जाने-माने ब्लॉगर और हमारे मित्र, भोपालवासी रवि रतलामीजी का एक ईमेल हमें कल प्राप्त हुआ, जिसे जस का तस यहाँ दे रहा हूं।
क़रीब एक महिना पहले की गई रविजी की यह भविष्यवाणी या ठोस अनुमान सच साबित हुआ और शब्दों का सफ़र को रोज़ फीड के ज़रिए पढ़नेवाले सदस्यों/ पाठकों की संख्या एक हज़ार के आंकड़े को पार कर चुकी है। यह सब सफ़र के पाठकों के इस ब्लॉग के प्रति लगाव का नतीजा है। शब्द व्युत्पत्ति को लेकर शुरु हुई मेरी नितांत वैयक्तिक सी ख़ब्त को ब्लॉग जैसी विधा के चलते एक सामूहिक मंच मिला, जहाँ हमें कई प्रबुद्ध साथी मिले जिनसे इस विषय पर रोज़ाना शब्दों की साझेदारी करने में अपार सुख और आनंद मिलता है। तीन महिने पहले ही शब्दों का सफ़र ने अपने तीन वर्ष भी पूरे किए। इस दौरान क़रीब 980 पोस्ट लिखी गईं जिनमें से लगभग 125 पोस्ट बकलमखुद की हैं। इसमें कोई शक नहीं कि ब्लॉगरों के आत्मकथ्य आधारित अनियमित स्तम्भ बकलमखुद का योगदान भी शब्दों का सफ़र को लोकप्रिय बनाने में है। दो महिने पहले ही सफ़र ने दो लाख हिट्स पाने का आंकड़ा भी छुआ। नियमित सदस्य पाठकों से हटकर एक अन्य सर्वे, प्रिय आशीष ने अपने ब्लॉग पर पिछले महिने दिया था-100 से ज़्यादा फॉलोवर वाले हिन्दी चिट्ठों का शतक, जिसमें उन्होंने फॉलोअर्स की संख्या को आधार बनाते हुए हिन्दी ब्लॉगिंग की गति और लोकप्रियता दिखाने का प्रयास किया था। इस सूची में भी शब्दों का सफ़र वरीयता सूची में दूसरे स्थान पर था। पहला स्थान आशीष के ब्लॉग का है। आज शब्दों का सफ़र के फॉलोअर्स भी 572 हो चुके हैं।अजित जी,आपके नियमित सब्सक्राइबरों की संख्या 1 हजार से ऊपर पार करने पर आपको बधाई. मेरे विचार में आपका ब्लॉग हिंदी ब्लॉग जगत का ऐसा पहला ब्लॉग है.यह आलेख देखें -फ़ोर फ़िगर सब्सक्राइबरों की ओर छलांग लगाते हिंदी चिट्ठे आपका, रवि
सफ़र की जो मुहीम हमने शुरु की थी, उसके उद्धेश्य के मद्देनज़र उपरोक्त तमाम आँकड़े या तथ्य गै़रज़रूरी हैं। इनका महत्व सिर्फ़ इस बात में है कि इस सफ़र से आप सब जुड़े हैं। इसीलिए यह जानकारी यहाँ साझा कर रहा हूं। सफ़र का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए मैने इस ब्लॉग पर सर्च गैजेट लगाया हुआ है। किसी शब्द के जन्मसूत्र जानने के लिए इसमें वह शब्द लिखने पर संदर्भित पोस्ट नज़र आती हैं। दूसरा तरीका एकदम देशी मगर कारगर है। जो लोग ब्लॉग के सर्च ऑप्शन में जाकर शब्द नहीं खोज रहे हैं, उन्हें इससे लाभ होगा। सीधे गूगल के सर्च ऑप्शन में जाकर मनचाहा शब्द लिखें और स्पेस देकर सफर भी लिखें, जैसे यज्ञ शब्द खोजना हो तो यज्ञ के आगे स्पेस देकर लिखें सफर। इस तरह-यज्ञ सफर। अगर संदर्भित शब्द पर सफर में कोई सामग्री है, तो नतीजा तुरन्त मिलेगा। सिर्फ एक शब्द लिखने से शायद आपको ज्यादा खोजना पड़े, मगर हर बार चाहे गए शब्द के साथ सफर शब्द लिखने से तत्काल नतीजा मिलेगा।
करीब दो माह से शब्दों का सफ़र से मैं क़रीब क़रीब दूर रहा। वजह आप सब जानते हैं। शब्दों का सफ़र को पुस्तकाकार लाने के प्रयास में एक वर्ष से मैं व्यस्त था। पिछले दो महिनों से किताब का काम अपने अंतिम चरण में था, जो अब पूरा हो चुका है और जल्दी ही राजकमल प्रकाशन से पुस्तक का पहला खंड सामने होगा। आप सबका इस बात के लिए भी आभार व्यक्त करता हूं कि इस दौरान भी सफ़र से जुड़े रहे और यहाँ नियमित रूप से सैर करने आते रहे। कोई दिन ऐसा नहीं रहा जब मुझे यहाँ लोगों कि गैरहाज़िरी मिली हो। तहे दिल से सबका शुक्रिया। सफ़र चलता रहेगा। हर पल, हर दिन। आमीन।
25 कमेंट्स:
शब्दों का सफर संग्रहणीय है. पुस्तकाकार में लाने का आपका प्रयास सराहनीय है.
