Tuesday, May 22, 2012

अमन की बातें, चैन की बंसी

peaceपिछली कड़ी- सकीना और शान्ति

सु ख-शान्ति के अर्थ में हिन्दी में अमन-चैन समानार्थी शब्दयुग्म का भी इस्तेमाल होता है । गौरतलब है कि अमन-चैन का पहला पद सेमिटिक मूल का है और दूसरा आर्यभाषा परिवार का । “चैन” शब्द में सुख, आनंद, आराम, सुकून जैसे भाव हैं । इसका एक अभिप्राय “शान्ति” भी है मगर शान्ति की तरह चैन शब्द में निर्वाण या मृत्यु जैसा भाव नहीं है । इसी तरह शान्ति में निहित खामोशी, स्तब्धता, मौन या निशब्दता का भाव भी चैन में नहीं है । चैन शब्द का प्रयोग कई तरह से होता है । अमन-चैन की तरह ही चैन का निर्वाह शान्ति-चैन और चैन-शान्ति अथवा चैन-सुख या सुख-चैन के क्रम से भी होता है । कभी-कभी तो तीनों अर्थात अमन-चैन-शान्ति का साथ हो जाता है और सुख पीछे छूट जाता है । चैन में मूलतः आराम, बेफिक्री के साथ सुख और आनंद का भाव है । “चैन की नींद सोना”, “चैन की बंसी बजाना”, “चैन की साँस लेना”, “चैन मिलना”, “चैन से कटना” जैसे मुहावरों ये आशय स्पष्ट भी हो रहे हैं । चैन में भौतिक सुख की अपेक्षा मानसिक सुख की अनुभूति का तत्व ज्यादा है । चैन शब्द भी व्यक्तिवाचक संज्ञा के तौर पर लोकप्रिय है जैसे चैनसुख, चैनरूप, चैनसिंह, चैनाराम वगैरह वगैरह।
चैन शब्द की व्युत्पत्ति पर भाषाविद् एकमत नहीं हैं । जॉन प्लैट्स के हिन्दुस्तानी, इंग्लिश, उर्दू कोश के मुताबिक चैन का जन्म “शान्ति” की कोख से ही हुआ है । उधर कृ.पा. कुलकर्णी के मराठी व्युत्पत्ति कोश और श्यामसुंदर दास सम्पादित हिन्दी शब्दसागर के मुताबिक चैन शब्द का रिश्ता संस्कृत के “शयन” से है । तार्किक नज़रिए से देखा जाए तो भी और व्युत्पत्तिमूलक ध्वनिसाम्य के नज़रिए से मेरे मत मे भी “शयन” में ही “चैन” के जन्मसूत्र मिलते हैं । संस्कृत की “शी” धातु में निंद्रा, विश्राम, शांति का भाव है। वामन शिवराम आप्टे के मुताबिक “शी” से ही बना है “शयन” जिसमें लेटने का भाव है । गौर करें लेटने की क्रिया थकान से मुक्ति पाने के लिए होती है इसीलिए “शी” का एक अर्थ विश्राम भी है । विश्राम से शान्ति मिलती है क्योंकि विश्राम में भी स्थैर्य, निवृत्ति, आराम का भाव है । यही भाव शान्ति में भी हैं । ध्यान रहे मोनियर विलियम्स और वाशि आप्टे के कोशों में शी का एक अन्य अर्थ शान्ति भी दिया हुआ है । ज़ाहिर सी बात है शयन में भी विश्राम के लिए लेटने का भाव ही है जिसका आशय निंद्रा के अर्थ में रूढ़ हुआ । शयन से चैन बनने की क्रिया में का में बदलना सामान्य बात है । इसी तरह यहाँ व्यंजन, स्वर में बदल रहा है ठीक वैसे ही जैसे नयन में वर्ण स्वर में बदलता है । में स्थिर अ स्वर का से मेल होता है और नयन से नैन बन जाता है । इसी तरह बयन ( तत्सम वचन का रूपान्तर ) बैन हो जाता है । इसी तर्ज़ पर शयन से चैन बन रहा है । शान्ति में भी आराम, विश्राम, स्थिरता, मौन, चुप्पी जैसे भाव हैं मगर शान्ति में जिस तरह स्वर और व्यंजन संश्लिष्ट रूप में हैं, उससे चैन का निर्माण दुरूह लगता है ।
जिस तरह शान्ति और सकीना  व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के स्त्रीवाची रूप हैं उसी तरह चैन और अमन व्यक्तिवाची संज्ञाओं के पुरुषवाची रूप हैं । हिन्दी में अमन एक खूबसूरत नाम है । पंजाब में अमनपाल भीप्रचलित नाम है । अमन का अर्थ है सुरक्षा, शान्ति, चैन, निश्चिन्तता, इत्मीनान आदि । अमन मूल रूप में अम्न है जो सेमिटिक धातु a-m-n से बना है । अम्न में सलामती, चंगाई, महफ़ूज़ियत, निश्चिन्तता, बेफ़िक़्री और सुरक्षा का भाव है । यही सारे भाव अम्न में भी हैं । इसका एक समानार्थी रूप अमान भी है । उर्दू-हिन्दी में शान्ति-सुरक्षा या चैन-शान्ति की द्विरुक्ति की तरह अम्नो-अमान पदबंध भी प्रयुक्त होता है जैसे- “मुल्क में अम्नो-अमान कायम रहे ।” अम्न से अरबी में कई शब्द बने हैं जिनमें से अधिकांश बरास्ता फ़ारसी ज़बान, हिन्दी में भी चले आए हैं । ऐसा ही एक शब्द है अमानत । अमन में जिस सुरक्षा की बात हो रही है, अमानत का रिश्ता भी सुरक्षा से है । अमानत यानी धरोहर अथवा थाती । लम्बे समय से चली आ रही