भारत में आम धारणा रही है कि काफिर हर वो इन्सान है जो इस्लाम को नहीं मानता । या यूं कहें कि मुसलमानों की निगाह में गैर इस्लामी व्यक्ति काफिर है। जो भी हो, काफिर लफ्ज को खराब माना जाता है। हकीकत ये है कि काफिर शब्द के मायने हैं इन्कार करने वाला, सत्य को छुपाने वाला। यह बना है अरबी लफ्ज़ कुफ्र से जिसके मायने होते हैं इनकार , अस्वीकृति वगैरह। कृतघ्नता दिखाना या नाशुक्रापन दिखाना भी इसमें शामिल है। बाद में इसे पाप से जोड़कर देखा जाने लगा। दरअसल ये शब्द किसी न किसी रूप में धर्म , ईश्वर या सर्वोच्च सत्ता के लिए स्वीकार या नकार के संदर्भ में ही सामनें आए हैं। इसे हम हिन्दू दर्शन में समाहित अस्ति और नास्ति जैसे भावों से समझ सकते हैं। आस्तिक और नास्तिक शब्द इससे ही बने हैं। भारत में जब इस्लाम का प्रवेश हुआ तब जबर्दस्ती इस्लाम कुबूल करवाने की चेष्टाएं भी शासक वर्ग की ओर से की गईं। जिन्होने इन्कार किया वे काफिर कहलाए। जाहिर है इस अर्थ में गैर मुस्लिमों को काफिर कहना कुछ गलत नहीं था। और इसी नजरिये से समझना चाहें तो हिन्दुओं की निगाह में सभी गैर हिन्दू काफिर हो सकते है और ईसाइयों की निगाह में सभी गैर ईसाई भी काफिर हो सकते है। कश्मीर के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के एक इलाके का नाम काफिरिस्तान है(इसे कुफ्रिस्तान भी कहा जाता है)। यह इलाका अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच का विवादित क्षेत्र है। इसके नाम से जाहिर है कि इस्लाम के प्रभाव में न आने की वजह से किसी समय इस पूरे इलाके को ही हमलावरों ने यह नाम दे दिया होगा। आने की वजह से किसी समय इस पूरे इलाके को ही हमलावरों ने यह नाम दे दिया होगा।
Wednesday, December 5, 2007
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4 कमेंट्स:
जाहिर है इस अर्थ में गैर मुस्लिमों को काफिर कहना कुछ गलत नहीं था।
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और इसके चलते काफिर शब्द घृणित हो गया।
हम आपका शुक्रिया अदा करते हैं कि आपने इत्ती अच्छी जानकारी हमें बताई। हम काफ़िर नहीं हैं न!
आभार इस महती जानकारी के लिए
काफिर का सही अर्थ पढा था, आज वह मन में बैठ गया!
आप के चिट्ठे द्वारा शब्दलोक के सफर में बहुत आनंद आता है. हर लेख काम की जानकारी से भरपूर रह्ता है.
लिखते रहे -- भविष्य विषयाधारित चिट्ठों का है!!!
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