Wednesday, July 30, 2008

अनशन का पराक्रम

पा-धापी के इस दौर में समाज का एक अनिवार्य चेहरा धरना, हड़ताल और प्रदर्शनों में भी नज़र आता है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब हमें अपने आस पास इन शब्दों की मौजूदगी नज़र न आती हो। व्यवस्था के खिलाफ विरोध प्रकट करने के ये आम तरीके हैं । इन्हीं गतिविधियो के बीच एक और शब्द खूब सुनने को मिलता है वह है अनशन या आमरण अनशन । ज्यादातर लोग इसे भूख हड़ताल के रूप में भी जानते हैं। अनशन शब्द का मूल अर्थ है उपवास अर्थात अन्न-जल का त्याग ।

bali-import-yogi-carving-017 प्राचीनकाल में पापफलों को कम करने के विभिन्न साधनों जैसे पश्चाताप, तप, जप, होम, दान, तीर्थयात्रा में से ही एक साधन अनशन या उपावास भी था। कालांतर में अनशन शब्द का धार्मिक महत्व लुप्त हो गया और इस शब्द ने राजनीतिक चोला पहन लिया।

फोटो साभार-http://www.balibaliindonesia.com

नशन शब्द बना है अन+अशनम् से । अन् उपसर्ग का प्रयोग रहित के अर्थ में होता है । संस्कृत धातु अश् से बना है अशनम् शब्द जिसका मतलब होता है खाना, स्वाद लेना, उपभोग करना, खिलाना आदि। इसका एक अन्य अर्थ है व्याप्ति , पूरी तरह भरना, प्रविष्ट होना आदि। देखें तो दूसरे अर्थ में भी उदरपूर्ति का भाव ही है । जाहिर है उदरपूर्ति भोजन ग्रहण करने से ही होती है। तो इस तरह अश् धातु से बने अशनम् का अर्थ भी हुआ भोजन करना। इसमें अन् उपसर्ग लगने से बना अनशनम् जिसका मतलब सीधे सीधे अन्न-जल का त्याग हुआ। पुराने ज़माने में अनशन शरीर को व्याधियों से मुक्त रखने और अंतःकरण की शुद्धि की विधि थी अनशन। डॉ पांण्डुरंग वामन काणे के मुताबिक प्राचीनकाल में पापफलों को कम करने के विभिन्न साधनों जैसे पश्चाताप, तप, जप, होम, दान, तीर्थयात्रा में से ही एक साधन अनशन या उपावास भी था। कालांतर में अनशन शब्द का धार्मिक महत्व लुप्त हो गया और इस शब्द ने राजनीतिक चोला पहन लिया।

अनशन का सर्वाधिक प्रयोग महात्मा गांधी ने किया और उसके बाद तो अनशन के रूप में आंदोलनकारियों को एक ऐसा हथियार मिल गया जिसके जरिये वे व्यवस्था को झुका कर अक्सर अपनी मांगें मनवाने लगे। इसी के चलते अनशन से एक और नया शब्द चल पड़ा अनशनकारी। आंदोलनकारियों को भी भूख हड़ताल की बजाय अनशन करना ज्यादा सुहाता है क्योंकि निराहार रहने के लिए इसके साथ आमरण शब्द जोड़ना पड़ता है जबकि भूख हड़ताल की घोषणा की नहीं कि आफत गले पड़ी नहीं। सिर्फ अनशन में कोई दिक्कत नहीं । यह धारावाहिक की तरह इसके एक दिवसीय एपिसोड चलते रहते हैं। 

आपकी चिट्ठियां

nam_thumb[2] सफर की पिछली कड़ी आप कहां से जुगाड़ करते हैं ? में मेरे और महेन के बीच हुए संवाद को सभी साथियों ने पसंद किया और उत्साहवर्धन किया इनमें सर्वश्री  Udan Tashtari siddharth अभय तिवारी दिनेशराय द्विवेदी कुश एक खूबसूरत ख्याल रंजना [रंजू भाटिया] Dr. Chandra Kumar Jain  अभिषेक ओझा महेन Shiv Kumar Mishra मीनाक्षी बाल किशन vipinkizindagi प्रभाकर पाण्डेय राज भाटिय़ा Arvind Mishra E- Guru Maya राजन डा. अमर कुमार सतीश सक्सेना Lavanyam - Antarman हैं। निश्चित ही आपक सबकी प्रतिक्रियाओं से मुझे अपने काम के लिए और ऊर्जा और बल मिला है। आप सबका आभार।

14 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

हम टिप्पणी करके यदि मापदंड पर आपका १ उर्जावर्धन एवं उत्साहवर्धन करते हैं तो आप हमारा १० ज्ञानवर्धन करते हैं, फायदे का सौदा होता है तो करते चले जा रहे हैं और करते रहेंगे. इस धंधे में कभी नुकसान नहीं लगता. :) जारी रहिये!!!

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप की चिट्ठियों में नमस्कार कौन कर रहा है? आप तो नहीं ही हैं।

Arun Arora said...

बहुत अच्छा शब्द है जी ये , अनशन का आज मतलब ये है ये खाना खाने के बाद दूसरे को सन्न करने के लिये मिडिया के सामने किया जाने वाला कृत्य है :)

रंजू भाटिया said...

रोचक और ज्ञान वर्धक जानकरी है ...

कुश said...

समीर जी से सहमत हू.. सौदा फ़ायदे का ही है

Prabhakar Pandey said...

रोचकता से परिपूर्ण ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए सादर आभार।

बालकिशन said...

काफ़ी रोचक और ज्ञान वर्धक जानकरी है अनशन पर.
आपको धन्यवाद.

Abhishek Ojha said...

बढ़िया जानकारी रही और साथ में ये नमस्कार करने वाली तस्वीर अच्छी है :-)

Anonymous said...

अनशन पर नई और रोचक जानकारी के लिए आभार...
समीरजी से पूरी तरह से सहमत...ज्ञानवर्धक जानकारी का लाभ भी तो ले रहे हैं..

Dr. Chandra Kumar Jain said...

अशनम...अनशन !
आपकी
इस
प्रस्तुति
को
नमन.
==============
डा.चन्द्रकुमार जैन

E-Guru Maya said...

एक और ज्ञानवर्धक लेख. लगे रहिये इसी तरह.

Anita kumar said...

बड़िया जानकारी…आप के खुद के बकलम का इंतजार हैं और जब तक नहीं लिखेगे हर टिप्पणी में याद दिलाऊंगी…:)

डा. अमर कुमार said...

.

धन्यवाद मित्र, इस नूतन जानकारी के लिये..
' अशनम ' से तो परिचित था, किंतु मन में एक सहज जिज्ञासा है,
क्या अनशन का तात्पर्य अन्न+शमन से नहीं है ?

राज भाटिय़ा said...

आप की कई पोस्ट लगता हे मेरे से छुट गई, बाप रे इतनी अच्छी बाते ओर मेने पढी ही नही,
एक बार फ़िर से इस अच्छे लेख के लिये

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