Wednesday, December 15, 2010

शिमला में हिम की खोज

ज़रूर पढ़े-1.धरती का दुर्ग बचाएं... 2.लीला, लयकारी और प्रलय….3.काश ! चलते पहाड़...The_ridge
ब्दों के बदलते प्रतिरूप आश्चर्यजनक तरीके से चौंकाते हैं। स्थाननामों की रचना में अक्सर वहाँ की भौगोलिक खूबियाँ महत्वपूर्ण होती हैं। पूर्वांचल के एक प्रांत का नाम मेघालय इसलिए है क्योंकि यहाँ अक्सर बादलों का डेरा रहता है। मेघ अर्थात बादल और आलय अर्थात घर। आलय यानी आश्रय। संस्कृत के लय का अर्थ है आराम करने की जगह जाहिर है दुनियाभर के आरामगाहों में घर को सबसे ऊँचा दर्ज़ा मिला हुआ है। इसी तर्ज़ पर हिमालय को देखें। हिम + आलय = हिमालय अर्थात वह स्थान जहाँ बर्फ़ का बसेरा हो। जहाँ हिम को आश्रय मिले वह है हिमालय। ठेठ पूर्वोत्तर का ही एक और प्रान्त है अरुणाचल प्रदेश। पूर्व दिशा सूर्योदय का प्रतीक है। अरुण का अर्थ होता है प्रातः की लालिमा, लाल रंग। अरुण सूर्य के सारथी का नाम भी है क्योंकि सूर्योदय से पहले उसकी लाल रश्मियों को थामने वाले अरुण के दर्शन होते हैं। यही नहीं, आप्टेकोश में सूर्य का एक पर्याय अरुण भी बताया गया है। संस्कृत में अचल का अर्थ होता है पर्वत। चल् धातु में गति का भाव है। निषेध या नकार की अर्थवत्त वाले उपसर्ग के लगने से अचल का अर्थ हुआ जो चलता न हो अर्थात जो स्थिर हो। इस तरह अचल में पर्वत या पहाड़ का भाव स्थिर होता है और अरुण + अचल = अरुणाचल का मतलब हुआ सूर्यपर्वत, सूर्योदय का प्रान्त अथवा वह स्थान जहाँ सबसे पहले सूर्य उगता है।
सी कड़ी में आता है हिमाचल प्रदेश। अरुणाचल की तरह ही हिमाचल का अन्वय हुआ हिम + अचल = हिमाचल यानी वह प्रदेश जहाँ हमेशा बर्फ़ जमी रहती हो। यह आश्चर्य की बात है कि इस हिमप्रान्त की राजधानी शिमला के नाम के साथ बर्फ़ जैसा कोई शब्द चस्पा नहीं है। शिमला की व्युत्पत्ति श्यामला ( देवी ) से जोड़ी जाती है। श्यामला देवी दुर्गा का एक नाम-रूप है। भारत के ज्यादातर पर्वतीय शहरों की तरह ही शिमला का विकास भी अंग्रेजी राज में हुआ, मगर उनके आने से पहले भी यहाँ बस्ती हुआ करती थी जिसका नाम शिमला था। अठारहवीं सदी के दूसरे दशक में सतलुज घाटी के विस्तृत सर्वेक्षण कार्य के दौरान स्कॉटिश सर्वे दल ने पहाड़ियों से घिरे शिमला ग्राम को खोजा था। आमतौर पर शिमला का नाम श्यामलादेवी से जोड़ा जाता है जिनका प्राचीन मंदिर यहाँ है। 1822 में स्कॉटिश सिविल अफ़सर चार्ल्स केनेडी ने यहाँ अंग्रेज अधिकारियों के लिए पहली आरामगाह बनवाई थी। संस्कृत के श्याम शब्द का अर्थ काला, धूसर, गहरा भूरा या नीला होता है। श्याम यानी बादल भी और श्याम यानी शिव भी। श्याम से ही बना है श्यामा अर्थात काली रात, काली नदी, काली गाय, तुलसी का पौधा, मादा कोयल आदि। हिन्दी का साँवला शब्द भी इसी कड़ी का है और श्यामल > शामल > साँवल > के क्रम में साँवला हुआ। इसका स्त्री रूप साँवली होता है। श्यामल का स्त्री रूप श्यामला बनेगा। दुर्गा पर्वतवासिनी हैं और इसीलिए इन्हें पहाड़ाँवाली कहा जाता है। पर्वतीय स्थानों पर दुर्गा के विभिन्न नामोंवाले धाम मिलते हैं जैसे कालका जो हरियाणा में है। कालका शिमला रेलमार्ग प्रसिद्ध है। कालका भी देवी दुर्गा का ही रूप है जो श्यामवर्णी है। इसी तरह कई जगह चण्डीदेवी के मंदिर होते हैं। चण्डिका रौद्ररूपधारिणी दुर्गा हैं जिनका वर्ण श्यामल है। इसी तरह दुर्गा का सबसे प्रसिद्ध रूप काली का है। इन्हें कालिका भी कहते हैं जिसका अपभ्रंश ही कालका है। स्पष्ट है कि श्यामला में काले वर्णवाली कालिका का भाव ही है। 
भाषा वैज्ञानिक व्युत्पत्ति के हिसाब से डॉ रामविलास शर्मा शिमला के शिम में हिम देखते हैं। बर्फ़ के लिए कश्मीरी में शीन है जो हिमा का रूपान्तर ही है। उनका कहना है कि पूर्ववैदिक भाषाओं में हिम का रूप घिम था। स्लाव और केल्त भाषाओं के ध्वनिरूपों से तुलना करते हुए वे यह स्थापना देते हैं। लात्वियाई भाषा में हिम का एक रूप जीअँम है, लिथुआनी में यह झीअँम है। इसी तरह जब ज का अघोषीकरण हुआ तो पुरानी प्रशियाई में यह सॅमॉ हो जाता है। हिम का पूर्व रूप घिम है इसकी जानकारी इसके ग्रीक रूप खॅइम से होती है। सॅमॉ जैसे रूप से ही शिमला के शिम का विकास समझ में आता है। कश्मीरी में हिमभण्डार के लिए मॉन / मोनू शब्द भी है। संस्कृत में सर्दी के मौसम को हेमन्त कहा जाता है। यह हेम भी हिम् से ही आ रहा है। हेमन्त से का लोप होकर पहाड़ी बोलियों में हिमन्, हेमन्, हिमान्, खिमान् जैसे रूप भी बनते हैं। सर्दी का, बर्फ़ीला  या शीत सम्बन्धी अर्थों में इन शब्दों का प्रयोग होता है। स्पष्ट है कि हिमालय से हिमाल रूप तो हिमाचली और नेपाली में भी बनते हैं। हिमाल का शिमाल और फिर शिमला रूपान्तर दूर की कौड़ी नहीं है। 

ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें

21 कमेंट्स:

रंजना said...

इतनी सुन्दर जानकारिय देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार..
शिमला कहीं भी दुर्गा देवी से सम्बंधित होगा अंदाजा नहीं था और कश्मीर तो पूर्णत उर्दू/मुस्लिम नाम ही लगता था..

रंजना said...

आपके पुस्तक का कार्य कहाँ तक पहुंचा ???

दिनेशराय द्विवेदी said...

सुंदर जानकारियाँ।

Asha Lata Saxena said...

शिमला शब्द कैसे बना सुन्दर जानकारी दी है |जानकारी देती रचना |बधाई
आशा

ghughutibasuti said...

सदा की तरह रोचक. हम जैसे तो जब आप शब्द किस राह चले बताते हैं तो हाँ ऐसा ही हुआ होगा सोच दंग रह जाते हैं.
घुघूती बासूती

shikha varshney said...

रोचक और खूबसूरत जानकारी दी आपने ..शुक्रिया.

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर जानकारी दी है

डॉ टी एस दराल said...

बहुत सुन्दर जानकारियां दी हैं . आभार .

डा श्याम गुप्त said...

"आलय यानी आश्रय। संस्कृत के लय का अर्थ है आराम करने की जगह.." साथ ही...."हिम + आलय = हिमालय"----लय का अर्थ आराम करने की जगह समझ में नहीं आया--
--आलय का अर्थ ही आराम करने की जगह, आश्रय, हुआ जो आपके उदाहरण में सटीक बैठ रहा है--"हिम + आलय = हिमालय"
---लय का अर्थ अपने पूर्व रूप में या किसी अन्य रूप में विलुप्त होना होता है..यथा प्रलय, विलय,आदि...

