना, बदली आदि प्रचलित हैं। मूल अरबी में इससे तबादला शब्द भी बना है जिसका अर्थ स्थानान्तरण या ट्रान्सफर होता है। इससे ही बने रद्दोबदल में नवीनीकरण का भाव छिपा है। अदला-बदली में हेराफेरी का भाव भी छुपा हुआ है। अरबी में एक धातु है अ-द-ल जिससे अदाला शब्द का निर्माण होता है। अरबी में इसका अभिप्राय है चीज़ों को उनके उचित स्थान पर रखना। गौरतलब है कि यहां उचित शब्द का महत्व है। यहां चीज़ का अभिप्राय भौतिक वस्तु तक भी सीमित नहीं है बल्कि कथन, विचार, वाद, मुद्दा अथवा तथ्य जैसी बातें इसमें शामिल है। इस पृष्ठभूमि में देखा जाए तो भद्रता, सज्जनता और पवित्रता जैसे शब्द भी इसके दायरे में आ जाते हैं। ये सब अर्थ स्थापित करते हैं कि न्यायपूर्ण तरीके से किया गया कार्य ही अदाला कहलाता है।
स शब्द में “औचित्य” को जो महत्व मिला हुआ है उसकी वजह से इसका काफी अर्थविस्तार हुआ। अदला बदली में जहां अदाल का अर्थ जहां परिवर्तन या फेरबदल के रूप में नजर आ रहा है वहीं इससे बने अदालत शब्द में इसकी व्यापकता नजर आती है। अदालत यानी वह स्थान जहां न्याय होता है जिसे न्यायालय, कोर्ट या कचहरी कहते हैं। न्याय क्या है? तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में देखना। तथ्य अर्थात सत्य को उचित स्थान पर प्रतिष्ठित करना। यही है अदाला और यह काम जहां होता

Party Symbolप्रतिशोध में संतुलन का विकल्प नहीं होने से अक्सर बदले की क्रिया ज्यादा व्यापक और भारी होती है। बदले का यही असंतुलन अदालत मे जाकर न्यायदेवी के तराजू में तौला जाता है।

है उसे अदालत कहते हैं। जो व्यक्ति न्यायप्रिय है अथवा ईमानदारी से काम करता है वह आदिल है। सज्जन, सुभद्र,शालीन व्यक्ति भी आदिल है। आदिल में न्याय और विवेक से जुड़ी समूची अर्थ-संपदा समेटी जा सकती है।
-द-ल से बने अदाला की व्याप्ति संज्ञा के तौर पर कई अन्य भाषाओं में भी हुई है। हिब्रू में एक स्त्रीवाची नाम है अदालिया जिसका मतलब होता है प्रभु की शरण में, इसमें सज्जनता, भद्रता, ईमानदारी जैसे शब्दों का भाव समाहित है। रूसी, अजरबैजानी और तुर्की में इसी अर्थ में अनेक शब्द है। हिब्रू से जर्मन भाषा में भी इसकी व्याप्ति हुई है जहां इसका रूप अडेल, ऐडेलिया होता है। अदाल यानी न्याय असत्य की जगह पर सत्य को पुनर्स्थापित करता है। उचित को प्रश्रय देता है और बुराई की जगह अच्छाई को प्रतिष्ठित करता है। यही है बदलाव, बदली या तबादला। इस रूप में न्याय पूर्ण बदलाव को ही तबादला कहा जाना चाहिए मगर तुष्टिकरण के इस युग में आज तबादला एक ऐसा औजार बन गया है जिससे न्यायपूर्ण बदलाव का काम नहीं लिया जा रहा है। तबादला आज न जाने कितने अनुचित कर्मों की वजह बन चुका है। 
ब आते हैं अदला-बदली के दूसरे हिस्से पर। सेमेटिक मूल की एक धातु है ब-द-ल जिससे बने हैं बदल, बदाला या बदला जैसे शब्द। मूलतः इनमें आदान-प्रदान, स्थानापन्न या लेन-देन का भाव ही समाया हुआ है। प्राचीन विश्व में कारोबार में मौद्रिक भुगतान की एवज में लेनदेन की प्रणाली ही प्रचलित थी जिसे वस्तु विनिमय कहा जाता है। इस बदाल या बदल में यह भाव भी शामिल है। गौरतलब है कि अरबी लोगों का जिक्र प्राचीन काल से ही गहन कारोबारी समझ रखने वाली जाति के तौर पर होता आया है। अरबों का हमलावर रूप देखने से सदियों पहले से भारतीय उनके सौदागर रूप से ही परिचित थे। अदला-बदली शब्द का मूलार्थ किसी ज़माने में वस्तु विनिमय से ही जुड़ा था और यह शब्द भी अरब सौदागरों ने ही ईजाद किया होगा। जिसने बाद में व्यापारिक शब्द संपदा में अपनी जगह बनाई और फिर व्यापक अर्थ ग्रहण करते हुए बोलचाल की भाषा में समा गया।
लेन-देन या स्थानापन्न के रूप में बदल का ही रूप बदला में नजर आता है। हिन्दी-उर्दू में बदला शब्द का प्रचलित अर्थ प्रतिशोध ही होता है। हालांकि प्रतिशोध को एक क्रिया की न्यायपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं कहा जा सकता है मगर यह अदला-बदली ज़रूर है। किसी वस्तु को बदल देने का मतलब होता है वैसी ही दूसरी वस्तु को वैकल्पिक तौर पर प्रस्तुत करना। व्यापारिक शब्दावली में अदला-बदली में संतुलन महत्वपूर्ण होता है मगर प्रतिशोध में अक्सर यह संतुलन बिगड़ता है। प्रतिशोध में संतुलन का विकल्प नहीं होने से अक्सर बदले की क्रिया ज्यादा व्यापक और भारी होती है। बदले का यही असंतुलन अदालत मे जाकर न्यायदेवी के तराजू में तौला जाता है। आज के दौर में तो अदालतों को बदले की कार्रवाई की जगह बनाया जाने लगा है। प्रायः विचाराधीन मामलों में पेशी के दौरान बदमाशों द्वारा अदालत परिसर में गोली-बारी होती है। न्याय में विलंब से तंग आकर फरियादी आपा खोकर कई बार न्यायकर्ता के साथ अशोभनीय व्यवहार के जरिये इसका बदला लेते नजर आते हैं।

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6 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

ओह, शेयर बाजार में जो बदला कारोबार होता है वो इस वजह से नामित है...ज्ञानवर्धन का आभार.

Anonymous said...

छोटे-छोटे शब्‍द और शब्‍द-युग्‍म अपने पीछे कितना विस्‍तृत संसार लिए होते हैं और मूल से वर्तमान तक की उनकी यात्रा कितने पडावों से होकर गुजरती है, यह सब आपकी इस पोस्‍ट (और पूर्ववर्ती ऐसी ही पोस्‍टों) से मालूम हो पाता है। धन्‍यवाद।

दिगम्बर नासवा said...

अजित जी
सुंदर व्याख्या है अदला बदली की.........
आम भाषा में इस्तेमाल होने वाला शब्द इतन व्यापक
धन्यवाद जानkaari के लिए

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत विशिष्ट जानकारी मिली .

रामराम.

Dr. Chandra Kumar Jain said...

न्याय में विलंब से तंग आकर फरियादी आपा खोकर कई बार न्यायकर्ता के साथ अशोभनीय व्यवहार के जरिये इसका बदला लेते नजर आते हैं।

बिल्कुल सही.
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन

hem pandey said...

अदला से बजरिये आदल अदालत तक पहुंचे और आदिल बन गए. बहुत खूब

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