Saturday, July 25, 2009

नहर, नेहरू और फास्ट चैनल!!!

  Sapa 009
सिंचाई की प्रमुख व्यवस्था के तौर पर सबसे पहले जो शब्द ध्यान में आता है वह नहर है। नहर यानी फसलों तक पानी पहुंचाने के लिए मुख्य जलाशय से बनाया गया रास्ता या जलमार्ग। व्यापारिक इस्तेमाल के लिए भी इस किस्म के जलमार्ग प्राचीनकाल से ही बनाए जाते रहे हैं और उन्हें भी नहर ही कहा जाता है। हिन्दी में नहर जैसा अन्य कोई शब्द नहीं है जो इस अर्थ में इतना प्रचलित हो। हिन्दीभाषी ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए निकाली गई जल वितरिकाओं के लिए नाड़ी शब्द भी प्रचलित है मगर इसका इस्तेमाल हिन्दी क्षेत्र में सर्वव्यापी नहीं है।

हिन्दी का अपना सा हो गया नहर शब्द मूल रूप से सेमिटिक भाषा परिवार का शब्द है और मूलतः हिब्रू भाषा का शब्द है जहां से यह अरबी में गया और फिर फारसी से होते हुए भारतीय भाषाओं में दाखिल हुआ। हिब्रू व अरबी में नहर की धातु है नह्र यानी n-h-r जिसमें धारा, प्रवाह, चमक, दिन जैसे कई भाव समाए हैं। हिब्रू में नहर के मायने होते हैं नदी, प्रवाह, उजाला। गौरतलब है प्रवाह, गतिवाचक शब्द है। रफ्तार में निमिष भर देखने का जो भाव है वह चमक से जुड़ रहा है। इसी तरह नदी अर्थात जल में चमक का भाव स्वतः ही स्पष्ट है। यही अर्थ इसका संबंध उजाले से भी जोड़ते हैं। अरबी में भी नहर का अर्थ नदी, जलस्रोत, जलप्रवाह है। इसके साथ ही दिन के उजाले में किया जाने वाला धावा भी नहर कहलाता है।
... हिन्दी में नहर की अर्थवत्ता वाला दूसरा आम शब्द मिलना मुश्किल है...कैनाल में बांस की खोखली नाल की महिमा झांक रही है…यही महत्व हिन्दी के नाड़ी शब्द में भी नजर आ रहा है…132Bamboo-irrigation-0Bamboo-irrigatio…ऊपर के चित्रों में बांस पर आधारित सिंचाई प्रणाली बखूबी समझ में आ रही है…  
गौर करें धावा शब्द का रिश्ता प्रवाह और गतिवाचक भावों से है। भारत के एक प्रसिद्ध राजनीतिक परिवार का नाम नेहरू भी नहर की वजह से ही पड़ा है। अरब, इराक में नहर का रिश्ता नदी से ही जोड़ा जाता है। वहां की नदियों के साथ नहर शब्द आमतौर पर जुड़ता है जैसे नहरुल अलमास या नहरुल सलाम यानी दजला नदी।
सिंचाई की नहर के लिए अंग्रेजी में कैनाल शब्द प्रचलित है। मूल रूप से यह शब्द आया है लैटिन भाषा के कैनालिस canalis से जिसमें तरल पदार्थ के संचरण में काम आने वाले पाईप का भाव था। भारत की व्यवस्था में भी यह शब्द खूब चलता है। हिन्दी में खपा लिए जाने वाले शब्दों में कैनाल शब्द भी शामिल है जिसका मतलब लोग समझ लेते हैं। इसी तरह चैनल शब्द भी है जिसका प्रयोग भी जलमार्ग या नाड़ी के अर्थ में होता है। चैनल और कैनाल ये दोनों ही शब्द भी अंग्रेजी में हिब्रू मूल से ही गए हैं। हिब्रू में बांस के लिए कैनाह qaneh शब्द है। इसमें मूल भाव है पोला तना या नालीदार वनस्पति। गौरतलब है कि प्राचीन मिस्र में नील नदी के किनारे के खेतों में सिंचाई की नई तकनीक ईजाद हुई थी जिसमें बांसों की लंबी नालियों का इस्तेमाल होता था। हिब्रू कैनाह से यह शब्द ग्रीक में दाखिल हुआ जहां इसका रूप हुआ कैना(ह) kannah. यह लैटिन में कैनालिस canalis में तब्दील हुआ जिसका अंग्रेजी रूप हुआ कैनाल यानी नहर। लैटिन से फ्रैंच रूप बना शैनेल chanel जिसमें पानी बहाने के कृत्रिम आधार का भाव है। यानी ऐसा पेटा या नहर जिसमें से होकर पानी को प्रवाहित किया जा सके। इसका अंग्रेजी रूप हुआ channel. बाद में इसका प्रयोग समुद्री बंध, रेडियो बैंड या एक खास आवृत्ति जिस पर चल कर रेडियो तरंगे प्रवाहित होती हैं, आदि संदर्भों में भी होने लगा। हिन्दी में चैनल का प्रयोग जरिया अथवा माध्यम के रूप में भी होता है। नहर भी जल बहाव का एक माध्यम ही है जिसका प्रयोजन खेतों तक पानी पहुंचाना है। आजकल अतिरिक्त चतुर व्यक्ति के लिए तेजतर्रार, चलतापुर्जा जैसे मुहावरों के साथ-साथ फास्ट चैनल जैसा मुहावरा भी प्रचलित हो चला है। यह टीवी मीडिया की देन है।
हर के नदीवाची अर्थ का अरबी और हिब्रू में जो महत्व है वैसा हिन्दी में नहीं है। सिंचाई के साधन के तौर पर नाड़ा, नाड़ी, नाड़िका जैसे शब्द इसमें प्रचलित हैं। इसके अलावा जल-प्रवाह के साधन के तौर पर नाल, नाली या नालिका जैसे शब्द भी हैं। नदी शब्द तो है ही। हिन्दी का नदी शब्द संस्कृत के नाद से आ रहा है जो बना है संस्कृत धातु नद् से जिसमें जिसमें मूलतः ध्वनि का भाव है। नद् से ही बना है नद जिसका अर्थ है दरिया, महाप्रवाह, विशाल जलक्षेत्र अथवा समुद्र। प्राचीनकाल में पवर्तों से गिरती जलराशि के घनघोर नाद को सुनकर जलप्रवाह के लिए नद शब्द रूढ़ हो गया अर्थात नदी वह जो शोर करे। गौर करें कि बड़ी नदियों के साथ भी नद शब्द जोड़ा जाता है जैसे ब्रह्मपुत्रनद। ग्लेशियर के लिए हिमनद शब्द इसी लिए गढ़ा गया। अब साफ है कि नद् शब्द से ही बना है नदी शब्द जो बेहद आम है।
नाड़ी या नाडि का अर्थ होता है किसी पौधे का पोला तना या डंठल। कमलनाल में यह पोलापन स्पष्ट हो रहा है। नारियल का मोटा तना भीतर से पोला होता है। नाडि या नाड़ी एक ही मूल यानी नड् से जन्मे हैं। गौर करें, नद् धातु का ही एक अन्य रूप नड् है। नड् में निहित पोलापन दरअसल ध्वनि या नाद से ही आ रहा है। नड् का मतलब होता है तटीय क्षेत्र में पाई जाने वाली घास, नरकुल, सरकंडा। गौर करें वनस्पति के इन सभी प्रकारों में तने का पोलापन जाना-पहचाना है। नाडि का अर्थ बांसुरी भी होता है जो प्रसिद्ध सुषिर वाद्य है। बांस का पोलापन ही उसे सुरीलापन देता है जिससे बांसुरी नाम सार्थक होता है। बाँस की पोल से गुज़रती हवा से नाद पैदा होता है। इस पोल का प्रवाही उपयोग भी बाद में हुआ और पानी के बहाव या धारावाही के अर्थ में नाड़ी का प्रयोग भी होने लगा। धमनियों-शिराओं के लिए भी नाडि शब्द प्रचलित है। हिन्दी का नाली शब्द बना है नल् धातु से जिसका मतलब होता है गोलाकार, पोली वाहिनियां। यह नड़ का अगला रूप है। शरीर की नसों के लिए मूलतः इनका प्रयोग होता है। बाद में जल-प्रवाह की कृत्रिम संरचनाओं के लिए भी इससे नाली शब्द बनाया गया। घरों में पानी की सप्लाई के लिए जिन पाईपों से होकर पानी आता है उसे नल इसी लिए कहते हैं।
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13 कमेंट्स:

