अंग्रेजी का एक शब्द है चिन जिसका मतलब होता है चिबुक, ठुड्डी या ठोड़ी। यानी होठों के नीचे की हड्डी का उभार। यह इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार का शब्द है। संस्कृत में इसके लिए हनुः शब्द है जिसका अर्थ भी ठोड़ी या जबड़ा होता है। इसकी मूल धातु है घनु जिसका मतलब कठोर है। ग्रीक में ठोड़ी या चिबुक को गेनुस और जर्मन में किन कहते हैं। किन का ही विकसित रूप अंग्रेजी का चिन है। यूरोपीय भाषाओं के ये सभी शब्द मूल धातु genw या गेनु से बने हैं जिसका अर्थ भी यही है। संस्कृत की मूल धातु घनु से परवर्ती संस्कृत में ग ध्वनि का लोप हो गया और इसका रूप बना हनुः । गौरतलब है कि भक्तशिरोमणि हनुमान के नामकरण में भी इसी चिन या हनुः का योग रहा है। पुराणकथा के अनुसार जन्म लेते ही महाबली फल समझकर सूर्य को खाने लपके । सूर्य को इनकी पकड़ से छुड़ाने के लिए इन्द्र ने अपने वज्र से इन पर प्रहार किया जिससे इनका जबड़ा यानी हनु टेढ़ी हो गई । तभी से इन्हें हनुमान कहने लगे।
इनके बजरंगबली नाम के पीछे भी वज्र शब्द का योगदान है। संस्कृत में एक शब्द है वज्रः या वज्रम् जिसका अर्थ है बिजली, इन्द्र का शस्त्र , हीरा अथवा इस्पात। इससे ही हिन्दी का वज्र शब्द बना है। इन्द्र के पास जो वज्र था वह महर्षि दधीचि की हडि्डयों से बना था। हनुमान वानरराज केसरी और अंजनी के पुत्र थे। केसरी को ऋषि-मुनियों ने अत्यंत बलशाली और सेवाभावी संतान होने का आशीर्वाद दिया। इसीलिए हनुमान का शरीर लोहे के समान कठोर था। इसीलिए उन्हें वज्रांग कहा जाने लगा। अत्यंत शक्तिशाली होने से वज्रांग के साथ बली शब्द जुड़कर उनका नाम हो गया वज्रांगबली जो बोलचाल की भाषा में बना बजरंगबली। इन्हें मरूत यानी वायु देवता का पुत्र भी कहा जाता है इसलिए इनका एक नाम मारूति यानी वायु के समान वेगवान भी कहा जाता है।
Sunday, August 26, 2007
बजरंगबली हनुमान की जय......
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 3:39 AM
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5 कमेंट्स:
भैया, सुबह सबेरे हनुमान का नाम लेने से दिन भर खाना नहीं मिलता एसी लोकोक्ति है।
आज क्या होगा?
बजरंगबली वज्रांगबली से बने ! वाह्! बोल् बजरंगबली की जय्!
दिलचस्प !
रोचक और ज्ञानवर्धक।
बहुत बढिया!
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