शकट से बने छकड़े में चाहे मरियल, कमजोर, खटारा, जर्जर और जीर्ण जैसे भाव हों फिर भी उसमें शक्ति, बल , ताकत छुपी है। चूंकि शकट वाहन है इसलिए उसमें ढोने की क्षमता होना आवश्यक है। इसकी मूल धातु है शक् जिसमें सामर्थ्य अथवा क्षमता का भाव निहित है। सूक्ष्मता से देखें तो ये दोनों भाव शक्ति में भी शामिल हैं। इसकी वजह यही है कि शक्ति शब्द का जन्म भी शक् धातु से ही हुआ है। गौर करें कि हमारे यहां विजयादशमी को शक्तिपर्व भी कहा जाता है और उस दिन शक्तिपूजा होती है जिसके तहत सभी तरह के औजार, कलपुर्जे, मशीनें यहां तक की वाहन और पशुओं की भी पूजा होती है। ये सभी किसी न किसी रूप में सामर्थ्य, क्षमता और शक्ति के प्रतीक हैं । शक्ति सीधे सीधे समृद्धि से भी जुड़ती है। कार की शक्ति अगर इंजन है तो शकट अर्थात् बैलगाड़ी की शक्ति बैल हैं। हम सबने विजयादशमी पर सजे धजे तिलकधारी वाहन और बैल देखे ही हैं।
शक् में निहित योग्यता और सामर्थ्य जैसे भावों पर गौर करें तो समझ में आता है कि हिन्दी का सकना शब्द इसी शक् धातु की देन है। संस्कृत में इससे एक एक शब्द बना है शक्य जिसका अर्थ होता हैसम्भव, अमल में लाए जाने योग्य , कार्यान्वयन के लायक। शक्य का ही हिन्दी रूप हुआ सकना । मराठी में तो इसे जस का तस शक्य रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है। मसलन संभव नही कहना होगा तो मराठी में कहेंगे-शक्य नाहीं।
आपकी चिट्ठी
सफर के पिछले पड़ाव अधोगति-दुर्गति गाथा पर कई साथियों की चिट्ठियां मिलीं। सर्वश्री पंकज अवधिया, संजय, दिनेशराय द्विवेदी, अभय तिवारी, नीलिमा, प्रत्यक्षा, घुघूति बासूती, मीनाक्षी, संजीत त्रिपाठी और आशीष महर्षि ने शब्दों के सफर को पसंद किया । आप सबका आभार।
Sunday, January 20, 2008
छकड़े में समाई शक्ति
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 2:33 AM
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7 कमेंट्स:
शक् के बारे में नहीं पता था. ज्ञानवर्द्धन के लिए धन्यवाद. सवारियों के बारे में और बताएं.
चूँकि यह मेरा विषय नही है इसलिये कभी-कभी कोर्स बुक पढ रहे है ऐसा लगता है। :) फिर भी पढना जारी रखने की कोशिश करूंगा।
ajitji,
agar aap, dhaan, dhan, dhanybhagya, aadii par prakash daale to mere liye thodee aasaanee ho jaayegee
काम का लेख। ज्ञानवर्धक। बहुत ही महत्त्वपूर्ण कार्य।
अजित जी, ये बताने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। बस शब्दों का सफर ऐसे ही जारी रखिये।
वहुत अच्छा लगा शक् और शकट और शक्ती के बारे में जान कर ।
अब ठीक लगा मुझे। धन्यवाद।
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