युवावस्था अर्थात जवानी बड़ी अनमोल होती है और बुजुर्ग इसे संभालकर रखने की बात कहते हैं। यहां तक की यौवन को धन संपत्ति जितना ही मूल्यवान माना जाता है और नसीहत दी जाती है कि जिस तरह धन की सार संभाल की जाती है वैसे ही यौवन को भी संजो कर रखना चाहिए क्योकि चार दिन की चांदनी , फिर अंधेरी रात । मगर संत महात्मा इसे निस्सार भी बताते हैं और कहते हैं कि मनुश्य के परमलक्ष्य अर्थात ईश्वर की प्राप्ति में धन-यौवन किसी काम नहीं आते। इसलिए उस पर गर्व करना बेकार है। कबीर ने कहा है-
धन जोबन को गरब न कीजै , झूठा पचरंग चोल रे
हिन्दी में तरुण के लिए जवान शब्द आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। युवक शब्द भी आम है। जवांमर्द, जवांदिल, जवानी-दीवानी , जोश-ओ-जवानी शब्द भी इसी सिलसिले की कड़ी हैं । नौजवान, जवान या जवाँ शब्द उर्दू फारसी में भी हैं और हिन्दी में भी। जवान या युवक सोलह से तीस वर्ष की उम्र के तरुण अथवा किशोरवय के बाद की अवस्था को कहा जाता है। बालिग भी जवान कहलाता है। सशस्त्रबलों के सिपाही को भी बोलचाल में जवान ही कहा जाता है क्योंकि लड़ाकापन युवावस्था में ही होता है। युवक का स्त्रीवाची हिन्दी में युवती है मगर उर्दू फारसी में जवान का स्त्रीवाची जवानी नहीं होता बल्कि जवानी का मतलब तरुणाई होता है। राजकुल के उत्तराधिकारी को युवराज कहा जाता है। युवराज की पत्नी को युवराज्ञी या युवरानी कहते हैं। देशी बोली में यौवन ,जोबन बन जाता है।
ये सभी शब्द एक ही मूल से जन्मे हैं । संस्कृत में युवन् शब्द है जिसका मतलब तरुण, जवान , वयस्क , युवा आदि होता है। संस्कृत की संगिनी प्राचीन फारस की भाषा अवेस्ता में भी इसका रूप युवन ही रहा । प्राचीन फारसी में यह जुआँ होते हुए जवाँ में ढल गया जिससे जवान , जवानी जैसे रूप भी सामने आए। इसके प्राकृत रूप जवाण, जुवाण, ज्वाण आदि बने मगर खड़ी बोली ने जवान रूप ही ग्रहण किया।
अंग्रेजी के यंग और यूथ जैसे शब्दों की भी युवा और जवानी से रिश्तेदारी है। भाषाविदों ने प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार से एक मूल धातु yeu की कल्पना की है जिससे भारतीय और यूरोपीय भाषाओं में तरुण, तरुणाई से जुड़े कई शब्द बने हैं। मिसाल के तौर पर अंग्रेजी के जुवनाइल juvenile शब्द जिसका अर्थ भी युवक या जवान ही होता है, की जवानी या यौवन से साम्यता गौरतलब है। young, , youth आदि शब्द भी इसी मूल के हैं। कनिष्ठ या छोटे के लिए बोलचाल की हिन्दी में जूनियर junior शब्द बहुत आम है। मूलतः इसका प्रयोग पिता की तरूण संतान के लिए ही होता था जिसका परिचय ही पिता का जूनियर था। अंग्रेजी मुहावरे यंग टर्क की तर्ज पर हिन्दी में भी युवातुर्क मुहावरा आपात्काल के दौर में काफी मशहूर हो गया था। दरअसल यह मूल फ्रैंच मुहावरे का अंग्रेजी अनुवाद था। गौरतलब है कि 1889 से 1908 तक तुर्की के ऑटोमन शासकों के खिलाफ चले सुधारवादी आंदोलन के नेताओं को यही पहचान मिली थी। उनकी गतिविधियों का केंद्र फ्रांस भी था इसलिए यह नामकरण वहीं से चला।
Saturday, July 5, 2008
जवानी दीवानी से युवा तुर्क तक
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 3:45 AM
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13 कमेंट्स:
युवा, जुवेलाइन जवान
सभी मिलते जुलते
शब्दोँ का सँबँध
बखूबी बताया आपने
- लावण्या
युवा हूं. जुवेलाइन पता नहीं कौन हैं.
अजित भाई, आप ने युवन् के सभी रूपों को बखूबी समेट लिया। लेकिन अंग्रेजी का जुवेनाइल वयस्कतापूर्व की अवस्था किशोर के संदर्भ में ही प्रयोग हो रहा है।
आप जाने कहाँ कहाँ से इतनी अनमोल जानकारी ढूँढ लाते हैं
और आपके ब्लॉग पर आना सार्थक हो जाता है
अजीत जी ऐसा बहुत कम हुआ है की किसी से बिना मिले किसी को बिना जाने हम उससे प्रभावित हो जाए
कुछ ऐसा ही किस्सा मेरे साथ आपके ब्लॉग पर आकर हुआ है
लिखते रहे आप बहुत अलग बहुत प्रभावशाली है
ओहो तो आज आपने हमारे बारे में लिखा है.. अब लिखेंगे ही क्लास का सबसे होनहार छात्र जो ठहरा..
जवानी जिंदाबाद। जवानी की सारी तह खोलकर रख दी आपने। शब्दों का अद्भुत सफर।
ज्वाण ने पढ़कर हाजरी लगा दी, और जाना कि आखिर ये जवान और जवानी किधर से बने।
शुक्रिया
शब्दों का सफ़र सच में हर बार नया और अदभुत पड़ाव डालता है और सफ़र और रोचक हो जाता है, वह भी ज्ञान से परिपूर्ण...
एक तरफ़ कबीर की बानी
और दूसरी ओर
सफर में शुमार ये जवानी !
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जवानी के जोश को होश का
रास्ता बताने का ये जवां अंदाज़
दिल को छू गया......!
आभार
डा.चन्द्रकुमार जैन
ye hai yuva aur youth mein rishta
भारोपीय भाषा ?
मैं इसको संदर्भित नहीं कर पाया, वडनेरकर जी !
हर बार की तरह रोचक आपका जोशीला लेख ।
बहुत खूब अजित भाई. इतनी रोचक जानकारी के लिए धन्यवाद. मैं आपकी कोई पोस्ट मिस नहीं करना चाहता हूँ.
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