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Monday, April 3, 2023
‘नाबाद’ के बहाने ‘बाद’ की बातें
रो जमर्रा की भाषा में ऐसे अनेक शब्दों का समावेश रहता है जिनका अक्सर अन्य भाषाओं में अलग तरीके से इस्तेमाल होता है। ऐसे शब्दों के साथ उपसर्ग या प्रत्यय जुड़ने से भी नए शब्द बनते हैं और ये शब्द भी अन्य भाषाओं में लोकप्रिय हो जाते हैं। हिन्दी में क्रिकेट की शब्दावली का एक जाना पहचाना शब्द है नाबाद जिसका अर्थ होता है नॉट आऊट । पारी के समाप्त होने तक अगर कोई खिलाड़ी मैदान में डटा रहता है तो उसे नॉट आऊट यानी नाबाद कहते हैं। हिन्दी में यह शब्द आम है मगर यह आया कहाँ से? नाबाद शब्द का जन्म मराठी की कोख से हुआ है मगर मूलतः यह यौगिक शब्द है और अरबी के बाद (BA’DA) शब्द में हिन्दी फ़ारसी का ना उपसर्ग लगने से बना। हिन्दी शब्दकोशों में इस शब्द की उपस्थिति नहीं है।
बाद शब्द का मूल अरबी रूप है ब’अद जिसके मायने हैं दूरस्थ, सुदूरवर्ती, फ़ासले पर, अलग या पृथक आदि। परवर्ती विकास के दौरान इसका अर्थ विस्तार हुआ। दूरस्थ, सुदूरवर्ती या फ़ासले पर जैसे अर्थों में अनंतर, पश्चात जैसे भाव भी स्थापित हुए। गौरतलब है कि दूरस्थ या सुदूरवर्ती जैसा भाव सापेक्ष है अर्थात एक बिन्दू विशेष से किसी स्थान या वस्तु की स्थिति बताने के लिए सुदूरवर्ती शब्द का प्रयोग होता है। अब देखिए कि किस तरह अर्थवत्ता विकसित होती है। बाद में पश्चातवर्ती भाव का विकास अंतराल से जुड़ा है। विस्तार के दो बिन्दुओं के बीच अंतराल होता है। जो दूरवर्ती है, उसका विलोम निकटवर्ती है अर्थात दूरवर्ती से कहीं पहले निकटवर्ती है। जाहिर है निकट के आगे कहीं दूर है। इसे यूँ भी कह सकते हैं कि निकट के पश्चात या बाद में दूरवर्ती स्थान या वस्तु होती है। दूरी से ही दूर है।
जर्मन भाषाशास्त्री एमएम ब्रॉमनन स्टडीज़ इन सेमिटिक फ़िलोलॉजी में बाद शब्द पर विस्तार से चर्चा करते हैं। उनके मुताबिक प्रोटो सेमिटिक धातु bi-‘ad है जिसमें bi ( या ba ) का अर्थ है ‘में’ और ad का अर्थ है तदापि, तथापि, अब तक आदि। इस तरह अरबी के बा’अद ( या बाद ) का अर्थ हुआ के पश्चात, तद्नुरूप, तथापि, के कारण आदि। बरास्ता अरबी यही बा’अद फ़ारसी, उर्दू, के बाद हिन्दी में भी बाद के रूप में दाखिल हुआ। जहाँ इसका अभिप्राय के पश्चात या बाद में ही है। हिब्रू में भी यह कुछ परिवर्तन के साथ इसी अर्थ में इस्तेमाल होता है।
मराठी शब्दकोशों के मुताबिक बाद शब्द में किसी सूची से कमी का, निकालने का, हीन करने का भाव है। म.श्री. सरमोकदम और जी.डी.खानोलकर की द न्यू स्टैंडर्ड मराठी- इंग्लिश- मराठी डिक्शनरी के मुताबिक बाद का अर्थ काम से निकालने, रद्द करने, स्थगित करने, पीछे रखने का, हटाने का भाव है। इसी तरह कृ.पा. कुलकर्णी के मराठी व्युत्पत्ति कोश में भी इसका अरबी रूप ब’अद बताया गया है जिसमें निकाला हुआ, कम किया हुआ जैसे भाव हैं। निश्चित ही ये सभी अर्थ भी दूरवर्ती, फ़ासले पर या बाद में जैसे अर्थों का विस्तार है। गौर करें की किसी सूची में जब नाम जोड़े जाते हैं तब महत्वपूर्ण नाम आगे और कम महत्वपूर्ण नाम पीछे रखे जाते हैं। महत्व तय करते मामूली महत्व के नामों के लिए भी भी यही निर्देश दिया जाता है कि इन्हें बाद में रखना। सामान्य बोलचाल में भी
