मोहल्ला शब्द में घिरे हुए स्थान का भाव है। यह मूल रूप से सेमिटिक मूल का है और अरबी ज़बान के जरिये दुनियाभर की भाषाओं में इसका प्रसार हुआ। मूलतः इसकी धातु है mahl यानी मह्ल। अरबी में इसका मूल रूप मा-हल्ला ma-halla है। अरबी hall एक समूहवाची धातु है। इससे बने हल्ला शब्द में लोगों का समूह, विरासत गौर करें विरासत में गति का भाव है अर्थात यह लगातार चलती रहती है। गति का यही भाव हल्ला शब्द के अचानक धावा बोलनेवाले अर्थ से उजागर हो रहा है। किसी समूह द्वारा कहीं आक्रमण या चढ़ाई करने को हल्ला कहा जाता है। हिन्दी में हल्ला बोलना मुहावरा यहीं से आ रहा है। जाहिर है इस हल्ला में शोर-शराबा वाला अर्थ समूह की चारित्रिक विशेषता होती है कोलाहल या शोर करना। यूं इसका असली अर्थ समूह ही है। हल्ला में मा जुड़ने से बनता है मा-हल्ला। अरबी में इसका उच्चारण महल्ला है जबकि हिन्दी-उर्दू में यह मोहल्ला या मुहल्ला है। सिखों के पर्व होला मोहल्ला में सिखलोग सैनिक वेश में जुलूस निकालते हैं। राजभवन, सरकारी निवास के लिए महल शब्द आम है जो इसी मूल से बना है। क्योंकि महल शब्द में मूलतः डेरा, पड़ाव या कहीं बसेरा करने का भाव है। ताजमहल का उल्लेख इस संदर्भ में इतना ही कि इस प्रसिद्ध मक़बरे के साथ महल शब्द के जुड़ने के पीछे शाहजहां की पत्नी मुमताज महल का नाम भी बताया जाता है जिसकी याद में बादशाह ने इसकी तामीर करवाई थी। एटिमऑनलाईन के मुताबिक महल दरअसल अरबी शब्द hall से बना है जिसमें आश्रय, बसेरा, झोपड़ी, कुटिया, रिहाइश का भाव है। मगर वहां इसकी कोई व्याख्या नहीं मिलती। ऐसा लगता है अरबी hall में रिहाइश का भाव दरअसल इसे आश्रय के व्यापक आधारों से जोड़ता है। विशाल प्रकोष्ठ के अर्थ में अंग्रेजी का में हॉल है। अंग्रेजी का हॉल hall, सेल cell, होल hole और हॉलो hollow जैसे शब्द संस्कृत के शाल्(धर्मशाला, पाठशाला, अश्वशाला) की कड़ी में आते हैं। इन सभी शब्दों के मूल में प्राचीन भारोपीय धातु केल kel है जिसमें आश्रय, घिरा हुआ और निर्माण के ही भाव हैं। अंग्रेजी के सेल cell पर गौर करें। शाल का देशी रूप साल अंग्रेजी के सेल को और करीब ले आता है। हॉल के मूल में भी सेल ही है। सेल बना है पोस्ट जर्मनिक धातु khallo से जिसका अर्थ होता है घिरा हुआ, ढका हुआ, विस्तारित, बड़ा प्रकोष्ठ, खाली स्थान आदि। भारोपीय परिवार की भाषा पोस्ट जर्मनिक के khallo और सेमिटिक परिवार की अरबी के ख़ल्क़ khalq या ख़ला khala की समानता पर गौर करें। ख़ल्क का अर्थ भी निम्राण, सृजन, घेरा हुआ, विशाल, विस्तारित, अंतरिक्ष आदि ही होता है। इसी श्रंखला में अरबी के hall का विस्तार भी आश्रय के अर्थ में हुआ हो तो आश्चर्य नहीं। किसी निश्चित रिहाइश या स्थानीय आबादी के लिए मोहल्ला शब्द हिन्दी में इतना आम है कि इसके अलावा कोई अन्य शब्द नहीं मिलता। वैसे मोहल्ला शब्द में हाता (अहाता), गली, पुरा, टोला, पोल, वाड़ा, बाड़ा, पेठ के भाव समाहित हैं। हालांकि अरबी महल्ला के मायने मध्यएशिया में बहुत व्यापक है। महल्ला शब्द का मूल अर्थ था किसी जन-समूह का ठहराव, टिकाव, पड़ाव, डेरा या विश्राम करना। बाद में इसका अर्थ हुआ किसी भी शहर का चतुर्थांश। गौर करें, यह शब्द फौजी या सैन्य ठहराव के लिए बनाए जाने वाले कैम्प के संदर्भ में प्रचलित हुआ होगा क्योंकि किसी भी प्राचीन बसाहट या शहर को चार हिस्सों में बांटना व्यावहारिक नहीं है। अलबत्ता नया शहर बसाते वक्त बसाहट के चार विभिन्न हिस्सों की परिकल्पना करना आसान है। जाहिर है, फौजी पड़ाव के दौरान खेमों-तम्बुओं का जो शहर बसता था उसे चार हिस्सों में बांटा जाता रहा होगा, जिसे महल्ला का जाता रहा होगा। बाद में अन्य आबादियों के लिए भी इसका इस्तेमाल होने लगा। अरब क्षेत्रों में महल्ला किसी भी आबादी के नाम से पहले लगाया जाता है जैसे महल्ला अल कुब्रा। यह परिपाटी मिस्र में ज्यादा है। भारत में भी महल्ला चमेलियान जैसे नाम मिलते हैं। दिल्ली के झंडेवालान, कुंडेवालान जैसे नामों के आगे खड़ा महल्ला शब्द साफ देखा जा सकता है।
