प्राचीनकाल की छप्परयुक्त बसाहटें बाद में ग्राम और नगरों का रूप लेती चली गईं और पत्तन/पट्टम शब्द का अर्थ भी बसाहटों के कई आयामों को छूता रहा। | | |
चां बंदरगाह के लिए प्राचीन भारत में पत्तन, पट्टम् या पट्टण शब्द आम था। इस शब्द का मूलार्थ था ग्राम, बस्ती, आबादी या बसाहट। अब किसी साधारण सी बसाहट के लिए पत्तन शब्द का इस्तेमाल नहीं होता था बल्कि जो बसाहट व्यापारिक केंद्र के तौर पर विकसित हो चुकी होती थी उसे ही पट्टन कहा जा सकता था। जिन रास्तों से बड़े काफिले गुज़रते थे वहां की बस्तियों के साथ अक्सर इन नामों का प्रयोग नज़र आता है।
पत्तन या पट्टम का एक अन्य अर्थ होता है बंदरगाह या समुद्र/नदी तटीय बस्ती। भाव यहां भी व्यापार केंद्र का ही है। श्रीरंगपट्टणम, विशाखापट्टम या विशाखापत्तन। पत्तन/पट्टम शब्दों में बसाहट का भाव कहां से आ रहा है ? दरअसल कोई भी बसाहट आश्रय के एक अत्यंत साधारण और छोटे से ठिकाने से ही शुरू होती है जो सिर्फ एक छप्पर भी हो सकता है इसीलिए पत्तन/पट्टम का अर्थ प्राचीनकाल में सिर्फ गांव या बसाहट ही था। इसके पीछे तर्क यही है कि पटः धातु का अर्थ है ढकना। इसीलिए इसका एक अर्थ वस्त्र भी है। मनुष्य सर्वप्रथम लज्जा को ढक कर आश्रय पाता है। लज्जा वस्त्र में ही छुपाई जाती है। सम्पूर्ण अस्तित्व की रक्षा के लिए छत या छप्पर का आश्रय लगता है। प्राचीनकाल की ऐसी ही छप्परयुक्त बसाहटें बाद में ग्राम और नगरों का रूप लेती चली गईं और पत्तन/पट्टम शब्द का अर्थ भी बसाहटों के कई आयामों को छूता रहा। पट में छुपाने का भाव द्वारपट में भी दिख रहा है। पट्टम् बना है पटः से और पत्तन बना है पत्र, पत्रकम् से। छप्पर आमतौर पर वृक्षों के पत्तों से ही बनाए जाते हैं।
पाटलिपुत्र का मौजूदा नाम पटना भी पत्तन से ही बना है। गौरतलब है कि गंगा नदी के किनारे बसा यह नगर मौर्यकाल से ही देश का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र रहा है। गुजरात और राजस्थान में भी पाटण नाम के दो नगर है जो किसी ज़माने में बड़े व्यापारिक केंद्र थे। इसके अलावा भी मलेशिया से लेकर पाकिस्तान तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक पाटन, पत्तन, पट्टम्, पाटण जैसे नामों वाली हजारों बस्तियां हैं जो किसी न किसी नदी, जलाशय समुद्र अथवा मुख्यमार्ग पर स्थित हैं। पट्टन के साथ प्रमुख भाव बंदरगाह का न होकर व्यापारिक केंद्र का है। यही भाव बंदरगाह में भी है। ईरान में हवाई अड्डे के साथ भी बंदर शब्द लगता है और समुद्री व्यापार केंद्र के साथ भी।
अंग्रेजी में पत्तन के लिए
पोर्ट port शब्द है। इस शब्द के साथ भी गेट, दरवाज़ा, मुख्यमार्ग जैसे भाव जुड़े हुए हैं। यह शब्द बना है लैटिन के पोर्टस से जिसका अर्थ होता है गुज़रना, ले जाना, वहन करना, रास्ता, दर्रा, मार्ग अथवा दरवाजा। भाषाविज्ञानी इसे इंडो-यूरोपीय धातु prtu से उद्भूत मानते हैं जिसमें इसमें प्रवेशद्वार, बढ़ना, जैसे भाव है। इसकी तुलना संस्कृत के
