हिन्दी के लेखक और अंग्रेजी के राइटर शब्दों के अर्थ न सिर्फ एक हैं बल्कि दोनों शब्दों का उद्गम भी एक ही है । लेखक शब्द लेख् से बना है वहीं राइटर शब्द राइट से बना है। इन दोनों शब्दों के मूल में संस्कृत की धातु रिष् है जिसका मतलब होता है क्षति पहुंचाना, ठेस पहंचाना, चोट पहुंचाना ऋष् शब्द का अर्थ भी चोट पहुंचाना ही होता है। इसीलिए तलवार या भाला जैसी वस्तु के लिए ऋष्टि शब्द भी है। रिष् का अगला रूप बना रिख् जिसमें आघात करना, खरोचना, खींचना, जैसी क्रियाएं शामिल हैं। खुरचने-खरोचने की क्रिया से ही लकीर बनाने की क्रिया के लिए लिख शब्द चल पड़ा जिसके तहत आलेखन, उत्कीर्णन और चित्रण की क्रियाएं भी शामिल हो गईं। लिख से ही निर्माण हुआ रेखा का जिसका अर्थ हुआ लकीर , धारी, पंक्ति , आलेखन आदि। भाषाविज्ञानी डॉ रामविलास शर्मा का मानना है कि द्रविड़ भाषा परिवार की तमिल में लेखन के लिए वरि शब्द मिलता हैं जिस का अर्थ है लिखना , चित्र बनाना। थोड़े बदलाव के साथ तेलुगू में व्रायु, रायु जैसे रूप मौजूद हैं। व्रात का मतलब भी लेखन होता है। व्रात (vrat ) की तुलना अंग्रेजी के write से करें तो समानता साफ नज़र आती है। अंग्रेजी में इस शब्द के विकास क्रम में भी खुरचना जैसे अर्थ शामिल रहे हैं।
Thursday, November 22, 2007
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4 कमेंट्स:
@क्षति पहुंचाना, ठेस पहंचाना, चोट पहुंचाना ऋष् शब्द का अर्थ भी चोट पहुंचाना ही होता है...
ओह! मैं तो सोचता था कि लेखन एक बड़ा तीरंदाजी का काम है.. यह जानकारी अच्छी लगी.
शुक्रिया!!
चूंकि पत्रकार भी हूँ और उसका यही मुख्य कार्य है - आघात पहुंचाना - तो अब मैंने तो खुद सिद्ध टाईप का लेखक मान लिया.
Gyanwardhak.
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