बंदरगाह शब्द फारसी का है जिसमें इसकी दो व्युत्पत्तियां मिलती हैं।
Monday, January 26, 2009
बंदरगाह से बंदर की रिश्तेदारी ! [आश्रय-6]
ब चपन से ही भूगोल की किताबों में अक्सर बंदरगाह शब्द सिर्फ इसी वजह से आकर्षित करता रहा है क्योंकि इसमें बंदर शब्द आता है। बंदरगाह शब्द का अर्थ समझा तो पता चला कि समंदर किनारे वह स्थान बंदरगाह कहलाता है जहां जहाज रुकते है। यूं शब्दविलास के स्तर पर पेड़ को भी बंदरगाह कह सकते हैं क्योंकि वहां बंदर रुकते हैं। वैसे हिन्दी का बंदर शब्द संस्कृत के वानर से बना है। बंदरगाह वाले बंदर शब्द की आमद कहां से हुई?
बंदरगाह (bandargah) शब्द मूलतः फारसी का है जो तीन शब्दों से मिल कर बना है बंद+दर+गाह। बंद यानी घिरा हुआ , दर यानी दरवाजा, गेट और गाह यानी स्थान, ठिकाना। इस तरह जहाजों के रुकने के स्थान के रूप में बंदरगाह का अर्थ हुआ तीन ओर भूमि से घिरा हुआ समुद्र अथवा खाड़ी जहां जलपोत ठहरते हों। फारसी का बंद शब्द हिन्दी में भी प्रचलित है जो कई अर्थों में प्रयुक्त होता है जैसे घुटा हुआ, ढका हुआ, घेरा हुआ आदि। यह बना है संस्कृत की बंध धातु से जिसमेकसने, समेटने, संकीर्ण करने, बांधने आदि का भाव है। बांध, बंधु, बंदी, बंधन आदि शब्द इसी मूल से पैदा हुए हैं। इसी तरह दर शब्द भी संस्कृत मूल का है और द्वारम् से बना है जिसके फारसी रूप है दर, दर्रा, दरवाज़ा आदि। दरगाह भी इसी मूल से बना है। गाह अर्थात ठिकाना या स्थान शब्द की रिश्तेदारी संस्कृत के गुहा अथवा गृह से मानी जा सकती है जिसका मतलब स्थान, ठिकाना, घिरा हुआ क्षेत्र आदि होता है।
दूसरी व्युत्पत्ति के मुताबिक बंदरगाह शब्द बोनेहदार > बोनदार > बोन्दर से बना है। फारसी में बोनेहदार (bonehdar) राजस्व विभाग का एक आला अफसर होता था जिसके जिम्मे समुद्र तट से होने वाले व्यापार की कर वसूली का काम था और वह वसूल हुए लगान अथवा अन्य महसूल का हिसाब किताब रखता था। इसी वसूली अफसर के ठिकाने के लिए बोन्दर (बंदर) के साथ गाह शब्द लगा है जिससे बना बंदरगाह अर्थात समुद्रपारीय व्यापार की चुंगी वसूलने का स्थान। जाहिर सी बात है कि जहाज जब किनारे पर लंगर डालता है तो माल की लदाई, उतराई, खरीद फरोख्त तौल जैसी कई क्रियाएं भी वहां होती हैं जो सब कर की सीमा में आती है लिहाजा बंदरगाह शब्द का अर्थ विस्तार हुआ और गोदी अथवा पोर्ट भी इसके दायरे में आ गए। वैसे मध्यकालीन ईरान की कृषि व्यवस्था से भी बोनेह शब्द जुड़ा हुआ है। बोनेह एक किस्म की बटाई पर खेती की व्यवस्था थी जिसमें पांच से आठ व्यक्तियों का समूह बड़ी जोत या बड़ी खेती वाले गांवों में या ऐसे जमींदारों के लिए जो बड़ी काश्त के मालिक थे, फसली मौसम के दौरान कृषि से जुड़े समस्त कार्यों की जिम्मेदारी संभालते थे जिसमें बुवाई से लेकर फसल की कटाई और फिर उसकी बटाई भी शामिल थी। इस समूह के मुखिया को सर बोनेह कहते थे। राजस्व वसूली के अर्थ में बोनेहदार भी इसी कृषि संस्कृति से निकला शब्द है जो बाद में बंदर के रूप में रूढ़ हो गया।