Himanshu Pandey said...

नहर और कैनाल दोनों का उदगम हिब्रू से ही हुआ - गजब है । नहर कहाँ से निकल आयी - कौन जानता था ? ज्ञानवर्धन का अभार ।

Mumukshh Ki Rachanain said...

शब्द दर शब्द जो व्याख्या या स्पष्टीकरण चला, प्रवाह हर क्षण कड़ी दर कड़ी जुड़-जुड़ कर रोचक होता गया. कब नदी समुद्र में जा मिली पता ही न चला.
रोचक प्रस्तुति पर बधाई और ज्ञान वर्धन हेतु शुक्रिया.

दिनेशराय द्विवेदी said...

मनुष्य जब अफ्रीका में पैदा हो कर सारी दुनिया में फैल सकता है तो शब्द या भाषा क्यों नहीं?

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

आप के पिटारे से इक शब्द और निकला, नहर , इतनी रोचक जानकारी के लिये धन्यवाद ।

Ashok Pandey said...

धन्‍यवाद, ज्ञानवर्धन के लिए। अभी तक नहर के भौगोलिक उद्गम से ही मतलब रहता था, अब भाषाई उद्गम भी जान गए।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अजित वडनेरकर जी!
आपने अच्छी जानकारी दी।
कही नहर और नैहर का भी तो कोई सम्बन्ध नही है।

दर्पण साह said...

Good post on etymology.
Good Research work.

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

नहर का उद्दगम भी देखा और नहर शब्द का उद्दगम भी आज देख लिया . नहर के पास रहने वाले नेहरु हो गए मेरे तो घर के पास से नदी बहती है मैं क्या लिखू अपने नाम के आगे

शोभना चौरे said...

jaese nahar kinare vale nehru ho gye to kai ndiyo kinare rhnevale bhi un ndiyo ke nam se jane jate hai .jaise saryupri brahman .saryu nadi.
narmdeey braman narmda ndi aadi aadi ........
achhi jankari ke liye aabhar

अजित वडनेरकर said...

@शोभना चौरे
आपने सही कहा। नामों पर इन दिनों एक पोस्ट लिख रहा हूं। आपके प्रोफाइल में इ-पता नहीं लिखा है :)

कडुवासच said...

... bahut achchhee jaankaari !!!

दिगम्बर नासवा said...

Lajawaab post hai ......... nahar ki jaankaari dilchasp hai

SP Dubey said...

सार्थक लेख
ध्न्यवाद

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