... पेज page शब्द प्राचीन भारोपीय धातु pag से बना है जिसमें जमाना, जकड़ना, स्थिर करना जैसे भाव हैं।...
ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें |
... पेज page शब्द प्राचीन भारोपीय धातु pag से बना है जिसमें जमाना, जकड़ना, स्थिर करना जैसे भाव हैं।...
ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें |
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 2:14 AM
16.चंद्रभूषण-
[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8 .9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 17. 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26.]
15.दिनेशराय द्विवेदी-[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22.]
13.रंजना भाटिया-
12.अभिषेक ओझा-
[1. 2. 3.4.5 .6 .7 .8 .9 . 10]
11.प्रभाकर पाण्डेय-
10.हर्षवर्धन-
9.अरुण अरोरा-
8.बेजी-
7. अफ़लातून-
6.शिवकुमार मिश्र -
5.मीनाक्षी-
4.काकेश-
3.लावण्या शाह-
1.अनिताकुमार-
मुहावरा अरबी के हौर शब्द से जन्मा है जिसके मायने हैं परस्पर वार्तालाप, संवाद।
लंबी ज़ुबान -इस बार जानते हैं ज़ुबान को जो देखते हैं कितनी लंबी है और कहां-कहा समायी है। ज़बान यूं तो मुँह में ही समायी रहती है मगर जब चलने लगती है तो मुहावरा बन जाती है । ज़बान चलाना के मायने हुए उद्दंडता के साथ बोलना। ज्यादा चलने से ज़बान पर लगाम हट जाती है और बदतमीज़ी समझी जाती है। इसी तरह जब ज़बान लंबी हो जाती है तो भी मुश्किल । ज़बान लंबी होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है ज़बान दराज़ करदन यानी लंबी जीभ होना अर्थात उद्दंडतापूर्वक बोलना।
दांत खट्टे करना- किसी को मात देने, पराजित करने के अर्थ में अक्सर इस मुहावरे का प्रयोग होता है। दांत किरकिरे होना में भी यही भाव शामिल है। दांत टूटना या दांत तोड़ना भी निरस्त्र हो जाने के अर्थ में प्रयोग होता है। दांत खट्टे होना या दांत खट्टे होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है -दंदां तुर्श करदन
अक्ल गुम होना- हिन्दी में बुद्धि भ्रष्ट होना, या दिमाग काम न करना आदि अर्थों में अक्ल गुम होना मुहावरा खूब चलता है। अक्ल का घास चरने जाना भी दिमाग सही ठिकाने न होने की वजह से होता है। इसे ही अक्ल का ठिकाने न होना भी कहा जाता है। और जब कोई चीज़ ठिकाने न हो तो ठिकाने लगा दी जाती है। जाहिर है ठिकाने लगाने की प्रक्रिया यादगार रहती है। बहरहाल अक्ल गुम होना फारसी मूल का मुहावरा है और अक्ल गुमशुदन के तौर पर इस्तेमाल होता है।
दांतों तले उंगली दबाना - इस मुहावरे का मतलब होता है आश्चर्यचकित होना। डॉ भोलानाथ तिवारी के मुताबिक इस मुहावरे की आमद हिन्दी में फारसी से हुई है फारसी में इसका रूप है- अंगुश्त ब दन्दां ।
11 कमेंट्स:
शब्दों का सफर अब किताबों के पन्नों तक आ पँहुँचा है।
आपने इसे मंजिल तक पहुँचा दिया है।
बधाई।
आज तो सुबह सुबह सबसे पहला ब्लॉग पेज यही पढ़ रहा हूँ । पेज से जुड़ी इन बातों के लिये धन्यवाद ।
पकार की धूम है जी, सारे महत्वपूर्ण और प्राचीन शब्द एक दूसरे के बंधु हैं।
पेज पर भी आपने एक पेज की अमूल्य जानकारी दी , वाह ये सफ़र ऐसे ही चलता रहे .
Ajit sa
Namaskar
page dar page jankari ke liye bahut shikriya.
kiran
बहुत बढिया जानकारी दी आपने.
रामराम.
पेज दर पेज पढ़ते पढ़ते पेज के बारे मे भी पढ़वा दिया आपने .
पेज और पर्ण सम्बन्धित हैं तो पण भी सम्बन्धित होगा आधुनिक सन्दर्भ में। पण/पण्य (पैसे) का आधुनिक रूप नोट पेज से ही बना है।
दादा ने मेरे बडे बेटे का नामकरण किया - वल्कल। नाम अनूठा था सो हर कोई उसका अर्थ पूछता। परिणामस्वरूप, मेरे परिचय क्षेत्र में 'वल्क' का अर्थ जानने वालों की संख्या अच्छी-भली है।
वरक के माने
इस तरह तो हम
आज ही जान पाए.
==================
आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
अजीत जी ..पेज पृष्ट पत्र..वल्क जैसे शब्द हम राज्मर्रा की जिन्दगी में बहुता यात उपयोग करतें हैं ...आप का शोध महत्व पूर्ण है ...एक पुस्तक आजाये तो ...हम जैसे लिखने वालों के लिए बहुउपयोगी सिद्ध होगी ...
Post a Comment