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Wednesday, July 7, 2010
घटाओं का घटाटोप [मेघ-3]
हि न्दी में बादल के लिए एक और प्रचलित नाम है घटा। यह शब्द बना है संस्कृत की घट् धातु से जिसमें जिसमें एक करने, मिलाने, संचित करने, टिकने का भाव है। कूप या कुएं में जल संचित होता है, टिकता है, आश्रय पाता है। संस्कृत में घट्ट यानी कूप। इसे रहँट शब्द की व्युत्पत्ति से समझें तो आसानी होगी। रहँट कुएं से पानी उलीचने की प्राचीनतम प्रणाली का नाम है। इसमें कई पात्र एक घिरनी से बंधे होते हैं। यह घिरनी एक चक्के से जुड़ी होती है जिसे वृत्ताकार दायरे में बैलों की मदद से घुमाया जाता है। रहँट बना है संस्कृत के अरघट्ट से अरघट्ट> अरहट्ट> रहंट के क्रमिक विकास से। इस तरह घट्ट में कूप का का भाव स्पष्ट और सार्थक है। अरः का अर्थ है नुकीले दांतोवाला पहिया। अरः बना है ऋ धातु से जिसमें घूमना, परिक्रमा, चक्रण, जाना, आना जैसे भाव हैं। घट्ट में कूप का भाव भी है और घिरनी के साथ घूमते हुए जलपात्रों का भाव भी जिनमें जल संचित होकर ऊपर आता है और कुँए के साथ बनी एक नांद में उलीचा जाता है।
इसी तरह घट् में निहित एकत्रित होने, मिलने या समुच्चय का भाव घटा शब्द में स्पष्ट हो रहा है क्योंकि बादल दरअसल जलवाष्प का संग्रहीत रूप ही हैं जो लगातार घने होते हुए कई समुच्चय बनाते हैं जिसे घटा कहते हैं। शृंगार गीतों में घटा, काली घटा शब्द का खूब इस्तेमाल होता है। यहां भी मिलन का भाव ही है। दरअसल आसमान में उभरते बादलों के रूपाकार जब उमड़ते-घुमड़ते एक दूसरे में समाहित होते हैं, सम्मिलित होते हैं तब ऐसे मेघ-समूह को घटा कहते हैं। बादल के इकलौते टुकड़े को घटा नहीं कहा जा सकता बल्कि बादलों का समूह, समुच्चय ही घटा कहलाता है। आकाश में बादलों की सघन अवस्थिति को घटाटोप कहा जाता है। यह घटाटोप तब मुहावरे की अर्थवत्ता धारण करता है जब चारों ओर से आती मुश्किलों-परेशानियों का उल्लेख करने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। समुच्चय, इकट्ठा या एकत्रीकरण के लिए बोलचाल का शब्द जमघट है जो इसी मूल से आ रहा है। घटा के साथ जमा होने का भाव जमघट में स्पष्ट है। घटाटोप आसमान में होती है और जमघट आसमान के साथ जमीन पर भी होता है।
मेघ शब्द का ही एक रूप है मेह। हिन्दी और संस्कृत में बादल के अर्थ में बोला जाने वाले मेघ शब्द मेघ शब्द की उत्पत्ति मः या म धातु से हुई है जिसका अर्थ है नमी या जल। अंग्रेजी के मड शब्द की उत्पत्ति इंडो-यूरोपीय शब्द meu-mu है जिसका मतलब भी नमी, गीलापन या गंदगी ही होता है। जहां तक गंदगी के भाव का सवाल है संस्कृत की मः धातु से ही कुछ अन्य शब्द भी बने हैं जैसे मीढ, मेहनम् और मूत्रम् आदि। ये सभी गंदगी या नमी का बोध कराते हैं। संस्कृत के मिह् का अर्थ भी मूत्रोत्सर्ग करना, तर करना, गीला करना होता है। फारसी के प्राचीन रूप अवेस्ता में भी एक शब्द है मुथ्र जिसका अर्थ भी गंदगी या विष्ठा होता है। हिन्दी संस्कृत के मूत्र से इसका साम्य गौरतलब है। मः मे समाए नमी अथवा जल के भाव वाले कुछ और शब्द भी हिन्दी – संस्कृत के अलावा अन्य इंडो-यूरोपीय भाषाओं में हैं जैसे मेह यानी बादल, मही यानि जलराशि, मिहिका यानी हिम या पाला, लैटिन का मिडोस यानि नमी या आर्द्रता और इसके अलावा ओल्ड जर्मेनिक का मड जिससे अंग्रेजी का मड, मडल या मडी जैसे शब्द बने। पुराणों में इन्द्र को वर्षा का देवता कहा गया है। वर्षा मेघों से होती है इसीलिए संस्कृत में इन्द्र का एक नाम मघवन या मघन भी है। प्रसिद्ध कोशकार अरविंद कुमार ने बादल के कई पर्याय एकत्रित किए हैं जैसे-अंबर, अंबुधर, अंबुवाह, इरावान, गगनध्वज, चातकनंदन, तोयद, तड़ित्वान, नभगज, नाग, धूमयोनि आदि। (समाप्त)
पिछली कड़ियां-1.छाई पच्छिम की बदरिया…[मेघ-1]2.दीवाना हुआ बादल…[मेघ-2]
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10 कमेंट्स:
@संस्कृत की मः धातु से ही कुछ अन्य शब्द भी बने हैं जैसे मीढ, मेहनम् और मूत्रम् आदि। ये सभी गंदगी या नमी का बोध कराते हैं।
क्या ‘म्लेच्छ’ का भी इससे कोई सम्बन्ध है?
@ सिद्धार्थ भाई
जरुर है ,आखिर को ,ये भी नमीं और गंदगी का बोध कराते हैं :)
@अजित भाई
अत्यंत ज्ञानवर्धक आलेख! घटा के साथ टोप जुडना समझाइये ज़रा !
मुझे क्यों लगता है कि घट के साथ आतप जैसा कुछ हो सकता है ?
ankaari se bharaa hai aapka lekh .........padhkar achchha lagaa
रहट से बहुत पुरानी यादे ताज़ा हो गई . पहले घटा या रहट के आसरे पर ही खेती होती थी .
हमारे यहां रहट ऊठ से चलाया जाता था और एक बन्दर ट्रेन्ड कर दिया था जो ऊठ के उपर बैठता था जब ऊठ रुकता था तो बन्दर सन्टी मार कर उसे चला देता था
# जुड़ के बादल बन रहे देखो 'घटा',
मैं बिखर के 'घट' रहा हूँ आजकल,
# 'म:' तो है मौजूद मानव मात्र में,
'मन' के 'सुर' में बट रहा हूँ आजकल.
# विस्तृत कितना है 'शब्दों का सफ़र',
'घुटनियों' ही चल रहा हूँ आजकल.
-मन सुर अली हाशमी
कुछ घट रहा का अर्थ तब होगा कि कुछ इकठ्ठा हो रहा है न कि केवल हो रहा है ।
अच्छा लेख !
मेरा कमेन्ट कहाँ गया। अजित भाई आज कल शायद गूगल मे कुछ प्राबलम है। मैने उसमे पूछा था कि झोला छाप का अर्थ क्या है-- जैसे झोला छाप डाक्टर---- आदि। धन्यवाद आज आपका उत्तर देखने आयी थी। धन्यवाद्
वाह, बहुत ख़ूब !!! "इस घट अंतर बाग बगीचे - कबीरे" में यही घट है न ? मतलब घड़ा। जिसमें संचय किया जा सके ।
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