Tuesday, February 17, 2009

ऋषि कहो, मुर्शिद कहो, या कहो राशिद [संत-7]

dadhichi-rishiराह क्या है ? गतिशील बने रहने कीयुक्ति !  ऋषि भी तो मनुष्य को मोक्ष की युक्ति ही सिखाता है। आध्यात्मिक अर्थों में ऋषि वह है जिसने अपने भीतर ईश्वर प्राप्ति की राह खोज ली है।
सफर की पिछली कड़ी-बेपरवाह मस्त मलंग [संत-6]
सं स्कृत का ऋषि शब्द बहुत महत्वपूर्ण है। पारंपरिक अर्थों में ऋषि का अर्थ होता है साधु, सन्यासी, तपस्वी, मुनि आदि। ऋषि के भीतर चिन्तक, मनस्वी, सिद्धि प्राप्ति में लगा साधक, पुण्यात्मा, विरक्त और योगी जैसे अर्थ भी समाहित हैं। इस तरह व्यापक रूप से देखें तो इस तरह ऋषि में तत्वदृष्टा, सब कुछ जाननेवाला अथवा मार्गदर्शक के भाव दिखाई पड़ते हैं।
 देवनागरी का अक्षर दरअसल संस्कृत भाषा का एक मूल शब्द भी है जिसका अर्थ है जाना, पाना। जाहिर है किसी मार्ग पर चलकर कुछ पाने का भाव इसमें समाहित है। इसी तरह वर्ण के मायने गति या वेग से चलना है जाहिर है मार्ग या राह का अर्थ भी इसमें छुपा है। हिन्दी-संस्कृत के जाने-पहचाने ऋषि शब्द देखें तो भी इस ऋ की महिमा साफ समझ में आती है। से बनी एक धातु है ऋष् जिसका मतलब है जाना-पहुंचाना। इसी से बना है ऋषिः जिसका शाब्दिक अर्थ तो हुआ ज्ञानी, महात्मा, मुनि इत्यादि मगर मूलार्थ है सही राह पर ले जाने वाला। राह क्या है ? गतिशील बने रहने की युक्ति ! ज्ञानी अर्थात ऋषि भी तो मनुष्य को सांसारिकता से मुक्ति की युक्ति ही सिखाता है। आध्यात्मिक अर्थों में ऋषि वह है जिसने अपने भीतर ईश्वर प्राप्ति की राह खोज ली है।
फारसी के रशद या रुश्द जैसे शब्द जिसका अर्थ है सन्मार्ग, दीक्षा और गुरू की सीख। उचित राह पर कुशल मार्गनिर्देशन में आगे बढ़ना है रुश्द का सही मतलब। यहां सलमान रुश्दी salman rushdie को याद करें। इसी से बना रशीद जिसके मायने हैं राह दिखानेवाला। राशिद rashid भी इससे ही बना है जिसके मायने हैं ज्ञान पानेवाला। यही शब्द अरबी में जाकर मुर्शिद का रूप लेता है। गौरतलब है मुर्शिद फारसी नहीं बल्कि अरबी का शब्द है और इसका सेमिटिक भाषा परिवार से रिश्ता नहीं है। यह भारत-ईरानी indo irani परिवार का शब्द है। मु उपसर्ग अरबी में खूब प्रयोग होता है। मुर्शिद यानी गुरू में भी इसी की महिमा है। पारंपरिक गुरू के रूप में ही अरबी-फारसी में मुर्शिद शब्द का प्रयोग होता है सो मुर्शिद शब्द इन भाषाओं में ऋषि के समकक्ष ही है। सामान्य तौर पर उर्दू-फारसी-अरबी में शिक्षक को मुदर्रिस, उस्ताद, आलिम आदि कहा जाता है। इसी तरह गुरू का विकल्प हिन्दी में शिक्षक, अध्यापक होता है। मगर ऋषि भी गुरू है किन्तु लौकिक शिक्षा का नहीं अध्यात्म मार्ग का। सामान्य शिक्षक ज़माने की रीति सिखलाता है मगर ऋषि rishi या मुर्शिद murshid दुनियावी प्रपंच से मुक्ति की राह दिखलाता है।
ग्वेद भी इससे ही जुड़ता है जिसका अर्थ हुआ ज्ञान के सूत्र यानी ज्ञान का जरिया। ऋ से ही बना है ऋत् जिसके मायने हुए पावन pavan प्रथा या उचित प्रकार से। हिन्दी का रीति या रीत शब्द इससे ही निकला है। मौसम के प्रकारों को ऋतु कहा जाता है। ऋतुएं कभी नहीं बदलती। एक निर्धारित पथ पर वे चलती हैं और निश्चित कालावधि में उनकी

sufi-kabbani-cover-sufi-boo... अरबी का मुर्शिद मूलतः सेमिटिक भाषा परिवार का शब्द न होकर फारसी से रूपांतरित है