प्रयाणम् ...पत्तन या पट्टण की तरह विश्व भर में ऐसे कई स्थान हैं जिनके साथ पोर्ट जुड़ा है से करें जिसका मतलब कूच करना, जाना, अभियान, यात्रा, मार्ग, हमला, यात्रा के बीच रुकना आदि। प्रयाण के मूल में है
या धातु जिसमें गति, जाना, आना, घूमना, टहलना जैसे भाव हैं।
यात्रा, यात्री, यायावर, यान, अभियान जैसे शब्द इसी मूल से जन्मे हैं। इसलिए प्रयाण, पोर्टस और पोर्ट में गहरी रिश्तेदारी है। अलबत्ता पोर्ट-
फोर्ड जैसे शब्द यात्रा, ठहराव जैसे अर्थों तक सीमित रह गए। प्रयाण शब्द में भारतीय चिंतन और मनीषा झांक रही है जिसने मृत्यु के लिए भी महाप्रयाण शब्द का ही प्रयोग किया। जीवन ही यात्रा नहीं है, उसके बाद अनंत यात्रा है।
वेबसाइट के लिए पोर्टल शब्द भी इसी मूल से जन्मा है। इसका रिश्ता ग्रीक पोरस poros से भी है जिसका अर्थ दर्रा, गलियारा अथवा यात्रा होता है। आधुनिक भवनों में वाहनों के प्रवेश के स्थान के लिए पोर्च या पोर्टिको शब्द इस्तेमाल होता है जो इसी मूल का है। यूरोप के दक्षिण पश्चिमी देश पुर्तगाल Portugal का नामकरण इसी पोर्ट से हुआ है। पत्तन की तरह यूरोप -अमेरिका में भी पोर्ट नामधारी अनेक बंदरगाह शहर या बस्तियां हैं। कैरिबियन सागर में स्थित स्वशासी क्षेत्र (अमेरिका) प्यूर्टो रिको(Puerto Rico) के इस नाम के साथ भी पोर्ट ही जुड़ा है तथा इसके दूसरे हिस्से रिको का मतलब है रिच अर्थात समृद्ध। प्यूर्टोंरिको स्पेनिश नाम है जिसका मतलब हुआ समृद्ध बंदरगाह। आज भी विश्वबैंक की सूची में यह समृद्ध राष्ट्र है।
एक प्रसिद्ध अंग्रेजी शराब का नाम भी पोर्ट है। पुर्तगाल के बंदरगाह शहर O porto अ पोर्तो शहर में बनने के की वजह से इसका यह नाम पड़ा। यह मदिरा यहा से पूरे यूरोप में भेजी जाती थी इसी वजह से इसे यह नाम मिला। अग्रेजी के पोर्टेबल या पोर्ट फोलियो जैसे शब्द भी इसी मूल के हैं। पोर्ट फोलियो एक ऐसी फाइल(बस्ता) को कहते हैं जिसमें अपने निजी दस्तावेज रखे जाते हैं। पोर्टफोलियो का अर्थविस्तार विभाग , सूची, के तौर पर भी होने लगा। जर्मन में प का उच्चारण अक्सर फ की तरह से होता है। अंग्रेजी का फोर्ड जर्मन मूल का ही है और इसका मतलब भी गुज़रना,जाना,पुल, रपटा, क्रॉसिंग, किनारा, पारपथ आदि ही होता है। अमेरिका की प्रसिद्ध मोटरकार के नामकरण में चाहे गतिवाचक फोर्ड की भूमिका न हो तो भी इसके विशिष्ट अर्थायामों की महिमा तो है। दरअसल फोर्ड कार का नाम उसके संस्थापक हेनरी फोर्ड की वजह से पड़ा। मगर फोर्ड उपनाम के पीछे जो वजह थी वह यह कि उनके पुरखे किसी नदी किनारे उस स्थान पर रहते थे जहाँ एक रपटा बना था जिस पर से होकर यात्री व गाड़ियाँ नदी पार करते थे। खरीदना, ले जाना, वहन करना के अर्थ में अफोर्ड से इसकी साम्यता विचारणीय है।
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15 कमेंट्स:
शब्दों का अर्थ या कहे भावार्थ आप से सीखा . पट से पत्तन तक . बस्तियों मे पुर का क्या चक्कर है . कानपुर, रुदेरपुर , गदरपुर , फरीदपुर आदि
ग्रेट जी ग्रेट !