---संस्कृत में, अरुण का अर्थ है "भोर से चमकते" और अचल अर्थात जो चलायमान न हो यानी "पर्वत..

प्रवीण पाण्डेय said...

मुझे भी पहले श्यामला जैसी ही कोई उत्पत्ति समझ में आती थी इसकी।

Baljit Basi said...

अजीत भाई, प्रदेशों के नाम के पीछे लगने वाला क्या अंचल या आँचल नहीं होता?
शिमला का नाम तो हम देवी के नाम से ही सुनते आए हैं .

अजित वडनेरकर said...

बलजीत भाई की जै हो।

इन प्रान्तों के ये नाम ऐतिहासिक नहीं हैं बल्कि राज्यों के पुनर्गठन के दौर में रखे गए। इनके हिज्जे वैसे ही हैं जैसे मैने लिखे हैं सो इनके अन्वय में अचल सही है जिसका अर्थ पहाड़ है। यूँ अंचल कतई गलत नहीं है। अंचल बना है संस्कृत के अञ्चल से जिसका अर्थ पल्लु होता है। भाव एक दायरे या परिधि का है। बाद में एक विशिष्ट सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में इसका अर्थ भी रूढ़ हुआ और आंचल हुआ पल्लु। मगर सरकारी काग़ज़ात में तो अरुणाचल और हिमाचल ही लिखा जाता है क्योंकि ये पर्वतीय क्षेत्र हैं। अञ्चल से ही आंचलिकता जैसा क्षेत्रीय भाव वाला शब्द बना है। अंचल यानी अपनी खास जातीय, सांस्कृतिक, सामाजिक पहचान वाला विशिष्ट क्षेत्र।

अजित वडनेरकर said...

डॉ साहब,
लय से जुड़ी अर्थगर्भिता के लिए संबंधित पोस्ट का लिंक दिया है। इस पर विस्तार से केंद्रित है उक्त पोस्ट।

Baljit Basi said...

शुक्रिया,लेकिन 'पूर्वांचल' में तो आँचल स्पष्ट है? हाँ, विन्ध्याचल में नहीं.

नीरज मुसाफ़िर said...

मैंने तो सोचा था कि वडनेरकर साहब इन कडकडाते जाडों में शिमला जा फंसे।

अजित वडनेरकर said...

बलजीत भाई,
यहाँ भी वही बात है। पूर्वांचल किसी पहाड़ की ओर संकेत नही करता बल्कि इसका अर्थ पूर्वी अंचल यानी पूर्वी क्षेत्र से है। जबकि विन्ध्याचल का अर्थ विन्ध्य पर्वतमाला से है न कि किसी क्षेत्र से।

अजित वडनेरकर said...

नीरज भाई,
शिमला तो नहीं, हाल ही में पचमढ़ी जाकर ज़रूर लौटा हूं जहाँ कभी बर्फ़ नहीं पड़ती:)

Mansoor ali Hashmi said...

है बहुत ऊंचा 'हिमालय' उसे रहने दे अभी,
बहती गंगा ही मे धो लेते है अब हाथ ज़रा

'हिम' जमी सोच पे, वाणी पे लगे है पहरे*, *tapping
आओ पढ लेते है फिर वेदो के कुछ पाठ ज़रा

mansoorali hashmi

उत्‍तमराव क्षीरसागर said...

बहुत श्रमसाध्‍य और महत्‍वपूर्ण कार्य कर रहे हैं आप, यह सब जि‍तना रोचक है उतना ही उपयोगी भी....शुक्रि‍या...आभार !

निर्मला कपिला said...

pपहले तो आपको पुस्तक के प्रकाशन के लिये ढेरों बधाईयाँ। एओचक जानकारी के लिये आभार।

रौशन जसवाल विक्षिप्त said...

nice information. thanks

नीचे दिया गया बक्सा प्रयोग करें हिन्दी में टाइप करने के लिए

Post a Comment


Blog Widget by LinkWithin