दुनियाभर में बंदर नाम के अनेक शहर हैं। कहने की ज़रूरत नहीं कि ये सब समुद्र तटवर्ती ही हैं। ईरान का बंदरअब्बास शहर फारस की खाड़ी का मशहूर बंदरगाह रहा है जिसका नामकरण शाह अब्बास के नाम पर किया गया। मुंबई में बंदर नाम से जुड़े कुछ ठिकाने हैं मसलन अपोलोबंदर या बोरीबंदर। मुंबई के ये सभी इलाके समंदर के किनारे स्थित हैं। अपोलोबंदर इलाके के नाम के साथ लगे बंदर शब्द पर कोई मतभेद नहीं है कि यह जलीय व्यापार केंद्र के तौर पर प्रचलित बंदरगाह से ही आया है अलबत्ता अपोलो शब्द के बारे में अलग-अलग नजरिया ज़रूर है। कुछ संदर्भ इसे पखाड़ी (बसाहट, बस्ती) से जोड़ते है जिसका उच्चारण अग्रेज पल्लो करते थे और कुछ संदर्भों में इसका रिश्ता पाल से जोड़ा गया है जिसमें युद्ध पोत का भाव निहित है। यहां गौरतलब है कि प्राचीन जलयान पालों के सहारे चलते थे। इसे पल्लव बंदर (pallav bandar ) से व्युत्पन्न भी माना जाता है। तटीय कोलियों की ज़बान में पल्लव का अर्थ होता है सघनता, समूह आदि मगर इस बात का खुलासा नहीं है कि स्थान विशेष के अर्थ में समूह (पल्लव) शब्द का अर्थ क्या है क्योंकि बंदरगाह पर अगर कोई जमावड़ा है तो वह सिर्फ नौकाओं और जलयानों का ही होता है। अरब सागर के मुंबई तटीय क्षेत्र में पल्वा ( palwa bandar ) मछली की बहुतायत है। अपोलो बंदर के नामकरण में इस पल्वा का भी शुमार है। जो भी हो, इस विषय में किसी भी संदर्भ में अपोलो शब्द का रिश्ता ग्रीक पुराणों में उल्लेखित अपोलो से नहीं जोड़ा गया है जिससे जाहिर है कि अपोलोबंदर का पूर्वार्ध विदेशी नहीं है। इसी तरह बांद्रा का नाम भी बंदर अर्थात पोर्ट की वजह से ही पड़ा है।
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प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 8:10 PM लेबल: government, shelter
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31 कमेंट्स:
सरकार जिसमें बंदर
या बंदर ही सरकार
बंदर बनाएं सरकार
सरकार पकड़ें बंदर
आम गण के लिए बंद
दर
माफिया के लिए खुला दर
समेट कर ले भर संसदअंदर
बंदरसंसद या संसदबंदर
पर यहां न आंखों में पानी
न लिहाज का पानी
फिर भी अच्छा लगता है
बंदरसंसद या बंदरसरकार
चाहे डूब जाएं सबके मानी।
सही मे मेरे लिए भी एक गुत्थी थी बंदरगाह . आज समाधान हुआ . संधि विछेद से तुरंत समझ आ गया . धन्यबाद
आप ने बंदर पर खूब शोध की। हमारे यहाँ एक बड़े लायक जज साहब थे। जज साहब कभी कभी बंदर जैसी कुछ हरकतें कर ते थे। लोग उन्हें पीठ पीछे बंदर कहने लगे। किसी कारण से उन के विरुद्ध वकीलों की हड़ताल हो गई। रोज जलूस निकलता रोज उन्हें बंदर कह कर नारे लगते। आखिर उन का स्थानांतरण हो गया। बाद में लायक जज साहब हाईकोर्ट के जज भी हो गए। लेकिन आज भी जब उन का जिक्र होता है तो बंदर शब्द ही जुबान पर आता है। हालाँ कि उस के बाद हर भजन इसी शब्द को ले कर फंस गए थे। यह घटना बताती है कि कम से कम यह शब्द नस्लीय तो नहीं है। आखिर जज साहब तो हमारी ही नस्ल के थे और हम में भी खून तो वानरों का ही है। फ्रेडरिक एंगेल्स की तो प्रसिद्ध पुस्तक है वानर के नर बनने में श्रम की भूमिका।
bahut badhiya post.
बहुत जानकारी परक लेख़। बधाई
मैं तो सोचता था कि वहां कभी बंदर रहे होगें..:).. अच्छा हुआ आपने भम्र दूर किया..
बंदर का अर्थ तो मालूम था परतू व्युत्पत्ति के बारे मे हम अनभिज्ञ थे. चेन्नई में बंदर स्ट्रीट है. और भी काई तटवर्ती शहरों में भी है. आभार.
