| बाज, कुत्तों और अरदलियों के साथ अवध के नवाब का शिकार पर निकलना यूं हुआ करता था। 1844 की एक लिथो पेंटिंग | |
कि सी के मातहत काम करने के संदर्भ मे हिन्दी में अक्सर एक मुहावरा प्रचलित है अरदली में रहना, अरदली करना या अरदली में चलना। यह बना है अर्दली या अरदली शब्द से जिसकी बनावट और ध्वनियों की वजह से पहली नजर में यह उर्दू-फारसी का लगता है पर मूलतः यह शब्द बना है अंग्रेजी के आर्डली (आर्डरली) से जिसका मतलब होता है सुव्यवस्थित, अनुशासित रूप से कार्य करनेवाला मगर व्यवहार में आर्डली से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है जो किसी ओहदेदार का सहायक, अनुचर या परिचर होता था। भारत में आमतौर पर अर्दली की पहचान नौकर की रही। पुराने ज़माने में किसी रसूखदार का अरदली हो जाना बड़ी शान की बात हुआ करती थी। आज भी इसमें कमी नहीं आई है।
अंग्रेजी राज में ही
आर्डली orderly शब्द रियासती राजकाज की भाषा का हिस्सा बन चुका था जिसका उर्दू संस्कार अर्दली के तौर पर हुआ। ठीक वैसे ही जैसे ज्योग्रॉफी geography से उर्दू-पंजाबी का
जुगराफिया बना। अंग्रेजी राज में आर्डली एक ऐसा सहायक होता था जो उसकी राह आसान करते हुए उसके बताए हुए कामों का बेहतर इंतजाम करते हुए अधिकारी के आगे-पीछे चलता था। आमतौर पर फौज और सामान्य प्रशासन में इस शब्द को अपनाया गया। सहायक या अनुचर की भूमिका में जन-समान्य में नौकर-सेवक-भ्रत्य जैसे शब्द चलते रहे। इससे ही
अरदली मुहावरा भी बना जिसका मतलब किसी की सरपरस्ती में, मातहती में जीविकोपार्जन करनेवाला। अरदली या ऑर्डली शब्द में ऑर्डर शब्द साफ नुमायां हो रहा है।
ऑर्डर भारोपीय भाषा परिवार से जुड़ा शब्द है और इसमें भी संस्कृत के ऋ अथवा र वर्ण की महिमा झांक रही है। इसका हिन्दी में प्रयोग आमतौर पर आदेश, हुक्म या आज्ञा के तौर पर होता है जिसका सीधा संबंध अरदली से जुड़ता है। मगर मूल रूप में ऑर्डर में क्रम, पंक्ति, एकसूत्रता, सरलता, वर्ग, श्रेणी, कोटि और व्यवस्था जैसे भाव शामिल हैं। इनमें क्रम सबसे महत्वपूर्ण है। आजकल के अर्दली खुद ऑर्डर देते हैं, अफसर के मुलाकातियों को कतार में खड़ा करते हैं। आर्डर शब्द बना है मूल इतालवी भाषा की धातु ored(h) से जिसमें व्यवस्था का भाव है। इससे लैटिन का ऑडिनेम , फ्रैच का ऑद्रे और अंग्रजी का ऑर्डर शब्द बना जिसमें पंक्ति, व्यवस्था जैसे अर्थ समाए हैं। गौर करें, इन तमाम शब्दों में छुपे भावों में क्रम सबसे महत्वपूर्ण है। क्रम में शामिल भाव बहुत व्यापक हैं। आदेश पालन में क्रम ही महत्वपूर्ण है। कोई भी आदेश, किसी व्यवस्था के तहत और व्यवस्था निर्माण के लिए होता है। व्यवस्था किन्हीं चीज़ों या बातों को क्रम देने का ही नाम है। क्रम का स्वरूप हमेशा सरल या रैखिक ही होता है। कतार के अर्थ में अंग्रेजी का रो row शब्द भी इसी कड़ी का हिस्सा है। भारोपीय भाषा परिवार की एक धातु है री rei जिससे आर्डर या रो जैसे शब्द बने हैं।
संस्कृत में
ऋष या
रिष् धातु का अर्थ है कुरेदना, खुरचना, जख्मी करना आदि। संस्कृत के
ऋष् शब्द में कुरेदना, खंरोचना, काटना, छीलना आदि भाव समाहित हैं। ऋष् का अपभ्रंश रूप होता है
रिख जिसका
पुराने ज़माने में किसी रसूखदार का अरदली हो जाना बड़ी शान की बात हुआ करती थी। आज भी इसमें कमी नहीं आई
मतलब होता है पंक्ति। हिन्दी का
रेखा इससे ही बना है। मराठी में रेखा को
