दान की महिमा का बखान दुनिया की हर संस्कृति में है। भारत में तो इस शब्द के साथ अक्सर महाभारत के चरित्र कर्ण का हवाला दिया जाता है। धन, सम्पत्ति से बढ़कर विद्या का,ज्ञान का दान दुनिया में सबसे बड़ा दान माना जाता है। इस शब्द के महत्व का पता इसी से चलता है कि देवनागरी वर्णमाला का ‘द’ वर्ण ही अपने आप में एक धातु है जिसमें देना का भाव समाया हुआ है।
‘द’ वर्ण से मूलतः ‘दा’ धातु बनी जिसमें देना, स्वीकारना, सौंपना आदि भाव शामिल हैं। लौटा देना, छोड़ देना-त्याग देना जैसे अर्थ भी इसमें निहित हैं मसलन दान, दानी, दाता, आदान-प्रदान आदि शब्द। इसे जयप्रदा शब्द के जरिये समझें। जो विजय प्रदान करे या जिसके जरिये जीत हासिल हो, सफलता मिले। मराठीभाषियों में एक उपनाम होता है दातार अर्थात देनेवाला, प्रदान करने वाला । बाद में महाजन वाला भाव भी इसमें जुड़ गया। दातव्य अर्थात दान से चलनेवाला या देने योग्य जैसे शब्द इससे ही बना है दत्त शब्द जिसका मतलब भी देना, सौंपना,समर्पित या प्रस्तुत आदि होता है मसलन प्रदत्त यानि दिया हुआ या सौंपा हुआ। पुराणों में अत्रि और अनुसूया के पुत्र का नाम भी दत्त है। इन्हें आत्रेय से उत्पन्न होने के कारण दत्तात्रेय भी कहते हैं। ये ब्रह्मा-विष्णु-महेश के अवतार माने जाते हैं। गोद लेने या देने के अर्थ में दत्तक शब्द भी इसी कड़ी में आता है। संयोग देखिये कि ‘द’ में छुपी दान की महिमा देखिये कि दक्षिणा शब्द का हालांकि इससे रिश्ता नहीं है मगर दक्षिणा अपने आप में दान ही है। इसी तरह दधिची ऋषि ने राक्षसों के संहार के लिए अपने शरीर की अस्थियां तक दान कर दीं।
Thursday, November 1, 2007
दान का बखान तो दुनिया में
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 12:52 AM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
6 कमेंट्स:
चिट्ठाशास्त्र के प्रथम अध्याय में लिखा है:
"टिप्पणी दान-महा दान"
बस उसी का उपासक हूँ, चाहें तो दानवीर कह कर पुकारें. :)
वाह ज्ञानदान कर ही दिया आपने भी.
जयप्रदा माने जय प्रदान करने वाली। यह पोस्ट पढ़कर उनके नाम का मतलब पता चला। :)
मेरे तो नाम से ही कई लोग दान की उम्मीद लगा लेते हैं। प्रयाग से होना भी साथ जुड़ जाता है। कुछ-कुछ नाम पर खरा उतरने की भी कोशिश करता हूं।
समीर जी से सहमत हूँ.
English words 'donator' as well as 'donor' are related to 'data'; from the same root do-/de, to give
Post a Comment