'पट' खुले है,ज़रूर आएंगे
संग हम आप ही के जाएंगे,
जारी रखिये सफ़र ये शब्दों का,
सार अर्थों का पा ही जाएंगे।
ब्लागिंग क यह प्लेटफ़ाँर्म शब्दों और अर्थों का ही तो स्थल है। इस स्थल से नया और रौचक साहित्य जन्म ले रहा है, इस से जुड़े हुए समस्त लोग भाषा में परिपक्व नही है, परंतु उनमें कुछ कहने की संभावना का अनंत भण्डार भरा है। और इनमे से अधिकतर के लिये अब यह संभव भी नही कि भाषा-विझान या साहित्य की शिक्षा ले सके। ऐसे में आपके "शब्दो का सफ़र" अत्यधिक महत्वपुर्ण हो जाता है। यह विचारों को नयी गति प्रदान करने वाला भी है। मै, शब्दों का कच्चा खिलाड़ी तो इस से बहुत लाभान्वित हो रहा हुँ। धन्यवाद्।
-मन्सूर अली हाशमी
शायद Portable शब्द भी इसी से सम्बन्धित हो। अभी हम लोगों ने Porta cabin से एक रेलवे स्टेशन बनाया है। इस स्टेशन को दूसरी जगह ले जाया जा सकता है!
बहुत रोचक ...........ज्ञान वर्धक जानकारी के लिए ढेर ढेर शुक्रिया
पत्तन से ही पोर्टस और फ़िर पोर्ट शब्द लिया गया लगता है अगर इस विषय पर भी कुछ प्रकाश डालेंगे तो अच्छा रहेगा
पढते-पढते अचानक ही 'पोर्टफोलीयो' याद आ गया। निश्चय ही यह भी कहीं न कहीं आपकी इस पोस्ट से जुडता होगा।
@ज्ञानदत्त पांडे,विष्णु बैरागी-
पोर्ट से जुड़े कई शब्द हैं जिनका अनुमान लगाया जा सकता है। सबका उल्लेख करने से अनावश्यक लंबी होती है पोस्ट। एक्सपोर्ट, इम्पोर्ट जैसे शब्द भी तत्काल ध्यान आते हैं। पोर्टेबल और पोर्टफोलियों दोनो शब्दों का उल्लेख इसी पोस्ट के अंतिम हिस्से में है-
"अग्रेजी के पोर्टेबल या पोर्ट फोलियो जैसे शब्द भी इसी मूल के हैं। पोर्ट फोलियो एक ऐसी फाइल(बस्ता) को कहते हैं जिसमें अपने निजी दस्तावेज रखे जाते हैं। पोर्टफोलियो का अर्थविस्तार विभाग , सूची, के तौर पर भी होने लगा।"
@दिगंबर नासवा-
आप जिन शब्दों का उल्लेख कर रहे हैं उन्हीं संदर्भों पर तो पूरी पोस्ट लिखी गई है। पत्तन और पोर्ट में ध्वनिसाम्य भी है और अर्थ साम्य भी। पोर्ट से प्रयाण की रिश्तेदारी है (एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के आयात-निर्यात जैसे अर्थों में छुपे लाने-भिजवाने जैसे भावों पर गौर करें)। पत्तन का विकास अलग मूल से हुआ है। मगर ये सभी शब्द इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के ही हैं।
गुजरात की प्राचीन राजधानी पाटण इतनी वैभवशाली थी कि एक कहावत प्रचलित हो गई" पूछते पूछते तो आदमी पाटण भी पहुँच सकता है".
शब्दों के सफर को इस पोस्ट के सन्दर्भ में 'ज्ञान पत्तन' कहना कैसा रहेगा?
बहुत शानदार जानकारी.शब्दों की ये यात्रा हतप्रभ कर देती है. बहुत धन्यवाद आपको.
रामराम.
नदी घाटी सभ्यताओं के विकास में नदियों का बड़ा योगदान रहा है। इसीलिए आवागमन के साधन के रूप में नदियों के तटों पर अधिकाँश सभ्यताऎं/नगर/बस्तियाँ पुराकाल में बसते रहे हैं। वहीं से पत्तन शब्द प्रचलन में आया। सागर यात्रा संभवतः बाद में प्रारंभ हुयी होगी। पर्ण, पत्र आदि भी कारण अवश्य रहे होंगे। कुछ भी हो पत्तन अति प्राचीन शब्द है इसीलिए भारोपीय भाषाओं मे अपभ्रंश रूप में सम्मिलित है। बहुत अच्छी जानकारी देंने के लिए बधाई।
सुन्दर विवेचन है, बस्ती से बाजार बनने की व्यथा की अच्छी व्यंजना दी है।
हमारे दिमाग में भी पोर्टफोलियो ही आया.. पर आपकी ऊपर की टिपण्णी देख से क्लियर हो गया.
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिए आपका आभार
Ajit ji
shabdo ke sath safr karte karte sari duniya hi guma diya.sari duniya ki bhashao ka lagta hai koi network hai.
Kiran Rajpurohit
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