मुस्लिम शासन काल में महल्ला का अर्थ जिला, तहसील, वार्ड या शहर की एक रिहाइश को कहते थे। गुजरात में एक ज़िला है पंचमहल। उसे यह नाम पांच तालुकों के आधार पर मिला है। वैसे पंचमहल का अर्थ पांच महल या पांच मंजिला महल भी हो सकता है किन्तु यहां पांच महल्लों से अभिप्राय है। किन्हीं संदर्भों में महल्ला शब्द का इस्तेमाल सिर्फ मुस्लिम आबादी के लिए भी मिलता है। महल्ला शब्द का इस्तेमाल उज्बेकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान जैसे मुल्कों में एक सामाजिक व्यवस्था के बतौर ज्यादा होता है। जैसे अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान में समुदाय के लिए ज़िरग़ा शब्द प्रचलित है, या भारत में खाप अथवा जाति पंचायत होती है वैसे ही इन मुल्कों की सामाजिक व्यवस्था में महल्ला का बड़ा महत्व है। ये महल्ले किसी खास इलाके में रहनेवाले लोगों में धार्मिक –सांस्कृतिक ऐक्य के लिए बनाई गई बिरादरियां होती हैं। महल्ला की एक संचालन समिति होती है जिसका प्रमुख रईस कहलाता है।
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11 कमेंट्स:
मुझे तो मोहल्ला की सब से अच्छी परिभाषा ऐसे समझ आई ...
'जिस इलाके के कुत्ते एक दूसरे पर नहीं भौंकते उसे मोहल्ला कहते हैं।
मोहल्ला ऐसा होता है...हम्म!! ज्ञानवर्धन तो हो गया.
कहाँ की ईंट कहाँ का रोडा और शब्दों के महल बन के तैयार हो जाते हैं और रूप इतना परिवरतित कि पहचान ही न पायें कि असका मूल क्या पर आप हैं अजित जी तो हमें तो ये सब पता लगना ही है । धन्यवाद ।
घोड़ों वाला फोटो देखकर बैल की सवारी गाँठते बाउ याद आ गए। मतबल ये कि पुरनिए सही बात बताते रहे हैं। गपियाए नहीं।
लगे हाथ ओक जी के इतिहास को भी छूते छुआते चले गए ! भाऊ कभी कभी आप चकित कर देते हैं, सच्ची। वैसे बेगम के नाम में महल नहीं था - जे बात बाद में प्रचारित कर दी गई। .. नहीं ये ओक जी से नहीं कहीं और पढ़ा था।
मुहल्लेदारी अच्छी रही। लगे हाथ हिन्दी ब्लॉगरी के मोहल्ले की भी चर्चा कर दिए रहते। ..वैसे ही कहत हैं, दिमाग में आय गया सो कह दिए:)
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कुछ दिन की अनुपस्थिती के लिये क्षमा चाहती हूँ। पिछली पोस्ट्स धीरे धीरे पढूँगी।मोहल्ला भी इतनaा रोचक और ग्यानवर्द्धक है वाह बहुत बहुत धन्यवाद्
मोहल्लो में बड़ा हल्ला मचा है,
घरो के साथ मेला सा लगा है,
यहाँ कुत्तो का अक्सर राज देखा,
निवासी तो कहीं दुबका हुवा है.
@गिरिजेश राव
हम भी यही समझते हैं कि बेग़म के नाम के साथ महल नहीं था। इसका कोई तार्किक आधार समझ नहीं आता कि किसी महिला के नाम के साथ महल क्यों जुड़ा। बाकी किसी अन्य मुस्लिम नाम के साथ महल जैसा उपनाम या प्रत्यय लगा हुआ कभी नहीं पाया। खैर, विकीपीडिया से लेकर तमाम संदर्भ इस महल का उल्लेख करते हैं, बिना किसी सबूत के।
बहरहाल, यह हमारे शोध का विषय नहीं है, सो क्यों दिमाग खपाएं।आपने देखा होगा, डेढ़ लाईन में ताज-महल को निपटा दिया है:)
मोहल्ला शब्द कितनी बार इस्तेमाल करते हैं...इस तरह से कभी सोचा नहीं,की, उत्पत्ती कहाँसे हुई होगी...बड़ा दिलचस्प लगा ये मालूमात पढना..तहे दिलसे शुक्रिया!
ज्ञानवर्धन हुआ खूब । आभार ।
bahut aaccha laga aapne जिस तरहां से परिचय कराया है इस महत्वपूर्ण जानकारी से
मोहल्ला शब्द की अपने आप मे सामूहिकता बोध लिये हुए है । अलग अलग स्थानो पर इसके नाम अलग अलग हो सकते है जैसे छत्तीसगढ़ मे इसे पारा कहते है । वार्ड शब्द अंग्रेजी का सही हिन्दी मे प्रचलन मे आ गय है ।
@राव साहब यह ओक साहब के बारे मे तो आपको पता ही होगा । इनके झूठ को सुप्रीम कोर्ट से ही बैन कर दिया गया है बरसो पहले । अन्यथा ये अब तक ताजमहल तुड़वा कर ही दम लेते ।
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