इसी क्रम में मराठी में बाद का अर्थ स्थगित करना, निकालना, हटाना होता है। सामान्य तौर पर ‘ बाद में ’ अब एक टर्म या पद का दर्जा पा चुका है जिसमें किसी काम को न करने, टालने या स्थगित करने का भाव ही अधिक है। बाद में देखेंगे या बाद में करेंगे, बाद में आना, बाद में चलेंगे में यही भाव है कि अभी कुछ होने की फिलहाल उम्मीद नहीं है। अभी की सूची से उसे निकाला जा चुका है। उसे आगे कभी होना है। इस आगे में जो विस्तार है वही ब’अद है। इसमें जो स्थगिति है वही ब’अद है। इसमें जो निकाले जाने का भाव है वही ब’अद है और इसका रूपान्तर बाद है। हिन्दी-उर्दू के बाद में पश्चातवर्ती भाव प्रमुखता से बना रहा जबकि मराठी में विस्तार, अंतराल, निकालना जैसे भाव प्रमुख रूप से विकसित हुए। इसीलिए मराठी में बाद के साथ ना उपसर्ग लगाने से बने नाबाद शब्द का अर्थ डटे रहना, अविजित रहना, बने रहना, कायम रहना आदि हुआ। क्रिकेट की शब्दावली में बड़ी सहजता से मराठी में ही सबसे पहले नॉट आऊट के लिए नाबाद शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ जिसे हिन्दी में भी खुशी खुशी और खिलाड़ी भाव से अपनाया गया।
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13 कमेंट्स:
जान लिया नाबाद के बारे में भी .....बहुत गहनता से इस शब्द को वर्णित किया है ....आपका आभार
आप भी नाबाद, चलते रहें, बढ़ते रहें।
काश हमारे क्रिकेटर्स भी नाबाद रहते , विशेषकर मराठी ।
बढ़िया व्याख्या की है नाबाद शब्द की ।
इस 'बाद' में आबाद कई अर्थो को देखा,
'शब्दों का सफ़र' अब भी है 'नाबाद' ये देखा.
मैं तो सोचता था कि यह आबाद से बना होगा, इस तरह कि आउट नहीं होने से आबाद तो है, लेकिन खेल ही खत्म हो गया सो नाबाद रहा, या कहें आबाद रह कर भी ना.
बहुत बढ़िया. लगता है अपनी टीम को यह लेख पढवाना पड़ेगा. वे नाबाद शब्द का अर्थ भूल गए लगता है. :-)
हमें याद आया कि नाबाद की तरह "नापास " शब्द का जन्म भी मराठी की कोख से हुआ है ?
अभी टीम से दूर नही है इसीसे नाबाद । अभी बहुत दूर नही गया यहीं है इसीसे आबाद, पर उपसर्ग तो दोनों अलग अलग हैं । शायद आबाद की उपज कहीं और से होगी । सफर में आकर कितना कुछ सीखने को मिलता है ।
इस बार कुछ खास पसन्द नहीं आया। वैसे यह शब्द शब्द तंत्र में है।
सर जी, आपका अनुसंधान काबिले तारीफ है। शब्दों की व्युत्पत्ति और अर्थ की पड़ताल जितनी गहराई में उतर कर की है वह निस्संदेह समय और श्रम साध्य है। आपके इस सद्प्रयास के लिए आपको साधुवाद।
मेरी ओर से एक छोटी सा सुझाव था कि हिंदी के शब्दों की पड़ताल को पालि-प्राकृत भाषा तक ले जाते तो संभवतः शब्दों के सफर की अर्थवत्ता सत्य के और भी स्पष्ट और करीब पहुंच सकती थी।
आदरणीय वडनेरकर जी!
सादर नमस्ते!
हिंदी दिवस पर रवींद्र भवन सभागम में अपने ब्लॉगर साथियोँ को राष्ट्रीय हिंदी सम्मान मिलते देख बड़ी ख़ुशी हुई।आपको राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान अलंकरण से सम्मानित होने पर बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
सादर
कविता रावत
https://www.kavitarawat.com/2023/09/blog-post_15.html
आदरणीय वडनेरकर जी!
सादर नमस्ते!
हिंदी दिवस पर रवींद्र भवन सभागम में अपने ब्लॉगर साथियोँ को राष्ट्रीय हिंदी सम्मान मिलते देख बड़ी ख़ुशी हुई।आपको राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान अलंकरण से सम्मानित होने पर बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
सादर
कविता रावत
https://www.kavitarawat.com/2023/09/blog-post_15.html
बहुत सुंदर, ज्ञानवर्धक, रोचक.
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