Sunday, September 21, 2008
डॉक्टर हर्षदेव की कलम और कैंची
कहीं संपादक के तो कहीं मालिक के खट्टे-मीठे, कडुवे सस्मरण मिले हैं। बहुत से तो बड़े रोचक और मनोरंजक हैं, तो कुछ गाली और अवमानना की वजह बन सकते हैं। अब इस उम्र में कोशिश करूँगा कि फजीहत से बचते हुए जो जितना हो सके, ब्लॉग के जरिये शेयर कर सकूँ।
दोस्तों, आज शब्दों के सफर में एक ऐसी शख्सियत से मिलवाने जा रहा हूं जिन्होंने हाल ही में ब्लागजगत में दाखिला लिया है। ये हैं डॉ हर्षदेव । जितने भी पत्रकार ब्लागर हैं उनमें से कई तो इनसे परिचित होंगे, कई ने इनकी बाबत सुना होगा। शब्दों के सफर में इन्हें लाने का मक़सद उन सभी लोगो से इनका तआरुफ़ कराना है जो मीडिया से वाबस्ता नहीं हैं और लिखने-पढ़ने से साबका रखते हैं।
डॉ हर्षदेव आगरा निवासी है। मुझसे उनकी कई स्तरों पर रिश्तेदारी है। 1985 मे जयपुर से नवभारत टाइम्स की शुरूआती टीम में हम लोग साथ-साथ थे। कहां 1970 में सैनिक जैसे ऐतिहासिक अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले तपेतपाए पत्रकार और कहां 1985 में नभाटा से पत्रकार जीवन की शुरूआत करनेवाला मैं ट्रेनी जर्नलिस्ट। वे मेरे मित्र भी है , बड़े भाई भी हैं , लड़ियाने के रिश्ते से वे डैड भी हैं । हालांकि ये उनकी मर्जी है कि रिश्तों के इन सभी स्तरों को वे नकार सकते हैं। डॉक्टर साब का पत्रकारिता का विलक्षण अनुभव उनके सामने होने पर बोलता है। जनसंचार पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। दो दशको तक नवभारत टाइम्स दिल्ली में काम करने के बाद अब स्वैच्छिक निवृत्ति लेकर आगरा आ बसे हैं । कहते हैं कि कई लोगो के ब्लाग देखकर ईर्ष्यावश ब्लाग बना डाला। अब देखते हैं कि इस ब्लाग धमाचौकड़ी में उनके सुदीर्घ पत्रकार-जीवन के अनुभवों का जो खजाना हमें उनके ब्लाग कलम और कैंची में मिलनेवाला है उसे हम कितना सहेज पाते हैं। मुझे विश्वास है कि कलम और कैंची की धार खासतौर पर नये और युवा पत्रकारों को ज़रूर प्रेरित कर सकेगी।
स्वागत है डॉक्टर साहब का.....
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 11:08 PM
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14 कमेंट्स:
dr sahab se parichay karwaane ke liye shukriyaa.
yun bhi aapne jo atirikt parichay ka sutra badhaya hai,wo prashansniye hai........
डाक्टर साहब का ब्लागिरी में स्वागत है। परिचय कराने के लिए धन्यवाद।
स्वागत है!! परिचय के लिये आभार !!
-- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
हम सब हर्षदेवजी को जानते हैं...अच्छा है अब उन्हें पढ़ने का मौका मिलेगा...
परिचय कराने के लिए धन्यवाद।
खुशआमदीद डॉक्टर साहब. ब्लॉगरों की दुनिया में आपका स्वागत है. नए और युवा पत्रकार तो नहीं रहे लेकिन आपके अनुभव से जरूर कुछ न कुछ सीख लेंगे, इतना यकीन है.
और तआरुफ कराने का शुक्रिया अजित भाई.
अजित भाई,
आप बडा अच्छा करते हैँ !
एक से बढकर एक अच्छे इन्सानोँ से
और शब्दोँ से
हमेँ परिचित करवाते हैँ
डा. साहब का स्वागत है !
- लावण्या
ये हुई न बात !
स्वागत लेखनी के विराट संसार के
अनुभवी....स्वानुभवी व्यक्तित्व का.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
डा. साहब ने ब्लॉग का नाम अच्छा रखा है - कलम और कैंची! वैसे ब्लॉग में कलम की कैंची चलती है! :-)
अजित भाई, यह परिचय यहां देखकर बेहद खुशी हुई। वजह यह भी है कि जब मैंने नवभारत टाइम्स ज्वॉइन किया। तो मुझे इन्हीं के साथ काम करने का अवसर मिला और इन्होंने मुझ पर भरोसा कर काम करने के कई अवसर भी दिये। नतीजा है कि एनबीटी में मैं अपनी उपस्थिति महसूस करता हूं। शुक्रिया आपका, इस तरह से डॉक्टर साहब को यहां लाने के लिए।
परिचय करवाने के लिए अजित जी आपका शुक्रिया ..स्वागत है .ब्लॉग का नाम बहुत पसंद आया
स्वागत है!! परिचय के लिये आभार !!
स्वागत है डॉक्टर साहब का
धन्यवाद इस परिचय और लिंक के लिए... अभी जोड़ते हैं रीडर में.
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