दुनियाभर के समाजों में हर अच्छी शुरूआत के लिए शगुन-विचार करने का रिवाज है। बोल-चाल की हिन्दी में इसे सगुन बिचारना या सगुन बांचना भी कहते हैं। नया काम मंगल बेला में हो जाए, ऐसे कार्य जो पुण्य प्राप्ति की आकांक्षा रखकर किये जाने हैं, उन्हें शुभ-मुहूर्त में संपन्न करा लिया जाए, यही सारी बातें आदिकाल से शगुन-विचार के तहत आती रही हैं।
शगुन का एक अन्य रूप शकुन भी हिन्दी में खूब प्रचलित है। इसके सगुन, शगुन , सुगन जैसे देसी रूपों के अलावा शकुन जैसा शुद्ध तत्सम रूप व्यवहार में हैं। ये तमाम रूप बने हैं संस्कृत के शकुनः से जिसका मतलब है शुभ लक्षण, अवसर आदि। शुभ चिह्न, एक पक्षी विशेष वगैरह। शकुनः के आधार में है संस्कृत धातु शक् जिसमें समर्थ होने की इच्छा रखना, कर सकने की इच्छा रखना शामिल है।
महाभारत के ख्यात चरित्र , कौरवों के मामा शकुनी का नाम भी इसी धातु से बना है। इसका मतलब हुआ जो स्वयं अपनी आत्मा का उद्धार कर सके। शकुनि में इसका विरोधाभास ही नज़र आता है। गांधारी के इस भाई के पांडव-द्वेषी चरित्र की काली छाया समाज पर इतनी गहरी रही कि आज मुहावरे के तौर पर मामा शकुनि का उल्लेख ऐसे निकट संबंधी के लिए होता है जिसका परामर्श अनिष्टकारी हो। जाहिर है अपनी मूल भावना के अनुरूप शकुनि नाम तो मंगलकारी है मगर शकुनि के कुसंस्कार इस मंगलकारी शब्द की अर्थवत्ता पर हावी हो गए और यह नाम कुख्यात हो गया।
शकुनः का एक अर्थ मांगलिक लक्षणों वाला एक पक्षी भी होता है जिस पालना अच्छा समझा जाता है। इसके लिए शकुन्तः शब्द भी है। नीलकंठ को भी शकुन्तः कहा गया है। पुराणों की प्रसिद्ध नायिका शकुन्तला के नामकरण के पीछे यही मांगलिक भाव है। ऋषि विश्वामित्र से उत्पन्न कन्या को उसकी मां मेनका जन्म के बाद ही वन में छोड गई थीं जहां शकुन्त पक्षियों ने उसकी देखभाल की इसलिए उसका नाम शकुन्तला पडा। बाद में कण्व ऋषि ने उसे पाला । पुराणों के अनुसार दुश्यंत से उसका गांधर्व विवाह हुआ और पुत्र भरत उत्पन्न हुआ जिसके नाम पर इस देश का नामकरण भारत हुआ।
Tuesday, August 21, 2007
शकुनि का अपशकुन और शकुंतला
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 2:57 AM
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5 कमेंट्स:
शब्दों के बदलाव की अच्छी जानकारी है.
अच्छी जानकारी दी है।वरना आम तौर पर इतना कहां लोग जानते है।
अच्छी जानकारी है।धन्यवाद।
अच्छा, शकुनि वैसे ही हैं - जैसे नयनसुख नाम हो सूरदास का!
शब्दों से परिचय के लिये आपके ब्लॉग पर आना आदत बनती जा रही है!
पहली बार आना हुआ आपके ब्लॉग पर काफी अच्छी जानकारियाँ हैं। हमसे बाँटने के लिये धन्यवाद
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