रईस यानी अमीर। बोलचाल की हिन्दी में इसकी इतनी ही अर्थवत्ता है। इसी तरह अमीर का अर्थ भी हिन्दी में सिर्फ धनी है मगर अरबी-फ़ारसी में अमीर की भी वही अर्थछटाएँ हैं जो रईस की हैं। रईस के मूल में अरबी की त्रिवर्णी धातु ‘रास’ س ا ر अर्थात ‘रा’ ‘अलिफ़’ ‘सीन’ है जिसमें मूल रूप से शीर्ष अथवा सिर का भाव है। ध्यान रहे अरबी ज़बान सेमिटिक परिवार से आती है। हिब्रू भी सामी कुनबे से ही है और इराकी अरबी जिसे आरमेइक कहते हैं वह भी। हिब्रू में अरबी की ‘स’ ध्वनि अक्सर ‘श’ हो जाती है मसलन अरबी का ‘अस्सलाम’ या ‘सलाम’ हिब्रू में ‘शॉलोम’ हो जाएगा। सो ‘रास’ की तर्ज़ पर हिब्रू में rosh अर्थात ראש है। जिसका अर्थ वास्तविक तौर पर शीर्ष यानी सिर– गर्दन के ऊपर का हिस्सा है। रोश का शुरुआती अक्षर हिब्रू वर्णमाला का रेश ר अर्थात resh है।
हम इस बहस में नहीं पड़ेंगे कि हिब्रू अधिक प्राचीन है या अरबी किन्तु यह तय है कि भाषा की प्राचीनता का शास्त्रीय आधार उसके अभिलेखीय प्रमाण है। इस आधार पर हिब्रू कि प्राचीनता निर्विवाद है। गौरतलब है कि हिब्रू वर्णमाला के 'रेश' ר अक्षर का आकार भी मनुष्य के सिर के पार्श्व जैसा है और इसका अर्थ भी शीर्ष ही है। ‘रेश’ का ही परिवर्तित रूप अरबी का ‘रा’ ر है। हिब्रू का ‘रोश’ ही अरबी में ‘रास’ हो जाता है। अरबी तक आते आते हिब्रू ‘रेश’, ‘रोश’ की अर्थछटाएँ काफी विस्तार पाती हैं और इससे कई अन्य शब्द भी विकसित होते हैं।
इसी ‘रास’ का रूपान्तर ‘रईस’ भी है जिसमें धनी-मानी की तमाम अर्थछायाओं के साथ स्वामी, प्रमुख या सरपरस्त जैसे भाव हैं। ‘रईस’ का विशेषण रूप ‘रईसी’ और ‘रईसाना’ हैं यानी रईसों जैसा। खास बात यह भी कि ख्यात भाषाविद् अर्न्स्ट क्लैन अपने हिब्रू व्युत्पत्तिकोश में ‘रईस का रिश्ता अंग्रेजी के उस ‘रेस’ शब्द से भी जोड़ते हैं जिसका अभिप्राय नस्ल, वंश, कुटुम्ब अथवा कुल है। हालाँकि भाषाशास्त्री इस पर एकमत नहीं हैं फिर भी इस बात की काफी सम्भावना है कि हिब्रू का ‘रोश’ ही अरबी में ‘रास होता हुआ स्पैनिश में रैज़ा हुआ| बरास्ता इतालवी रेज्ज़ा यह अंग्रेजी में ‘रेस’ हुआ। जातीय या जातिगत अर्थ में इससे ‘रैशल’ बनता है। सवाल उठता है प्रमुख, मुख्य, अधिपति, धनाड्य जैसे अर्थों से होते हुए कुल, कुटुम्ब जैसे अर्थ ‘रेस’ में कैसे समा गए ?
बात ये है कि ‘शीर्ष’ अर्थात भौतिक ‘सिर’ ही शरीर का मुख्य हिस्सा होता है। सबसे पहले सिर ही दिखता है। सो हिब्रू के ‘रेश’ का ‘सिर’ जब अरबी में पहुँचता है तो इसका अर्थविस्तार होता है। गौर करें अंग्रेजी में ‘हेड’ का अर्थ प्रमुख भी होता है और ‘सिर’ भी। हेड यानी सिर से ही प्रमुख की अर्थवत्ता विकसित हुई। इसी तरह ‘मुख’ में जो ‘मुखड़ा’ है वह ‘प्रमुख’ में भी नज़र आता है। शीर्ष से सिर बनता है और फिर ‘सरदार’ भी बनता है। सरदार यानी मुखिया। सो ‘रास’ यानी ‘सिर’। सिर यानी शीर्ष यानी सर्वोच्च। इस तरह जो सर्वोच्च है वह स्वामी, सरदार। जो मालिक- मुखिया होगा वह निर्धन तो हो नहीं सकता सो सर्वोच्च के साथ ऐश्वर्य भी जुड़ गया। इस तरह अरबी रास वाला सिर ‘रईस’ तक आते आते मुखिया या धनी-मानी हो जाता है। जो प्रमुख है वह मुख्य है। मुख्य में ही मूल है अर्थात वही मूलस्रोत है। वही जड़ है। वही आदि है और आरम्भ है। इस तरह 'रास' से ही अंग्रेजी के रेस में आरम्भ, शुरुआत, मूल जैसे अर्थों से गुज़रते हुए कुल, कुटुम्ब, जाति जैसे अर्थ स्थापित हुए।
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5 कमेंट्स:
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अच्छी जानकारी
: पेशावर का काण्ड
अन्तरीप के अर्थों वाला रास शब्द भी यही है अर्थात समुन्द्र में दूर तक गया स्थल , ज़मीन का सिरा. कन्या कुमारी को रास-कुमारी भी कहते हैं। रईस से ही रियासत शब्द बना है जिसका अर्थ रईसी भी है और राज्य भी . नसल के अर्थों वाले अंग्रेज़ी शब्द रेस को अब फ्राँसीसी haras से निकला माना जा रहा है। haras का अर्थ घुड़साल होता है। रास (अन्तरीप) और रईस (सरदार) की अर्थगत सांझ के लिये तुलना करें अंग्रेज़ी Captain . सम्बंधत Cape (अन्तरीप , headland > लातीनी caput सिर
सर जी कृपया नास्ता शब्द के विषय में बताऐं ।
''जो मालिक- मुखिया होगा वह निर्धन तो हो नहीं सकता सो सर्वोच्च के साथ ऐश्वर्य भी जुड़ गया।"
शब्दों में संस्कृति का आवास है \अत्यंत रोचक \
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