कोई वस्तु, स्थापत्य-वास्तु, रिवायत, परम्परा, बोली, भाषा, साहित्य, वचन अथवा निधि ही अमानत या धरोहर कहलाती है । उक्त बातों में लम्बे समय से सुरक्षित बने रहना खास है । अमानत वह जो सुरक्षित है या जिसे सुरक्षित रखा जाना है । महाजनी सभ्यता में गिरवी रखी गई वस्तु भी कहलाती है जिसके बदले कोई राशि सूद पर ली जाती है । थोड़े समय के लिए किसी के पास रखा गया कोई सामान या सम्पत्ति भी अमानत है । यूँ देखें तो अमानत के दायरे में वह हर बात आ जाती है जिसे हमेशा महफ़ूज़ रहना है । अमानत में ख़यानत हिन्दी के लोकप्रिय मुहावरों में एक है जिसका अर्थ है किसी के भरोसे को आघात पहुँचाना । सीधा अर्थ है किसी की धरोहर को ठिकाने लगा देना । ये तमाम शब्द संज्ञानाम भी हैं जैसे अमानत अली, अमानुल्ला आदि ।
म्न की कतार में ही खड़े हैं कुछ और शब्द । व्यक्तिनाम के तौर पर अमीन शब्द भी अपरिचित नहीं हैं । मुस्लिम समाज में अमीन प्रथम नाम होता है । रेडियो सीलोन के ज़रिये मशहूर हुए उद्घोषक अमीन सयानी को याद करें । यूँ देखें तो अमीन शब्द का रिश्ता हिन्दुओं से भी है । अमीन यानी सच्चा व्यक्ति । जिस पर भरोसा किया जा सके । महाराष्ट्र में अमीन एक उपनाम भी होता है । एक केंद्रीय मन्त्री भी इस नाम वाले हुए हैं- नरहरि अमीन । मुस्लिम दौर में अमीन एक सरकारी ओहदा होता था जिस पर ब्राह्मण या कायस्थों की तैनाती होती थी । अमीन आमतौर पर राजस्व-प्रशासन से जुड़ा व्यक्ति होता था जिसके पास अमानती काग़ज़ात होते थे । वह अफ़सर ज़मीनों के बंदोबस्त देखता था । भूमि की नपाई, बँटवारा तथा अन्य अमल बजाने वाले कामों को अंजाम देने वाला ख़ास अफ़सर होता था अमीन जिसके नाम का अर्थ भी विश्वासपात्र, भरोसामंद है । जॉन प्लैट्स के कोश में अमीन ऐ हिसाब जैसे एक ओहदे का ज़िक़्र है जिसका अर्थ उन्होंने लेखा-परीक्षक बताया है । हिन्दी शब्दसागर के मुताबिक अदालत के निर्देश पर तफ़्तीश करने वाला कारिंदा भी अमीन कहलाता था मोल्सवर्थ के मराठी इंग्लिश कोश में अमीन को मध्यस्थ, पंच या सरपंच बताते हुए उसकी तुलना ब्रिटिश काल के के मुन्सिफ़ से की गई है । स्पष्ट है कि अमीन दीवानी न्यायकर्ता का पद था । न्यायाधीश या सरकारी अफ़सर में सरकार और जनता का विश्वास अर्जित करने का गुण होना चाहिए । मध्यस्थ या पंच वही व्यक्ति हो सकता है जिस पर दोनो पक्ष भरोसा करें । अमीन का स्त्रीवाची अमीना हुआ ।
सी कड़ी में आता है ईमान जो हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय और इस्तेमालशुदा शब्दों में शामिल है । बोली-भाषा में ईमान शब्द की रच-बस इतनी ज्यादा है कि इसका हिन्दी पर्याय एकदम से सूझता नहीं है । ईमान का कर्ता रूप ईमानदार है । ईमान का अर्थ होता है भरोसा, विश्वास, आस्था, सदाचार, सदवृत्ति आदि । ईमानदार यानी जिस पर भरोसा किया जा सके । ईमान शब्द की मुहावरेदार अर्थवत्ता है । “ईमान जाना”, “ईमान डोलना”, “ईमान की कहना” आदि वाक्यों में ईमान की मुहावरेदार अर्थवत्ता सिद्ध होती है । ईमान के साथ ही रहित अर्थ वाला फ़ारसी उपसर्ग बे लगाने से बेईमान शब्द बनता है । हिन्दी की लोकप्रिय शब्दावली में जिसका रुतबा भी खासा ऊँचा है । ईमानदार और बेईमान ये दोनों शब्द ऐसे हैं जिनके हिन्दी पर्याय तलाशने की कभी ज़रूरत महसूस होती है । भरोसा, विश्वास जैसे भावों को अभिव्यक्त करने वाला एक अन्य शब्द है मुमिन जिसका फ़ारसी रूप मोमिन होता है और हिन्दी में भी यही रूप प्रचलित है । आमतौर पर मुसलमान को मोमिन भी कहा जाता है । सेमिटिक धातु स-ल-म से कई शब्द बने हैं । इस्लाम शब्द के पीछे भी यही धातु s-l-m है जिसका मतलब अखण्डता और शांति है । इस्लाम दरअसल अरबी शब्द अस्लम से बना है जिसका मतलब है बहुत सहिष्णु, बहुत सुरक्षित, बहुत निश्चिन्त । ज़ाहिर है ये सब गुण जिसमें होंगे वह अपने पंथ के प्रति अडिग होगा ही । सो इस्लाम पर आस्था रखनेवाल, उस पर अडिग रहने वाला मुस्लिमुन हुआ जिससे मुसलमान शब्द बना है । कुछ यही बात अम्न से बने मोमिन में भी है और इसीलिए इस्लाम मानने वालों को मोमिन भी कहा जाता है अर्थात जो विश्वासु है, भरोसेमंद है, आस्तिक है ।