पलवा नामक तो कोई मछली होती नही क्या मराठी में पलवा किसी
मत्स्य प्रजाति को कहते हैं ?यह भी देखें http://books.google.co.in/books?id=rcjmiBm8hHQC&pg=PA33&lpg=PA33&dq=palwa+fish&source=bl&ots=5XJ7vjgxDp&sig=v-SspoAxlasCtyCIYiUp_1IPL8A&hl=en&sa=X&oi=book_result&resnum=2&ct=result
इस तरह की जानकारी काफी रोचक लगी। आभार।
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ।
सदा की तरह जानकारी भरा लेख!
घुघूती बासूती
वाह.. आज समझ में आया यह बन्दर गाह वाला चक्कर.. :)
@अरविंद मिश्र
शुक्रिया अरविंदजी। इस संदर्भ का मैं टटोल चुका हूं, अन्य हाईपर लिंक के साथ इसका हवाला देना रह गया। बाकी अन्य में भी इस मछली का नाम आया है। महाराष्ट्रीय लोगों के मांसाहार की जानकारी कतई नहीं है क्योंकि हम शुद्ध वैष्णव शाकाहारी हैं। अलबत्ता मुंबई-पुणें के स्रोतों से इस मछली के बारे में जानकारी मांगी हैं। आपका अंदाज़ संभव है सही हो और यह हिल्सा की ही कोई प्रजाति हो।
एक गुजराती गीत, सहसा याद आ गया जिसे खलासी गाते थे,
" अल्ला बेली अल्ला बेली
जावू जरुर छे बँदर छो दूर छे "
" भले बँदर गाह दूर है
जाना ही है वहाँ तक
और अल्ला साथ हैँ सहाय को "
- लावण्या
अनोखी जानकारी
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
@लावण्याशाह
बहुत बढिया जानकारी मिली लावण्यादी। मल्लाहों-कहारों और तमाम तरह की यात्राओं से जुड़े गीतों की एक लंबी परंपरा हमारे यहां हैं। बटोहियों के गीत भी हैं। बटोही अलबत्ता सामान्य यात्री ही हैं। मगर कहार-मल्लाह व अन्य श्रमजीवियों के गीतों में जो मार्मिकता है वह अद्भुत है।
आरामगाह याने वह जगह जहां आराम मिलता हो। इसी तर्ज पर बन्दरगाह याने जहां बन्दर मिलते हों होना चाहिए था।
विद्वान लोग किस तरह से निराश करते हैं, यह आज आपने बता दिया। नाम तो बन्दरगाह पर बन्दर से कोई लेना देना नहीं।
यह भ्रम तोडने के लिए धन्यवाद।
शानदार जानकारी|
इस पोस्ट के लिए तो आभार है ही,मेरा ध्यान नई हेडर इमेज पर अटक गया. बहुत सुंदर. उत्कीर्ण किया पैनल शायद राम रावण युद्ध दर्शा रहा है.वानर सेना के साथ.
शुक्रिया मुझे भी हमेशा से ये जानने की इच्छा थी की बंदरगाह में बन्दर रहते हैं क्या.... पर आपके इस पोस्ट ने समस्याओं का समाधान कर दिया है..
सौमित्र
बंदरगाह और दरगाह की रिश्तेदारी खूब निकाली आपने. बात चली है तो याद आया कि प्रमुखतः मुस्लिम ब्रूनेई की राजधानी का नाम "बन्दर श्री भगवान्" है
@स्मार्ट इंडियन
वाह अनुराग भाई...बंदर नाम वाले इतने तटवर्ती स्थान हैं कि सबका उल्लेख संभव नहीं था सो मुंबई के स्थानों को ही इस पोस्ट में समेटा। ईरान के बंदरअब्बास शहर का जलयान स्थल भी बंदरअब्बास है और विमानस्थल भी बंदरअब्बास है। ब्रुनेई के बंदरसेरी का उदाहरण देकर आपने मेरी इच्छा पूरी कर दी। ब्रुनेई परयह पोस्ट भी ज़रूर पढ़ें। आभार...
रामायण में राम जी का साथ देने वाले भी क्या समुद्र के किनारे रहने के कारण बंदर कहलाए या वाकई बंदर थे !
इसे कहते है दूर की कौडी ........
बहुत बहुत शुक्रिया समझाने का............वाकई रोचक है शब्दों का सफर
आपने तो ऐसे संधि विच्छेद कर दिया कि शंशय का कोई स्थान ही नही बचा.
हमेशा की तरह लाजवाब 'खजाना'......बहुत बहुत आभार आपका.
पेड को बंदरगाह कहने की कल्पना मज़ेदार थी.
आज जाकर ये गुत्थी सुलझ पायी है !
मुम्बई के बोरी-बंदर (Victoria Terminus railway station) के नामकरण का भी कोई समबन्ध हो सकता है इस उत्पत्ति से? वास्तव में रोचक जानकारी है यह।
अति रोचक जानकारी
बहुत अच्छा लगा।
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