Saturday, October 17, 2009

मेहरौली, मुंगावली, दानाओली, दीपावली[लकीर-4]

   diwali-greetings

संबंधित पोस्ट-1.लीक छोड़ तीनौं चलै, सायर-सिंघ-सपूत [लकीर-1] 2.रेखा का लेखा-जोखा (लकीर-2)3.कोलतार पर ऊंटों की क़तार [लकीर-3] 4.पतली गली से गुज़रना [सफर के रास्ते-1]

क़ तार के अर्थ में हिन्दी के के अवलि, पंक्ति जैसे शब्द इस्तेमाल होते हैं। हालांकि अवलि मूलतः संस्कृत का शब्द है। इसका देशज रूप अवली है। बोलचाल की हिन्दी में यह कम प्रयुक्त होता है मगर कई शब्दों में इसकी अर्थछाया नज़र आती है। कई कोशों में इसके अवलि, अवली, आवलि, आवली, औली, आलि जैसे रूप मिलते हैं। मूलतः इस शब्द में रेखा, पंक्ति, कतार, सजावट आदि का भाव है। दीपावली, दीवाली, दिवाली जैसे विभिन्न शब्दरूपों में यही आवलि झांक रही है जिसका अर्थ है दीयों की क़तार। संस्कृत में आलि शब्द है जिसका प्रयोग काव्य में किसी स्त्री की सहेली के तौर पर भी होता है। आलि में रेखा, लकीर, पुल, पुलिया का भाव है। आलि शब्द बना है अल् धातु से जिसमें साज-सज्जा का भाव प्रमुख है। इसके अलावा इसमें रोकना, थामना जैसे भाव भी है। स्तम्भ को परिनिष्ठित हिन्दी में आलम्ब कहते हैं अर्थात लम्बवत स्थिति। एक पुल कई आलम्बों पर टिका रहता है जो एक पंक्ति में होते हैं। आलि शब्द में पुल और क़तार शब्द का भाव एक साथ स्पष्ट हो रहा है। यही नहीं ध्यान दें तो कतार या पंक्ति सज्जाविधान का एक प्रमुख अंग भी है। सो पंक्ति के रूप में आलि में निहित सजावट का भाव भी स्पष्ट है। अल् से बने हैं अलंकार, आलंकारिक, अलंकरण जैसे शब्द जिनमें गहना, सजावट, शृगार के भाव हैं। सजावट के बिना दीपावली की कल्पना नहीं की जा सकती। 

आलि में निहित पंक्ति, कतार के भाव की तुलना और आलि शब्द की ध्वनियों की तुलना अवली, अवलि से की जा सकती है। ये दोनों ही शब्द निकट के हैं। आप्टे कोश में अवलि शब्द नहीं मिलता इसकी जगह आवलि शब्द है। हिन्दी शब्दसागर में अवलि शब्द को संस्कृत का बताया गया है और अवली को देशज हिन्दी शब्द। संस्कृत का आवलि शब्द वल् धातु से बना है जिसमें जाने का, गति का, आगे बढ़ने का, मुड़ने का, घेरने, लुढ़कने, लुढ़काने का भाव है। बिंदु को रेखा का उद्गम माना जाता है। बिंदुओं का वृद्धिक्रम ही रेखा कहलाता है। सो रेखा में गति और वृद्धि का भाव स्पष्ट है। क़तार में क़तरा-क़तरा यानी बूंदों के टपकने का भाव साफ नजर आ रहा है जो एक लम्बवत लकीर ही होती हैं। वृद्धिक्रम ज़रूरी नहीं कि सीधा हो। रेखाएं सरल भी होती है और वक्र भी। ऊर्ध्व भी होती है और क्षैतिज भी। गोल घेरा भी रेखा से ही निर्मित होता है। वल् शब्द में घेरने और मुड़ने का भाव भी निहित है। जाहिर है किसी पदार्थ को मोड़ने, dघुमाने के अर्थ में हिन्दी में बल शब्द का प्रयोग किया जाता है जो शक्ति वाले बल से अलग होता है। माथे पर बल पड़ना में यही बल झांक रहा है। वल्लरी में भी यही बल है जो वृक्ष के सहारे घूमते हुए ऊपर चढ़ती है। इसका ही देशज रूप है बेल। रोटी बनाने का उपकरण बेलन भी इसी मूल से जन्मा है क्योकि इसे घुमाया जाता है।

