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करामात का मूल अर्थ था इन्द्रियों पर नियंत्रण पाना जिसे नफ्स-कशी कहा जाता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद आदि पर नियंत्रण।
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करामात का मूल अर्थ था इन्द्रियों पर नियंत्रण पाना जिसे नफ्स-कशी कहा जाता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद आदि पर नियंत्रण।
प्रस्तुतकर्ता
अजित वडनेरकर
पर
6:36 AM
लेबल:
god and saints
16.चंद्रभूषण-
[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8 .9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 17. 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26.]
15.दिनेशराय द्विवेदी-[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22.]
13.रंजना भाटिया-
12.अभिषेक ओझा-
[1. 2. 3.4.5 .6 .7 .8 .9 . 10]
11.प्रभाकर पाण्डेय-
10.हर्षवर्धन-
9.अरुण अरोरा-
8.बेजी-
7. अफ़लातून-
6.शिवकुमार मिश्र -
5.मीनाक्षी-
4.काकेश-
3.लावण्या शाह-
1.अनिताकुमार-
मुहावरा अरबी के हौर शब्द से जन्मा है जिसके मायने हैं परस्पर वार्तालाप, संवाद।
लंबी ज़ुबान -इस बार जानते हैं ज़ुबान को जो देखते हैं कितनी लंबी है और कहां-कहा समायी है। ज़बान यूं तो मुँह में ही समायी रहती है मगर जब चलने लगती है तो मुहावरा बन जाती है । ज़बान चलाना के मायने हुए उद्दंडता के साथ बोलना। ज्यादा चलने से ज़बान पर लगाम हट जाती है और बदतमीज़ी समझी जाती है। इसी तरह जब ज़बान लंबी हो जाती है तो भी मुश्किल । ज़बान लंबी होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है ज़बान दराज़ करदन यानी लंबी जीभ होना अर्थात उद्दंडतापूर्वक बोलना।
दांत खट्टे करना- किसी को मात देने, पराजित करने के अर्थ में अक्सर इस मुहावरे का प्रयोग होता है। दांत किरकिरे होना में भी यही भाव शामिल है। दांत टूटना या दांत तोड़ना भी निरस्त्र हो जाने के अर्थ में प्रयोग होता है। दांत खट्टे होना या दांत खट्टे होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है -दंदां तुर्श करदन
अक्ल गुम होना- हिन्दी में बुद्धि भ्रष्ट होना, या दिमाग काम न करना आदि अर्थों में अक्ल गुम होना मुहावरा खूब चलता है। अक्ल का घास चरने जाना भी दिमाग सही ठिकाने न होने की वजह से होता है। इसे ही अक्ल का ठिकाने न होना भी कहा जाता है। और जब कोई चीज़ ठिकाने न हो तो ठिकाने लगा दी जाती है। जाहिर है ठिकाने लगाने की प्रक्रिया यादगार रहती है। बहरहाल अक्ल गुम होना फारसी मूल का मुहावरा है और अक्ल गुमशुदन के तौर पर इस्तेमाल होता है।
दांतों तले उंगली दबाना - इस मुहावरे का मतलब होता है आश्चर्यचकित होना। डॉ भोलानाथ तिवारी के मुताबिक इस मुहावरे की आमद हिन्दी में फारसी से हुई है फारसी में इसका रूप है- अंगुश्त ब दन्दां ।
12 कमेंट्स:
अच्छा आलेख। शब्दों का यह सफर अब सामाजिक वैज्ञानिक सवाल भी छोड़ने लगा है।
बहुत सुंदर जानकारी से ओतप्रोत आलेख.
रामराम.
आज कल एक बार फिर से संस्कृति के चार अध्याय पढ़ रहा हूँ और उसे पढने के बाद आपके आजकल के पोस्ट पढने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा है.. आपके लेख पढ़कर ऐसा लगता है जैसे जो बातें दिनकर जी लिखना भूल गए थे उन्हें आप लिख दे रहे हैं.. :)
अरे साहब ! करामात का
ऐसा अर्थ तो हम आज ही जान पाये.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
apne shabdon ke safar me hame safar karvaane ke liye bahut bahut dhanyvaad bahut bdiyaa jaankari hai
करामत के ऊपर आपका करामाती लेख वाकई करामात कर गया...............
दुबई के भी एक जगह है जो करामा के नम से जानी जाती है
करामात का मतलब ये होता है ये तो सपने मे भी नही सोचा ।
वरना कई बार तो मजाक उड़ाने के लहजे मे भी करामती शब्द का उपयोग होते सुना है ।
करामात का मूल अर्थ था इन्द्रियों पर विजय पाना था.. ये तो नई ख़बर है अपुन के लिए...
आपने मेरी एक त्रुटि सुधार दी। मैं 'करामात' को एक वचन के रूप में प्रयुक्त करता रहा हूं। आज आपने ज्ञान दिया कि इसका एक वचन तो 'करामत' है।
धन्यवाद।
बचपन में एक किशोर उपन्यास पढ़ा था 'कैदी की करामात' और 'कुदरत की करामात' तो सुनते ही रहते हैं. पर इतना कहाँ जानते थे !
चमत्कार तो होते हैं। आस्था उनका उद्गम है।
बडनेरकर जी,
भली कही !
इधर दैविक चमत्कारों की लालसा में सदाचार का स्थान बाजीगरी ने ले लिया है | अगर मुड कर इस सफ़र के पदचिन्ह देखे तो आपके कथित (असली) 'करामाती व्यक्तित्व' विलुप्त ही मिलेंगे डायानासौर की तरह ! आपकी यह बात अधिक मौजूं लगती है कि प्रेम के दो वचन, सौजन्यतापूर्ण व्यवहार, दयालुता का बर्ताव सामान्य लोगों पर जादुई असर करते हैं। यही असली करामाती मंत्र है |
आपकी यह बात सौलह आने सच है कि सदाचार का उपदेश आसान है पर सदाचार के रास्ते पर चल पड़ना सचमुच चमत्कार से कम नहीं है।
यद्यपि बंगाल के बाउल लोग करामाती तो नहीं परन्तु सूफी फक्कड़पन के समीप होने से भाते हैं | बाउल शब्द उत्पत्ति पर कभी कुछ ज्ञानवर्धन कीजियेगा |
बिगत सप्ताह भर का खजाना आज ही बांचा | संत सिक्के और ससुराल से भरपूर सप्ताह आपने खूब संवारा !!
नमन !
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