Thursday, December 13, 2007

बंडलबाज समधी यानी.....[गठबंधन -2]

हिन्दी की रिश्तेदारी वाली शब्दावली में एक शब्द है समधी। यह शब्द जन्मा है संबंध से। कुटुंब में पति और पत्नी के पिता को समधी कहा जाता है। और आसानी के लिए कहें तो बहू या दामाद के पिता समधी कहलाते हैं। दरअसल अपनी संतानों में विवाह होने से वे संबंधी हो जाते हैं। इसी वजह पहले वे संबंधी कहलाए बाद में इसने समधी की शक्ल ले ली। ये संबंध शब्द बना है सम+बंध् से । यानी बराबरी से जुड़ना, मेल, रिश्ता, गठजोड़,नाता वगैरह वगैरह।

किस्सा बंधन का

हिन्दी का बन्धन शब्द दरअसल तत्सम शब्द है अर्थात संस्कृत से चला आया है। इसका मूल है बन्ध जिसका मूल अर्थ है बान्धना, जोड़ना। इसके अलावा रोकना, ठहराना, थामना, दमन करना जैसे अर्थ भी बन्ध में निहित हैं।  हिन्दी -फारसी सहित यूरोपीय भाषाओं में भी इस बंधन का अर्थ विस्तार जबर्दस्त रहा। जिससे आप रिश्ते के बंधन में बंधे हों वह कहलाया बंधु अर्थात भाई या मित्र। इसी तरह जहां पानी को बंधन में जकड़ दिया तो कहलाया बांध। बंधन में रहने वाले व्यक्ति के संदर्भ में अर्थ होगा बंदी यानी कैदी। इससे ही बंदीगृह जैसा शब्द भी बना। बहुत सारी चीजों को जब एक साथ किसी रूप में कस या जकड़ दिया जाए तो बन जाता है बंडल। गौर करें तो हिन्दी -अग्रेजी में इस तरह के और भी कई शब्द मिल जाएंगे मसलन- बन्धन, बन्धुत्व, बान्धना, बन्धेज, बान्धनी, बांध, बैंडेज,बाऊंड, रबर बैंड, बाइंड, बाइंडर वगैरह-वगैरह। अंग्रेजी के बंडल और फारसी के बाज प्रत्यय के मेल से हिन्दी में एक मुहावरा भी बना है -बंडलबाज जिसका मतलब हुआ गपोड़ी, ऊंची हॉंकने वाला, हवाई बातें करने वाला या ठग।

बात करें फारसी में संस्कृत बंध् के प्रभाव की। दरअसल फ़ारसी की पुरखिन थी अवेस्ता जिसका संस्कृत से बहन का रिश्ता था। यानी हिन्दी-फ़ारसी दरअसल आपस में खालाज़ाद बहने हैं। जिस अर्थ प्रक्रिया ने हिन्दी में कई शब्द बनाए उसी के आधार पर फारसी में भी कई लफ्ज बनें हैं जैसे बंद: जिसे हिन्दी में बंदा कहा जाता है। इस लफ्ज के मायने होते हैं गुलाम, अधीन, सेवक, भक्त वगैरह। जाहिर सी बात है कि ये तमाम अर्थ भी एक व्यक्ति का दूसरे के प्रति बंधन ही प्रकट कर रहे हैं। इसी से बना बंदापरवर यानी प्रभु , ईश्वर । वही तो भक्तों की देखभाल करते हैं। प्रभु के साथ लीन हो जाना, बंध जाना ही भक्ति है इसीलिए फारसी में भक्ति को कहते है बंदगी। इसी तरह एक और शब्द है बंद जिसके कारावास, अंगों का जोड़, गांठ, खेत की मेंड़, नज्म या नग्मे की एक कड़ी जैसे अर्थों से भी जाहिर है कि इसका रिश्ता बंध् से है।
आपकी चिट्ठी
पिछली पोस्ट- गाँठ बांधने का दौर पर सर्वश्री संजय, बोधिसत्व, रवि तनेजा और बालकिशन की टिप्पणियां मिलीं।
बोधिभाई , आपका कहना एकदम सही है। गूँथना भी इसी कड़ी का शब्द है। मैने इसीलिए लिखा कि ग्रन्थ् से बने कई शब्द हमारे आसपास मिल जाएंगे। गुत्थमगुत्था जैसा आमफहम शब्द भी इसके भाई बंदों में आता है। बालकिशन जी, हीनग्रन्थि को हीनभावना कहना ठीक नहीं है। दरअसल एक मनोविकार को हीनग्रन्थि कहा जा सकता है। भावना बार बार पैदा हो सकती है, जबकि ग्रन्थि मन में पैठ कर जाती है। हीनता का स्थायी भाव ही हीनग्रन्थि पैदा करता है।

4 कमेंट्स:

Sanjay Karere said...

क्‍या बात कही है अजित भाई गठबंधन करने वाले सारे नेता बंडलबाज समधी हुए. और ये सभी ऊंची हांकने वाले गपोड़ी और ठग भी हैं. मजा आ गया पढ़कर. इस रोचक जानकारी ने तो दिल खुश कर दिया.
बंदे के भोपाल आने का समय नजदीक ही है, आप एक बार फिर चाय के साथ वोSSS पिलाने के लिए तैयार हो जाइए बंदापरवर.

बालकिशन said...

गठबन्धन कि दूसरी कड़ी से भी काफ़ी जानकारी मिली.
शंका निवारण के लिए आपको धन्यवाद. बहुत ही सरल शब्दों मे आपने समझा दिया.

Shastri JC Philip said...

"संस्कृत की बंध् धातु से ही बना"

मलयालम भाषा (संस्कृत की पुत्री) में भी ये शब्द इसी मूल से आये हैं. "बंधक्कारन" या "बंधुक्कारन" समधी का सम अर्थी शब्द है.

arun prakash said...

क्या समधी का अर्थ सम + धी =बराबर बुधि रखने वाले दो लोगो का सामुहिक निर्णय (शादी का ) नहीं थिक है वैसे आज कल बराबर बुधि रखने वाले समधी न के बराबर ही हैं क्योंकि उपभोक्ता वादी समाज है

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