Saturday, September 6, 2008

एंकर पर अंकुश नहीं

अंकुर भी अंक से ही बना है। jump-start-your-garden2-urban-garden (1) बीज से फूटते अंखुए को अंकुर कहा जाता है। अंकुर शब्द में कोमलता समायी हुई है।बीजावरण को भेद कर अंकुर का जो तीक्ष्ण हिस्सा बाहर निकलता है उसी लक्षण से अंकुर शब्द बना।
बाव , काबू या नियंत्रण के लिए हिन्दी में अंकुश शब्द प्रचलित है।  मूलतः अंकुश एक उपकरण होता है जिसके जरिये हाथी को काबू में रखा जाता है। यह एक लोहे का एक कांटा होता है जो सिरे पर नुकीला और मुड़ा हुआ होता है। फारसी में अंकुश को अंगुज़ या अंकुज कहते हैं। अंकुश शब्द का प्रयोग अक्सर मुहावरे के तौर पर ही किया जाता है । इस की रिश्तेदारी काफी बड़ी है। अगर इसकी थाह लेने निकलें तो इनमें एक राष्ट्र , एक अंतरराष्ट्रीय भाषा, शरीर के अवयव, गणित का आधार, आभूषण, और वनस्पति से संबंधित शब्द नज़र आते हैं। मूलतः यह प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार का शब्द है।
अंकुश बना है संस्कृत के अंकः (या अङ्क) से जो बना है अंक धातु से । अंक में मूलतः टेढ़ा-पन, उकेरना, कोण, शरीर के अवयवों में घुमाव आदि। शरीर के अवयवों के लिए अंग शब्द प्रचलित है जो अंक का ही अगला रूप है। अंग किसी वस्तु का प्रभाग या अवयव, अंश, खंड। कोण या मोड़ के उदाहरण यूं तो शरीर के घुटना, कोहनी,ऐड़ी आदि अवयव हो सकते हैं मगर अंगुलि या अंगुली और अंगुष्ठ में अंग शब्द का भाव ज्यादा स्पष्ट होता है। शरीर का सबसे तीक्ष्ण अवयव भी अंगुली ही है। अंगुली की कोणीय मुद्राएं भी उल्लेखनीय हैं। फारसी में अंगुली को अंगुश्त और अंगूठी को अंगुश्तरी कहते हैं। बाहों में भरना, गोद में लेना जैसी क्रियाओं के लिए अंक भरना, अंक लेना या अंग लगाना जैसे मुहावरे भीहै।
भाषाविज्ञानियों ने इन तमाम शब्दों के मूल रूप में अंक या अंग को देखते हुए इनकी प्राचीन भारोपीय धातु ank/ang की कल्पना की है जिसका मतलब है मुड़ना या मोड़ना । अंक/अंग के कोणीय भाव का सादृश्य अंग्रेजी के एंगल में साफ नज़र आता है। यह बना है लैटिन के एंगुलम से जिसका मतलब होता है कोना, कोण। ग्रीक में कोहनी को एंग्कोन, लंगर को एंकर, लिथुआनी में फंदे के लिए एंका, अंग्रेजी ऐड़ी या टखने के लिए एंकल, पाजेब के लिए एंकलिट, जैसे शब्द इसके जोड़ और मोड़ वाली विशेताओं को ही बता रहे हैं। वैसे एंकर टीवी के प्रस्तोता को भी कहते हैं और अखबार के आधार पर छपने वाली खबर को भी कहते हैं। इन दोनों ही शब्दों का भाव थामने से है। टीवी प्रस्तोता कार्यक्रम को वैसे ही थामता है जैसे जहाज को लंगर। ये अलग बात है कि अब तो एंकर ही बेलगाम हैं। अंक या अंग शब्द की सबसे जबर्दस्त रिश्तेदारी है अंग्रेजी के साथ । इसलिए नहीं क्योंकि अंग्रेजी में भी इसी मूल के शब्द हैं बल्कि खुद इंगलिश, अंग्रेजी, अंग्रेज और इंग्लैंड जैसे शब्दों से भी इनका सीधा नाता है। बताया जाता है कि इंग्लैंड का नाम उसकी कोणीय स्थिति, हूक जैसी आकृति की वजह से पड़ा। उसे वहां बसनेवाली शुरूआती जनसमूहों ने इसी वजह से एंग्ला लैंड कहा। वैसे यह मान्यता भी है कि पांचवी सदी के आसपास जर्मन जनजातियों ने इंग्लैंड में बसना शुरू किया । वे खुद को उत्तरी जर्मनी के ऐंगेल्न से आया बताते थे। इसी आधार पर नई भूमि का नाम इंग्लैंड हुआ। जो भी हो, इस शब्द के बहुकोणीय अर्थ पर कोई विवाद नहीं है।
अंक का एक अर्थ होता है चिह्न , संकेत आदि। गणित की संख्या के लिए ही अंक शब्द प्रचलित है। गौर करें अंक में शामिल नुकीले और कोणीय भाव पर प्राचीनकाल में जब मनुश्य ने किसी आधार पर आकृतियां उकेरना और चिह्न बनाने शुरू किए । अंकन, आंकना जैसे शब्दों का यही अर्थ है। अंकेक्षक, क्रमांक , दिनांक, पूर्णांक जैसे शब्दों में अंक ही समाया है। बीज से फूटते अंखुए को अंकुर कहा जाता है। अंकुर शब्द में कोमलता समायी हुई है। किसलय, अंखुआ, कोंपल जैसे शब्द इसके लिए कहे जाते हैं। अंकुर भी अंक से ही बना है। बीजावरण को भेद कर अंकुर का जो तीक्ष्ण हिस्सा बाहर निकलता है उसी लक्षण से अंकुर शब्द बना। नाटक के खंड या रूपक के एक प्रकार के तौर पर अंक शब्द प्रचलित है जिसे एकांकी कहते हैं। अंक या अंग शब्द का अंश, हिस्सा या प्रभाग वाला भाव ही यहां प्रभावी हो रहा है। अंग गौर करें कबीरबानी का वर्गीकरण विद्वानों ने विभिन्न अंगों में बांटकर ही किया है। जिस तरह से शरीर का वर्गीकरण भी अंगों में विभाजित कर ही होता है। पौराणिक काल में वृहत्तर भारत के एक हिस्से के तौर पर अंग देश का नाम भी आता है। भारत के पूर्वी हिस्से में था। बिहार और बंगाल के बीच।