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5 कमेंट्स:

Asha Joglekar said...

अमन चैन, सुख शान्ति, मोमिन ईमान और मुस्लमान !

कहां से कहां तक शब्द सफर करते हैं,
और हम सब इनके साथ डगर चलते हैं ।

काश, आतंकवादी जान ले कि अम्नोचैन से उनका कितना नजदीकी रिश्ता है ।

Mansoor ali Hashmi said...

'अम्न' की 'शान्ति' की बातें कर,

जा 'शयन' में, सुनहरी रातें कर,

अम्न ही में छुपा हुआ इमाँ ,

ख़ूब लिखता है 'अपना वडनेरकर'.

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भरती (?) के शेर !

'चैन उड़े'*, नींद भी जाये तो वो ''सोना'' कैसा ? *chain snatching

'अम्न' क़ायम जो न रख पाए तो 'ईमाँ' कैसा ?
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शी [She ]' हो तो 'शयन', 'विश्राम', सही !

बिन उसके मगर 'आराम' भी है !!

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http://aatm-manthan.com

सुज्ञ said...

आज तो अमन चैन को भी चैन हासिल हो गया।:)
आभार

प्रवीण पाण्डेय said...

च एनम् - चैनं

#vpsinghrajput said...

ब्लाग पर आना सार्थक हुआ । काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति । बहुत सुन्दर भावों से सजी रचना ..
मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत हैं
क्रांतिवीर क्यों पथ में सोया?

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