Friday, November 11, 2011

लाम पर जाना, लामबन्द होना

chkravyuha

लि खत-पढ़त और बोलचाल की हिन्दी में प्रयोग होने वाला एक शब्द लामबन्द भी है। क्रिया रूप में लामबन्द होना या लामबन्दी का इस्तेमाल होता है जिसमें किसी उद्धेश्य या मुहिम के लिए तैयार होने, एकजुट होने, इकट्ठा होने, गोलबन्द होने का भाव है। लामबन्द शब्द लाम+बन्द से मिल कर बना है। हिन्दी में लाम शब्द उर्दू-फ़ारसी की फौजी शब्दावली से आया है। मोटे तौर पर इसका आशय फ़ौज या सेना से है। इसका एक दूसरा अर्थ है फौजी मोर्चा या युद्ध स्थल। फौजी जमावड़े को भी लाम कहा जाता है क्योंकि जमावड़ा वहीं होता है जहाँ मोर्चा लगाया जाता है। लाम पर जाना जैसे मुहावरे का अर्थ युद्ध पर जाना ही होता है। लाम बांधना मुहावरे में लड़ाई के लिए एकत्रित होने, तैयार होने या मोर्चाबंदी का भाव है। आज़ादी से पहले तक लाम शब्द इन्हीं अर्थों में हिन्दी में खूब प्रचलित था, बाद में इसका चलन कम होता गया। मगर इससे ही बना लामबन्दी शब्द वामपंथियों, समाजवादियों की शब्दावली में स्थान पा गया और राजनीतिक अर्थों में ही इसका प्रयोग अब तक होता चला आ रहा है।
लाम यूँ तो सेमिटिक मूल का शब्द है और इसकी मूल धातु l-m-m (ल-म-म) है जो समूहवाची धातु है और इसमें गोलबन्द होने, इकट्ठा होने, जमा होने का भाव है। मगर इसकी व्युत्पत्ति को लेकर कोशों में कुछ भ्रम की स्थिति भी दिखती है। मिसाल के तौर पर जॉन प्लैट्स इसे फ्रैंच शब्द लार्मे larmee से आया होने की सम्भावना बताते हैं। गौरतलब है कि ओल्ड फ्रैंच में इसका रूप armée है। मूलतः यह इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार का शब्द है। अर्थ और ध्वनि के हिसाब से यह व्युत्पत्ति सही लग सकती है मगर इसमे पेच है। फ्रैंच शब्द की फ़ारसी में आमद कैसे हुई होगी? ब्रिटिश औपनिवैशिक काल में ईरान में कभी फ्रान्सीसी फौजी जमावड़ा नहीं रहा जिससे फौज के अर्थ में लार्मे से लाम शब्द बनने की सम्भावना को बल मिलता।
लाम शब्द के बारे में श्यामसुंदर दास के हिन्दी शब्दसागर के कोशकार भी जॉन प्लैट्स की बताई व्युत्पत्ति से प्रभावित जान पड़ते हैं। शब्दसागर में लाम को फ़ारसी का शब्द बताते हुए इसका मूल उच्चारण लार्मे बताया गया है, जबकि प्लैट्स ने लाम शब्द की प्रविष्टि के आगे fr.larme का सम्भावित रूपान्तर बताया है। निश्चित ही शब्दसागर में इसे फ़ारसी का लिखा जाना सम्पादन की त्रुटि है। मुझे लगता है fr को फ़ारसी का संक्षेपीकरण समझ लिया गया होगा। यह कहा जा सकता है कि फ़ारसी का लाम दरअसल फ्रैंच लार्मे का रूपान्तर है। ऐसा मानना इसलिए सही नहीं होगा, जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है, ओल्ड फ्रैंच में इसका रूप armée है। अंग्रेजी का आर्मी भी इसका सहोदर है। मूलतः यह इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार का समूहवाची शब्द है। आर्मी शब्द के बारे में शब्दों का सफ़र में लिखा जा चुका है। आर्मी army बना है आर्म arm से जिसमें शरीर के हिस्से या अंग का भाव है। आर्म का मतलब भुजा भी होता है। इसका मूल भारोपीय धातु अर् है जिसमें जुड़ने का भाव है।
प्रयोग के आधार पर लाम पर जाना वाक्य में लाम का अर्थ मोर्चा या जंग होता है। लाम बांधना जैसे वाक्य में युद्ध के लिए फौज को सज्जित करने का भाव है। इसमें युद्ध की खातिर गोलबंद होने या घेराबन्दी करने का अर्थ भी निहित है। उधर प्लैट्स लाम का अर्थ कतार, पद, फौजी टुकड़ी आदि बताते हैं। मद्दाह साहब के उर्दू-हिन्दी कोश के अनुसार लाम ध्वनि वाले कुछ शब्द हैं जिनकी अर्थसाम्यता से पता चलता है कि ये एक ही परिवार के हैं और मूलतः हिन्दी में जो लाम है वह अरबी मूल से ही आया है। कड़ियों वाले फौजी कवच या जिरह के लिए मद्दाह के कोश में लामः शब्द है। लाम का अर्थ होता है कवच-समूह। बाद में इसका अर्थ सुसज्जित फौज हुआ होगा। लाम का अर्थ एक किस्म की टोपी भी होता है जिसे भिक्षुक ओढ़ते हैं। दरवेशों के चोगे के तौर पर प्लैट्स भी लाम का उल्लेख करते हैं। दरवेश भी माँग कर ही अन्न ग्रहण करते थे।
प्लैट्स के कोश में चोगा या अंगरखानुमा पोशाक को भी लाम बताया गया हैं। लाम का अर्थ कमरबन्द भी होता है और छल्ला या अंगूठी भी। ध्यान रहे, छल्ला, अंगूठी भी गोल होती है और कमरबंद में भी घेरने का भाव है। अरबी में इस लाम lam का एक रूप lamm भी है। अरबी में दरअसल लाम का अर्थ गोलबंद होना है। इसे प्राचीन कबीलाई समाज के परिप्रेक्ष्य मे देखा जाना चाहिए। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मैदान साफ़ करने के

