Saturday, May 8, 2010

बिकट रूप धरि….

विकट शब्द का मुहावरेदार प्रयोग भी बोलचाल में होता है जैसे विकट आदमी या विकट मनुष्य।
ठिन या मुश्किल के अर्थ मे हिन्दी में विकट शब्द का प्रयोग होता है। मूलतः विकट में कठिनाई कम और विस्तार ज्यादा है अर्थात विकट शब्द गुणवाची कम और परिमाणवाची ज्यादा है। मराठी, राजस्थानी, मालवी, अवधी और अनेक बोलियों में विकट का देशी रूप बिकट मिलता है। मिसाल के तौर देखें हनुमान चालीसा का यह दोहा- सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥ इसमें सूक्ष्म के सापेक्ष विकट शब्द के प्रयोग से साफ जाहिर है कि विकट का प्रयोग यहां हनुमानजी के विशाल रूप धारण करने के संदर्भ में हुआ है। भारी मुश्किल या विपत्ति के जब आती है तब अक्सर उसे विकट समस्या कहा जाता है। यहां समस्या के संदर्भ में विकट का अभिप्राय उसके आकार यानी बड़ा होने से है।
विकट शब्द बना है संस्कृत के कटः में वि उपसर्ग लगने से। गौरतलब है कि वि उपसर्ग में तीव्रता, आधिक्य, गुरुता,  महत्ता, वैचित्र्य जैसे भाव हैं। संस्कृत का कटः शब्द अनेकार्थी है जिसमें रीति, प्रथा, बाण, चटाई, कूल्हा, शव जैसे अनेक अर्थों के साथ आधिक्य या प्रचूरता का भाव भी है।han किसी चीज का भारी या विशाल होने से लोग अक्सर प्रभावित होते हैं। आकार की विशालता स्तब्धकारी या भयकारी होती है। इसीलिए विकट शब्द के साथ विकरालता अर्थता भीषण, भयंकर, भयानक जैसे अर्थ भी जुड़ गए। विकट शब्द का मुहावरेदार प्रयोग भी बोलचाल में होता है जैसे विकट आदमी या विकट मनुष्य। जाहिर है, यहां किसी व्यक्ति के स्वभाव वैचित्र्य की ओर संकेत होता है न कि उसके विशाल आकार की ओर। आमतौर पर घमण्डी, बहादुर, चालाक, अच्छे डीलडौल वाला या बुद्धिमान व्यक्ति को उक्त विशेषणों से नवाजा जाता है। हालाँकि ख्यात भाषाविद् डॉ रामविलास शर्मा के मुताबित पूर्ववैदिक भाषा में विकट शब्द नहीं था। दरअसल इसका आदि रूप विकृत है। पूर्व वैदिक भाषा में जब वर्ग की ध्वनियों का प्रवेश हुआ, यह उसका परिणाम था।
विकट का प्रयोग दारुण या दयनीय के अर्थ में भी होता है और बड़ा, विस्तृत, विशाल अथवा विकराल के अर्थ में भी। समस्या भी विकट हो सकती है और भवानी भी विकट (विकट भवानी) हो सकती है। डरावना, कुरूप अथवा भयानक के अर्थ में भी विकट का प्रयोग होता है पर हिन्दी में अब इसका सीमित इस्तेमाल देखने में आता है। आमतौर पर व्यापक, बड़ा, तेज या भीषण जैसे विशेषणों की एवज में विकट शब्द का प्रयोग होता है। अत्यंत, तीव्र या अत्यधिक के अर्थ में उत्कट शब्द भी इस्तेमाल होता है। उत्कट इच्छा या उत्कट अभिलाषा जैसे प्रयोग बोलचाल और लिखत-पढ़त में प्रचलित हैं। संस्कृत में उद् धातु का अर्थ है ऊपर, उठा हुआ। इस तरह उत्कट का मतलब हुआ सतह से ऊपर उभर आई अधिकता अर्थात बहुत सारा, बहुतायत, तीव्र, अत्यधिक आदि।
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5 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

विकट जानकारी रही. :)

दिनेशराय द्विवेदी said...

अभी तो जीवन विकट है।

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

विकट जानकारी के साथ मेरे खाते मे दो शब्द और आये - गुणवाची और परिमाणवाची (Qualitative and Quantitative)

आशुतोष पार्थेश्वर said...

इस सफर की बात ही कुछ और है ! एक शब्द अपनी व्यूटपत्ति को लेकर उकसा रहा है- अनुष्का । मेरी मदद करें ।

Mansoor ali Hashmi said...

मास्साब, क्या विकट शब्द दिए है, पसीना आ गया !......

जब तक जमे 'विकेट' पे 'विकट' रहे 'युवराज',
बोलर्स को लगने लगे साक्षात् यमराज,
साक्षात यमराज, प्राण गेंदों का हरता,
टीम की अपनी झोली वो छक्को से भरता,
उत्कट हुआ उदर समस्या विकट हुई है,
'कौच' किनारा कर गया प्रशंसक नाराज़.

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