रेषा कहते हैं। प्राचीनकाल में अंकन का काम सबसे पहले पत्थर पर शुरू हुआ था। पत्थरों पर उत्कीर्ण लकीर में ऋष् धातु में निहित कुरेदने, खरोचने की बात साफ हो रही है। दुनिया की प्राचीनतम रेखा किसी काग़ज़ पर नहीं बल्कि पत्थर पर ही उकेरी गई थी।
गौर करें रो और रेखा की समानता पर। बसाहट के अर्थ में भी कतार, पंक्ति का भाव आता है। बांग्ला में सरणि शब्द आम है। सिविल लाइन या पुलिस लाइन की तरह वहां सरणि शब्द चलता है। रो हाऊसिंग भी इसी तरह का प्रयोग है। या सरल रेखा के अर्थ में ही राह की पहचान होती है जिसका संबंध ऋ धातु से है। फारसी में रिश्ता तन्तु, सूत्र या धागे को कहते हैं जिसे रेखा के अर्थ में समझा जाता है और जिसका अर्थ विस्तार संबंध में होता है। संस्कृत का मराठी का रेषा, हिन्दी का रेशा एक ही धागे से बंधे हैं जिससे रेशम जैसा शब्द भी बना है। रिश्ता भी एक धागा है जो दो लोगों में रिश्तेदारी अर्थात संबंध बनाता है। कुरेदने, खरोचने की क्रिया के जरिये ही प्राचीन मानव ने चिह्नांकन सीखा। यही रेखांकन है। रेखा, क्रम का विस्तार ही पदानुक्रम में आता है जिसके लिए अंग्रेजी में रैंक शब्द प्रचलित है और हिन्दी में भी यह आम बोलचाल में प्रचलित है। आर्डर का रिश्ता क्रम या पंक्ति से स्थापित हो चुका है। व्यवस्था तभी बनती है जब उसकी कोई प्रणाली हो। यही रीति कहलाती है जो ऋत् धातु से बनती है। ऋत् में भी क्रम निहित है। मौसम के लिए ऋतु शब्द में एक खास अनुशासन, क्रम या चक्र साफ समझा जा सकता है। इसका बदला हुआ रूप रुत है जिसका प्रयोग रुत बदलना जैसे मुहावरे में भी होता है जो परिवर्तन को ही इंगित करता है।
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19 कमेंट्स:
'ज्योग्रॉफी से उर्दू-पंजाबी का जुगराफिया बना' जुगराफिया बन तो गया पर ये होते कौन हैं? और करते क्या हैं? पहली बार ही सुना है ये शब्द तो.
@ अभिषेक ओझा,
जुगराफिया ----- physical features
उदाहरणार्थ, 'बीमारी ने तो यार तेरे चेहरे का जुगराफिया ही बदल कर रख दिया!'
(The illness has changed geography of your face guy!)
@अभिषेक ओझा
भाई, जुगराफिया पर सवाल खड़ा कर आपने मेरे लिए मुश्किल खड़ी कर दी! मुझे लगा कि आप मजा़क कर रहे हैं। ज्योग्रॉफी तो भूगोल के लिए ही प्रयोग होता है पर उर्दू वालों ने इसे जुगराफिया बना दिया। आश्चर्यजनक रूप से इस शब्द में मुहावरेदार अर्थवत्ता समा गई, जैसा कि ab inconvenienti ने आपको सौदाहरण समझाया है।
मेरी मुश्किल ये है कि ऐसी शुरुआत के बाद मेरी इस पोस्ट के असली कंटेंट पर तो चर्चा होने से रही। ज्यादातर साथी अब जुगराफिये में ही उलझते-सुलझते रहेंगे :)
प्रियवर वडनेकर जी।
इतनी गहराई में जाकर, शब्दों की विवेचना कोई अजित ही कर सकता है। अर्दली वास्तव में आर्डली से ही बना है।
रेखा शब्द की विवेचना भी अच्छी लगी।
शब्दो का सफर जारी रखें।
शुभ-कामनाओं सहित।
कुछ संस्थानों में ऑर्डरली पद होता है। कानून में बहुत दिन यह झगड़ा चलता रहा कि यह पद संस्थानिक होता है या घरेलू।
अच्छी खोजबीन है। 'जाग्रोफी' का 'जुगराफिया' बनने की तर्ज पर ही अंग्रेजी का 'ब्रदर' उर्दू में जाकर 'बिरादर' बन गया।
आज भी साफा बांधे अर्दली प्रशसनिक ,न्यायपालिका के अफसरों के साथ चलते है और मंत्रियों के साथ भी . पर अर्दली का अर्थ आज ही मालूम हुआ . अंग्रेजी के कुछ शब्द उर्दू ,हिंदी मे घुल मिल गए है .जैसे लालटेन
शब्दो का सफ़र,सफ़र के मज़े के साथ-साथ जानकारी भी बढा देता है।
आप जो भी बातें बताते हैं उससे ज्ञान में इजाफा होता है
अजित जी,
हम आज समझ गए कि
पहले रसूखदारों के
अरदली हुआ करते थे
पर आज तो
अरदली ही रसूखदार हो गए हैं !