11 कमेंट्स:

पवन मिश्रा said...

इस बार का लेख थोड़ा सा कठिन लगा, क्योंकि आप ने बहुधा प्रयुक्त होने वाले शब्दों का प्रयोग नहीं किया है. फ़िर भी हमेशा की तरह ज्ञानवर्धक. :)

Udan Tashtari said...

ज्ञानगंगा बहाये रखिये. अंश अंश जोड़ते चल रहे हैं. बहुत आभार.

Abhishek Ojha said...

अंग देश के राजा कर्ण थे और अंगिका एक भाषा भी है जो भोजपुरी और मथिली के काफ़ी करीब होती है. इस बार के शब्द काफ़ी करीब रहे एक दुसरे के... ज्यादा रूप नहीं बदला.

अनूप शुक्ल said...

अंकुरण हो रहा है ज्ञान का!

रंजू भाटिया said...

अंकुर ..अंक .इस विषय में बहुत सुंदर जानकारी मिली .शुक्रिया

दिनेशराय द्विवेदी said...

हमेशा की भांति सुंदर और ज्ञानवर्धक आलेख।

Dr. Chandra Kumar Jain said...

अंक....अंकुर...अंकुश....एंकर !
वाह !!....और चित्र भी चित्ताकर्षक है
============================
आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन

mamta said...

ज्ञानवर्धक लेख।

डॉ .अनुराग said...

ज्ञानवर्धक आलेख

Ashok Pande said...

अजित भाई ज़िन्दाबाद!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आप नियमित लिखते रहिये !

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