वापसी होती है। प्रकृति के पावन नियमानुसार उनका क्रम निर्धारित है, इसलिए उन्हें ऋतु कहा जाता है। ऋ का जाना और पाना अर्थ इसके ऋत् यानी रीति रूप में और भी साफ हो जाता है अर्थात् उचित राह जाना और सही रीति से कुछ पाना।
की महिमा से कई भारोपीय Indo European भाषाओं जैसे हिन्दी , उर्दू, फारसी अंग्रेजी, जर्मन वगैरह में दर्जनों ऐसे शब्दों का निर्माण हुआ जिन्हें बोलचाल की भाषा में रोजाना इस्तेमाल किया जाता है। भाषा विज्ञानियों ने इसके मूल में reg रिग् धातु खोजी है।  जरा देखें, कहा-किस रूप में मौजूद हैं इससे बने शब्द।  ऋ का प्रतिरूप नजर आता है अंग्रेजी के राइट ( सही-उचित) और जर्मन राख्त में। इसी तरह सीधा-सरल और जाना-पाना का अर्थ विस्तार हुआ और अंग्रेजी के रैंक rank  (श्रेणी) और स्ट्रैट strate (सीधा) , रूल rule ( नियम) रेल, rail , करेक्ट  correct जैसे कई अन्य शब्द भी बने। मार्ग के अर्थ में हिन्दी में प्रचलित राह या रास्ता जैसे शब्द वैसे तो उर्दू-फारसी के जरिये हिन्दी में आए हैं मगर इनका रिश्ता भी ऋ से ही है। फारसी में रास के मायने होते हैं पथ, मार्ग। इसी तरह रस्त: या राह का अर्थ भी पथ या रास्ता के साथ साथ ढंग, तरीका, युक्ति भी है। उर्दू-हिन्दी में प्रचलित राहगीर, राहजनी, राहनुमा और राहत, राहबर, राही जैसे ढेरों शब्द भी इससे ही बनें हैं।

ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें

23 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

ऋ से इतने रिश्ते-आभार जानकारी का.

Smart Indian said...

ऋषि के बाहाने खूब राह दिखाई आपने इस महत्वपूर्ण सम्बन्ध की. वैसे तो यह सारी श्रंखला ही बहुत उपयोगी है परन्तु, इस बार की कड़ी मुझे ख़ास पसंद आयी. धन्यवाद!

विष्णु बैरागी said...

अब समझ पडा कि ऋषियों, मुनियों, पीरों, मुर्शिदों की बातें आसानी से पल्‍ले क्‍यों नहीं पडती। 'ऋ' की बनावट की क्लिष्‍टता से ही समझ लेनी चाहिए थी यह बात। लेकिन समझाई आपने।

Dr. Chandra Kumar Jain said...

इस सफर ने तो शब्द-संसार को
अधिक जानने की राह बताई है हम सब को.
==================================
आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन

Alpana Verma said...

ऋ अक्षर की व्याख्या समझ आई!
रोचक जानकारी है.धन्यवाद.

कुश said...

बस जी बस मज्जा आ गया.. इसे तो मैं बहुत जबरदस्त ही कहूँगा..

ताऊ रामपुरिया said...

वाकई बहुत ही लाजवाब जानकारी दी आपने.

रामराम.

दिनेशराय द्विवेदी said...

जै हो ऋषि वडनेरकर की जो हमें रोज शब्दों की राह बताता है।

डॉ .अनुराग said...

वाकई दिलचस्प जानकारी है

sanjay vyas said...

ऋषि के ऋ से कई शब्द भारोपीय परिवार में पनपे है ये जानना मज़ेदार रहा.आभार के साथ ये जिज्ञासा भी रख रहा हूँ कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में इससे व्युत्पन्न शब्द कौन कौन से है जो इसके समीप का अर्थ रखते है.

Abhishek Ojha said...

ऋत्विज शब्द भी ऋषि और ऋत से कहीं का कहीं सम्बंधित तो होगा ही? ऋत्विज शब्द कई बार मिला अभी एक धार्मिक किताब पढ़ते हुए.

Gyan Dutt Pandey said...

मैं समझता था कि ॠत का अर्थ नैसर्गिक नियम से है। इन्हें जानने वाला ऋषि!

अजित वडनेरकर said...

@ज्ञानदत्त पांडे
सही तो समझ रहे हैं आप ज्ञानदा। हमने भी तो यही लिखा है कि "ऋत् जिसके मायने हुए पावन pavan प्रथा या उचित प्रकार से " अर्थात किसी बात का विनियमन।

RADHIKA said...

वाह दादा यह सफर बहुत पसंद आया . साथ ही यह जानने की इच्छा भी हो गई की क्या फ़िर अरु नाम का भी कुछ विशिष्ट अर्थ होगा?