समय की बलिहारी है भाई,
आपकी ये जानकारी भी रास आई.
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
बहुत अच्छी जानकरी .
बनारस में एक अर्दली बाजार है . हिंदी में तो अर्दली ही लिखते है पर अंग्रेजी में orderly लिखते है , मुझे शक था होना हो ये अर्दली आर्डर से बना हुआ है .
बैरागी विष्णु
भैया बिरादर शब्द ब्रदर का रूपांतर नहीं बल्कि ब्रदर बिरादर की बिरादरी एक ही है। ज़रा इस क्रम पर गौर करें भ्रातृ > बिरादर > ब्रदर अथवा मातृ > मादर > मदर या फिर पितृ > पिदर/पिसर > फादर । दरअसल ये सभी शब्द भारोपीय भाषा परिवार के हैं। इनका विस्तार यह भी दर्शाता है कि अलग अलग दिशाओं में गए आर्यभाषा-भाषी मानव समूहों में भाषायी विकास कैसा रहा है।
वाह !! कितना रोमांचक है यह शब्दों का सफ़र !!
अर्दली शब्द की उत्पत्ति और प्रयोग के बारे में जानना बड़ा ही अच्छा लगा....धन्यवाद....
मज़ा आया पढ़कर !
अब शायद गर्व की बात नहीं रही....पर हाँ रसूख अपने साहब जैसा ही रखते है ये लोग...खैर दिलचस्प शब्द
अर्दली के रुतबे तो हम आज भी देखते हैं। एक दमदार अर्दली को मैने अक्सर कहते सुना कि साहब तो आते-जाते रहते हैं लेकिन अर्दली कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा।
आपका आभार। एक शब्द को अच्छे से समझाया आपने।
वाह भई वाह..
बचपन से पापा के ऑदर्ली को देखता आया थ.. ये भी जानता था कि यह अंग्रेजी शब्द का अपभ्रंस मात्र है मगर इतनी उम्दा जानकारी पढ़ कर मजा आ गया.. :)
इसी से मुझे भी कुछ याद आया. कलेक्टर शब्द कि उत्पत्ती के बारे में भी कभी टार्च मारें.. :)
कई शहरों में अर्दली बाजार भी है.. उर्दू बार की तरह
बहुत ही उम्दा जानकारी.
अजित ददा , इतनी सारी पोस्ट को अब एक किताब की शकल में छपवाने की सोचे ताकि अध्ययन -अध्यापन के पेशे से जुड़े अधितम लोगों तक यह सरल भाषा में लिखी अत्युत्तम जानकारी सुलभ हो सके (अगर किताब अभी तक न आई है तो , और अगर आ गई है तो कॄपा कर प्रकाशक / वितरक का पता बतायें)
अंग्रेजी के ज्योग्रफी, ज्यामिती आदि शब्द स्वयं संस्कृत के ज्यो से बने हैं, जिसका अर्थ पृथ्वी होता है। ज्यामिति मने पृथ्वी को मापना।
आर्डर जैसा ही एक शब्द है आर्डिनेन्स, जिसका अर्थ गोला-बारूद या युद्ध सामग्री होता है, यथा आर्डिनेन्स फैक्टरी। क्या इस आर्डिनेस का आर्डर से कोई संबंध है? यदि हां तो व्यवस्था, कतार आदि अर्थ वाले आर्डर कैसे विध्वंसक सामग्री का अर्थ देने लगा? यह जानना रोचक होगा।
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