वलि शब्द का सर्वाधिक प्रयोग बसाहटों के अर्थ में हुआ है। वल् में निहित घेरने का भाव किसी ग्राम-नगर की सीमा में स्पष्ट हो रहा है। किसी भी बसाहट के लिए सीमांकन ज़रूरी है। गांव-आबादी की कैसी भी बसाहट हो, बिना घेरे के पूरी नहीं होती। घेरा का अर्थ गोल-चक्र ही नहीं होता बल्कि वह समूचा क्षेत्र जो चारों दिशाओं में किसी कृत्रिम रचना से आवृत्त हो, घेरा हुआ कहलाता है। जगप्रसिद्ध कुतुबमीनार दुनियावालों के लिए दिल्ली में है मगर हमारे लिए वह मेहरौली में स्थित है जो दिल्ली के पास स्थित एक प्राचीन बसाहट है। जब दिल्ली का नाम इंद्रप्रस्थ था, तब प्रख्यात खगोलशास्त्री वराहमिहिर का इस इलाके में आश्रम था। इतिहासकारों के मुताबित चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा वहां में 27 मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा था। यह काम वराहमिहिर के मार्गदर्शन में चलता रहा। इन मंदिरों को मुस्लिम शासको द्वारा नष्ट किया गया मगर इस स्थान को मिहिरावली यानी वराहमिहिर की देखरेख में बन रहे मंदिरों की पंक्ति के नाम से जाना गया। इसी तरह चंदौली, अतरौली, मुंगावली, डबवाली, बिलावली जैसी आबादियों के नामों के पीछे भी यही आवलि छुपी नजर आती है। भण्डौली शब्द का मतलब हुआ बरतनों की कतार। यही नहीं एक वनौषधि का नाम होता है पंचौली क्योंकि उसके फूल में पांच दल होते हैं जिसकी वजह से उसे पंचावलि कहा गया जो पंचौली हो गया। ब्राह्मणों का एक गोत्र पंचौली होता है। संभवतः इस व्युत्पत्ति से उसका रिश्ता नहीं है। पंचाल जनपद के ब्राह्मण पांचाल कहलाते होंगे जो कालांतर में पंचौली हो गया। मराठी में ओळी किसी गली या कतारनुमा रिहाइश को कहते हैं। मराठा शासकों की राजधानी ग्वालियर में इस शब्दमूल से जुडे कई स्थाननाम मिलते हैं जैसे दानाओली जिसका अर्थ हुआ जहां दाना यानी अनाज मिलता हो। साफ है कि आशय ग्रेन मार्केट से है। इसी तरह दर्जीओली का मतलब हुआ जिस गली में दर्जियों की दुकानें हों।यहां अवलि का मतलब कतार, पंक्ति से ही है जो अंत में गली के अर्थ में रूढ़ होता है।

14 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

मौके पर ज्ञान!!


सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'

निर्मला कपिला said...

कल आती हूँ आपकी सभी रह गयी पोस्ट पढने के लिये अज तो बस दीपावली की शुभकामनायें ले लीजिये। बहुत बहुत बधाई आपके इस सफर मे यूँ ही शब्दों के दिये जलते रहें

दिनेशराय द्विवेदी said...

अजित भाई, अवलि का प्रकरण आज दीपावली के पर्व पर सब को आप की शुभकामनाएँ प्रेषित कर रहा है।
शब्दों का सफर लगातार जारी रहे। आप हिन्दी की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं। आप का यह काम अमावस की रात में दीपावली की तरह जगमगा रहा है।
आप को दीपावली पर्व पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ।

Unknown said...

दीपावली के शुभ अवसर पर आपको और आपके सहपरिवार को और आपके सभी शुभचिंतको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये.

sanjay vyas said...

प्रासंगिक चर्चा.शुभ पर्व पर शुभकामनाएं.

Sanjay said...

हम जैसे अज्ञानियों के दिमागों में शब्‍द रूपी ज्ञान के दीपक जलाने के लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद अजित भाई... दीपावली की शुभकामनाएं।

संगीता पुरी said...

!!
पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!

दिलीप कवठेकर said...

दिये जलते हैं, फूल खिलते हैं,
और आप हन सभी दिपावली के इस त्योहार को मन से मनाते हैं. आपको और परिवार को हार्दिक शुभकामनायें..

डॊ. सुरेश जी वर्मा कहां है आजकल?

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत बढिया और सामयिक जानकारी. शुभ दीपावली.

Gyan Dutt Pandey said...

आपको मंगलमय हो जी दीपावली। मां महालक्ष्मी की कृपा रहे!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
युग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!

डॉ महेश सिन्हा said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

Himanshu Pandey said...

दीपावली के बहाने मेरे जिले चंदौली की शब्द-व्युत्पत्ति पर भी आपकी नजर गयी, आभारी हूँ ।

कल नहीं देख पाया आलेख को । दीपावली की शुभकामनायें ।

चंदन कुमार मिश्र said...

सुन्दर! बहुत अच्छा! अब हम अपने यहाँ के कई गाँवों के नाम के पीछे औली शब्द पर कुछ दिमाग लगा सकते हैं। महरौली का नाम भी समझ आ गया।

आलम्ब का भी अर्थ आधार के साथ इस तरह हो सकता है।, पता चला। धन्यवाद!

नीचे दिया गया बक्सा प्रयोग करें हिन्दी में टाइप करने के लिए

Post a Comment


Blog Widget by LinkWithin