Anonymous said...

आपके इस लेख से मेरे सोच को बल तो मिला लेकिन दुविधा भी बढ़ी | मै अभी तक बच्चो को ऋषि का अर्थ आधुनिक सन्दर्भ में रिसर्च स्कोलर के समतुल्य बताता रहा | ऋषि और रिसर्च में ध्वनिसाम्य होने से वह सहज स्वीकार्य भी हो गया परन्तु बात ठिकाने पर थी नहीं | नज़दीक अवश्य रही होगी | सहज जिज्ञासा है कि क्या रिसर्च का ऋषि से कोई रिश्ता रहा होगा ?

इधर आज अचानक चौके में भोजन का अवसर मिला तो बरबस बालपन याद आ गया | तब के लोग और तब के सोच अब कहाँ ? याद आता रहा कि तब दो दो चौके हुआ करते थे | पकाने का ऊंचा और भोजन करने का नीचा | फिर कुलबुलाहट हुई कि जाने कि चौके का मूल किधर है ? ( अभी जान लें बाद में तो यह शब्द लुप्त हो ही जायेगा चौका संस्कृति की तरह ! )

तय हुआ कि एनसायक्लोपीडिया रेफर किया जाए सो अब यह शब्द आपके हवाले |

आपका कृत्य भी ऋषि परम्परा का ही तो अंश है

Anil Pusadkar said...

ज्ञानवर्धक,रोचक पोस्ट।

अजित वडनेरकर said...

@अभिषेक ओझा
ऋत्विज के बारे में सही कह रहे हैं। इसका रिश्ता ऋत् से ही है। यज्ञकर्म के पुरोहित के लिए ऋत्विज शब्द का प्रयोग होता रहा है। इसके कई प्रकार भी सुने हैं।

Mansoor ali Hashmi said...

'ॠ' से चले, ॠषि से मिले, रुश्द* पा गये,
रस्ते में राह्ज़न थे तो राहबर भी मिल गये,
पश्चिम के रास्ते से भी, इरानो अरब से,
भारत जो पहुंचे, हमको गुरुवर भी मिल गये।

*रुश्द= गुरु की सीख [हिदायत]

अजित वडनेरकर said...

@राधिका बुधकर
अरु नाम का कुछ विशिष्ट अर्थ शब्दकोशों में तो नहीं मिला। अरू तो वैसे भी स्नेह-संबोधन या पैटनेम है प्रिय आरोही का। ...और आरोही की व्युत्पत्ति के आधार पर एक स्वतंत्र पोस्ट लिख चुका हूं...रूखेपन की रिश्तेदारियां सो अरू का मूल भी तो वहीं हुआ जो आरोही का है :)

अजित वडनेरकर said...

@आरडी सक्सेना
रमेश भाई, रिसर्च की ऋषि से व्युत्पत्तिमूलक रिश्तेदारी नहीं। रिसर्च का मूल शब्द तो दरअसल सर्च है। इसमें रि (RE-SEARCH) उपसर्ग के तौर पर लगा है। यह अंग्रेजी का प्रचलित उपसर्ग है जो फिर से, पुनरावृत्ति या दोबारा के अर्थ में प्रयोग होता है। रिएक्ट, रिपीट, रिकैप, रिफॉर्म जैसे दर्जनों शब्द हैं जो इस उपसर्ग की मदद से बने हैं।

आपको चौका याद आया तो बता दें की इस शब्द की व्युत्पत्ति पर हम करीब दो साल पहले पोस्ट प्रकाशित कर चुके हैं चौमासे में चौकन्ना चौकीदार

Asha Joglekar said...

क्या ऋण का कोई रिश्ता इस ऋ से है । वैसे ही ऋचा का ।

विधुल्लता said...

ऋषि rishi या मुर्शिद शब्द की रोचक जान कारी ....आपकी पिछली पोस्ट भी आज पढ़ी ....आप बेहद मेहनत कर रहें हैं ...लेख पढ़ कर हमारा ज्ञान वर्धन होरहा है ....एक बात बताएं फिर मुरीद शब्द भीतो है उसका इस शब्द परिवार से कोई नाता है क्या

विधुल्लता said...

ऋषि rishi या मुर्शिद शब्द की रोचक जान कारी ....आपकी पिछली पोस्ट भी आज पढ़ी ....आप बेहद मेहनत कर रहें हैं ...लेख पढ़ कर हमारा ज्ञान वर्धन होरहा है ....एक बात बताएं फिर मुरीद शब्द भीतो है उसका इस शब्द परिवार से कोई नाता है क्या

नीचे दिया गया बक्सा प्रयोग करें हिन्दी में टाइप करने के लिए

Post a Comment


Blog Widget by LinkWithin