army_soldier...चक्रव्यूह जैसी युद्धरचना इसी देशी तरकीब से उपजी है। अरब में भी चाहे सामूदायिक कार्य हो या शिकार, अथवा किसी मनुष्य को सज़ा देना, यही तरीका अपनाया जाता था। ‘लाम बांधना’ के मूल में यही आशय है। दरअसल घेरबन्द लोगों के समूह का भाव ही इसमें खास है...

लिए घेरदार मानवशृंखला बनाई जाती थी। लोग अपने आगे के कंकर-पत्थर खेत या मैदान के मध्य में फेंकते जाते हैं और इस तरह घेरा संकुचित होता जाता है। बाद में इस ढेर को एक साथ हटा दिया जाता है। सामाजिक कार्य की यही पद्धति बाद में युद्धनीति बनी। चक्रव्यूह जैसी युद्धरचना इसी देशी तरकीब से उपजी है। अरब में भी चाहे सामूदायिक कार्य हो या शिकार, या किसी मनुष्य को सज़ा देना, यही तरीका अपनाया जाता था। लाम बांधना के मूल में यही आशय है। दरअसल घेरबन्द लोगों के समूह का भाव ही इसमें खास है।
सेमिटिक धातु l-m-m से घेरे के इसी अर्थ से बाद के दौर में अंगरखा, अंगूठी, कमरबन्द जैसी वस्तुओं को भी लाम कहा जाने लगा। पुराने ज़माने फौजी पोशाक एक अंगरखा ही होती थी। कमरबन्द, जिरह-बख्तर या कवच जैसी फौजी पोशाक की ज़रूरी चीज़ें शरीर के साथ बान्धी ही जाती हैं। कमर कसना जैसा मुहावरा फौजी कार्य-व्यवहार से ही पैदा हुआ है जिसका आशय है मोर्चे पर जाने के लिए सज्ज होना और बाद के दौर में लाम बांधना जैसा मुहावरा युद्ध के लिए मुकाबले के लिए तैयार होने के अर्थ में प्रयुक्त होने लगा। हैन्स व्हेर, जे मिल्टन कोवैन की डिक्शनरी ऑफ मॉडर्न रिटन अरेबिक के मुताबिक लाम में जुटने, जुड़ने, इकट्ठा होने, मिलने, फिर से एक होने, कतार लगाना, साथ साथ होना जैसे भाव है। अरबी लाम के साथ फ़ारसी का बन्द प्रत्यय लगने से लामबन्द या लामबन्दी जैसे शब्द बने जिसमें भी अस्त्र-शस्त्रों और दूसरी जंग के हर्बो-हथियार इकट्ठा करने का भाव है। लाम के घेरे वाले अर्थ में लामबन्द में घेरने का आशय भी स्पष्ट होता है।

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4 कमेंट्स:

चंदन कुमार मिश्र said...

लामबन्द का सफर भी देखा…

प्रवीण पाण्डेय said...

घेरने घारने का इतिहास बहुत पुराना है।

Mansoor ali Hashmi said...

डिक्टेतरो को फेंकने जनता है लामबंद,
कुर्सी अगर गयी तो, होता सलाम बंद.

कम्युनिस्ट लामबंद हो तो होता है काम बंद.
और सांढ़ की लड़ाई पे होता 'रतलाम बंद'.

नारी की साड़ी नाभि से नीचे जो बंध रही,
नीचे सड़कता जा रहा नर का इज़ारबंद.

'परमाणुओ' के खेल में नियत थी जिसकी जो,
राजा* बने 'कलाम' तो 'अब्दुस्सलाम'** बंद.

* राष्ट्रपति
**पाक वैज्ञानिक
http://aatm-manthan.com

विष्णु बैरागी said...

अपनी जनकारियों की पुष्टि मेरा आत्‍म विश्‍वास बढाती है। इस पोस्‍ट ने यही किया।

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