इन्तजार रहेगा पुस्तक का....बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ
जय हो !
एक लाख की अग्रिम बधाई !!
सहस्त्र बधाई,
'शब्दों' की 'अर्थो' से सगाई,
कितने बाराती ले आई!!!
बहुत बहुत बधाई ! ये सफ़र यु ही जारी रहे |
हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं…
मेरे द्वारा नियमित पढ़े जाने वाले कतिपय चिठ्ठों की सूची में आपका ब्लॉग भी शामिल है… सब कुछ आप लिख ही देते हैं सो टिप्पणी करने को कुछ बचता ही नहीं… :)
आप जल्द से जल्द १० हजार की संख्या पार करें, यह शुभकामना
बहुत बहुत बधाई हम तो लाखों की उमीद्लगाये बैठे हैं। पुस्तक प्रकाशन के लिये भी बधाई।
अजित भाई बधाई। मुझे तो महत्वपूर्ण यह लगता है कि ग्राहक हजार नहीं लाख हो जाएं। किसी भी ब्लाग की सार्थकता तभी है जब लोग उसे लाभांवित हो रहे हों। वे भले ही हजार नहीं कुछ सौ ही होंगे। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि ब्लाग की दुनिया में आपका शब्दों का सफर इंसाक्लोपीडिया की तरह काम करने लगा है। बधाई इस बात की लीजिए। शुभकामनाएं।
अतिशय शुभकामनायें आपको।
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नीरज
यह आंकड़ा इस ब्लाग के लिए एक सार्थक व उपयोगी ब्लाग होने का प्रमाण है...बहुत-बहुत बधाई।
बधाई, बधाई और बधाई भाई साहब, शब्दों का सफर यूँ ही नित नए शिखर छूता रहे, शुभकामनाएं
बधाई - वैसे भी काफी पाठकों ने रजिस्टर नहीं करा रखा - संख्या इससे कहीं अधिक है अजित भाई
Hazaree banane par bahut bahut badhaee.
पंजाबी के एक कवी मोहन सिंह ने कुँए के बैल की सिफत में लिखा है :
इह गाधी बनी नवारी
अग्गे वगदा बलद हजारी
कर इस उत्ते असवारी
भुल जावण दोवें जग नी
साडे खूह ते वसदा रब नी...
यहाँ बलद हजारी का मतलब हज़ार रूपये का अर्थात बहुत कीमती बैल है. आप हमारे बलद हजारी पहले से ही हैं, अब एक और परिप्रेक्ष्य से भी हो गए हैं. यहाँ कूएँ को मैं आपका ब्लॉग समझता हूँ, जिस के शब्दों की रौनक पाकर हम दोनों जग्ग (जहान) भूल जाते हैं.
हज़ार हज़ार वधाई
यह स्पष्ट है कि गंभीर किस्म के पाठकों की संख्या कम नहीं है. शब्द-व्युत्पत्ति के साथ आप जिस तरह प्रासंगिकता, संदर्भ और लालित्य के साथ विषय को विस्तार देते हैं, उसे कम से कम इतना सम्मान तो मिलना ही चाहिए, बधाई.
बधाई ................. अजितप्रभाव सतत अग्रसर रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है
ऐसा ब्लॉग और कहा !!
वेसे हमें तो कबसे इस किताब का इंतज़ार है .
इसके लिए केवल बधाई कम है इसलिए जो अच्छा शब्द आपके पास हो हमारी तरफ से रख ले .
इस उपयोगी ब्लॉग द्वारा नित नई-नई ऊँचाइयाँ छूने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ..!!
शब्दों का सफर यूँ ही नित नए शिखर छूता रहे, शुभकामनाएं
आज एक और खबर है आपके लिए, वही खबर जिसे अब ई-मेल पर नहीं देने की बात कह चुका हूँ :-)
बधाई एक बार फिर
इन्तजार रहेगा पुस्तक का....बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ
पुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई |कब तक इन्तजार पुस्तक का करना होगा |
आशा
आप सभी साथियों का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
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