बोलचाल की हिन्दी में सर्वाधिक इस्तेमाल शुदा शब्दों में तनाव शब्द का भी शुमार है। राजनीतिक तनाव, जातीय तनाव,
वैचारिक तनाव, मानसिक तनाव न जाने कितने तनाव। यही नहीं इसके पर्याय रूप में अंग्रेजी के टैंशन शब्द का प्रयोग भी हिन्दी जितनी ही सुविधा के साथ पढ़ेलिखे और अनपढ़ दोनों ही कर लेते हैं। माहौल में खिंचाव को हिन्दी में तनाव कहा जाता है। अंग्रेजी में यही टैंशन है। ये दोनों लफ्ज न सिर्फ एक दूसरे के भाषायी विकल्प है बल्कि एक ही उद्गम से निकले भी हैं। प्रोटो इंडो यूरोपीय मूल के TEN से इनकी उत्पत्ति मानी गई है। संस्कृत में एक धातु है तन् जो इसी कड़ी की है।
संस्कृत शब्द तन् या प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार के TEN का मतलब होता है खींचना, फैलाना, विस्तारित करना या तानना। किसी चीज़ को ओढ़ना या बिछाना। सृजन करना, उत्पन्न करना जैसे अर्थ भी इसमें समाहित हैं। तन् से हिन्दी में भी कई शब्द बने हैं मसलन तन यानी शरीर, तनु यानी सुकुमार , नाजुक, तान यानी स्वरों का उतार चढ़ाव या खिंचाव । भाव-भंगिमा के संदर्भ में भी तनना का प्रयोग होता है। तनातनी भी इससे ही बनी है।
गौर करें कि तन यानी शरीर का खासियत क्या है जाहिर है एक अवस्था तक यह बढ़ता है, फैलता है। इसीलिए यह तन है। शरीर, विस्तार या फैलाव के अर्थ में तनय, तनुल, जैसे शब्द भी है। कालावधि के लिए टैन्योर शब्द भी इसी कड़ी का है।
रेशम या कपास के रेशे के लिए तन्तु शब्द भी इसी लिए बना है क्यों कि इसमें भी फैलाने या तानने का भाव है। जुलाहों को करघे पर काम करते हुए जिन्होंने देखा है वे तानाबाना शब्द के खींचने,
फैलाने जैसे संदर्भों को आसानी से समझ सकते हैं। गौर करें कि यही तन्तु फारसी में तार में भी मौजूद है और सितार के तार में भी। तन्तु को हिन्दी की देसी बोलियों में कह-कहीं ताँत भी कहा जाता है। हिन्दी में तन्तु का लोकप्रिय पर्याय है धागा। कहीं कहीं इसे तागा भी कहा जाता है। दरअसल धागा शब्द तागा का बिगड़ा हुआ रूप है। तन्तु से तागा बनने का सफर दिलचस्प है और इसमें सुई का बड़ा योगदान है। गौर करें कि सुई में पिरोने से पहले धागे के अग्र भाग को ही छेद में डाला जाता है। तागा शब्द इसी आधार पर बना है तन्तु+अग्र के मेल से पहले यह ताग्गअ हुआ , फिर तागा और अगले क्रम में धागा बन गया।
Thursday, October 25, 2007
तनाव के मारे टैंशन हो गया ...
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 2:17 AM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
5 कमेंट्स:
तो तन् धातु थी इस सब के पीछे। बढ़िया है।
आलोक
तनाव के मारे टेशन? वाह! हमारे मुंह पर तो स्माइलिंग फेस आ रहा है!
बहुत सही... :)
दूसरा चित्र देख के तो तनाव भाग गया. अच्छा लगा यह भी.
wakai! shabdon aur photo dono ka chayan achcha hai :)
Post a Comment