पिछली कड़ी- खलीफा, मुखालफत, खिलाफत
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प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 3:26 AM
16.चंद्रभूषण-
[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8 .9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 17. 18. 19. 20. 21. 22. 23. 24. 25. 26.]
15.दिनेशराय द्विवेदी-[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22.]
13.रंजना भाटिया-
12.अभिषेक ओझा-
[1. 2. 3.4.5 .6 .7 .8 .9 . 10]
11.प्रभाकर पाण्डेय-
10.हर्षवर्धन-
9.अरुण अरोरा-
8.बेजी-
7. अफ़लातून-
6.शिवकुमार मिश्र -
5.मीनाक्षी-
4.काकेश-
3.लावण्या शाह-
1.अनिताकुमार-
मुहावरा अरबी के हौर शब्द से जन्मा है जिसके मायने हैं परस्पर वार्तालाप, संवाद।
लंबी ज़ुबान -इस बार जानते हैं ज़ुबान को जो देखते हैं कितनी लंबी है और कहां-कहा समायी है। ज़बान यूं तो मुँह में ही समायी रहती है मगर जब चलने लगती है तो मुहावरा बन जाती है । ज़बान चलाना के मायने हुए उद्दंडता के साथ बोलना। ज्यादा चलने से ज़बान पर लगाम हट जाती है और बदतमीज़ी समझी जाती है। इसी तरह जब ज़बान लंबी हो जाती है तो भी मुश्किल । ज़बान लंबी होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है ज़बान दराज़ करदन यानी लंबी जीभ होना अर्थात उद्दंडतापूर्वक बोलना।
दांत खट्टे करना- किसी को मात देने, पराजित करने के अर्थ में अक्सर इस मुहावरे का प्रयोग होता है। दांत किरकिरे होना में भी यही भाव शामिल है। दांत टूटना या दांत तोड़ना भी निरस्त्र हो जाने के अर्थ में प्रयोग होता है। दांत खट्टे होना या दांत खट्टे होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है -दंदां तुर्श करदन
अक्ल गुम होना- हिन्दी में बुद्धि भ्रष्ट होना, या दिमाग काम न करना आदि अर्थों में अक्ल गुम होना मुहावरा खूब चलता है। अक्ल का घास चरने जाना भी दिमाग सही ठिकाने न होने की वजह से होता है। इसे ही अक्ल का ठिकाने न होना भी कहा जाता है। और जब कोई चीज़ ठिकाने न हो तो ठिकाने लगा दी जाती है। जाहिर है ठिकाने लगाने की प्रक्रिया यादगार रहती है। बहरहाल अक्ल गुम होना फारसी मूल का मुहावरा है और अक्ल गुमशुदन के तौर पर इस्तेमाल होता है।
दांतों तले उंगली दबाना - इस मुहावरे का मतलब होता है आश्चर्यचकित होना। डॉ भोलानाथ तिवारी के मुताबिक इस मुहावरे की आमद हिन्दी में फारसी से हुई है फारसी में इसका रूप है- अंगुश्त ब दन्दां ।
30 कमेंट्स:
ये एक नई बात चली..अब सोच सुधारेंगे.
वाह, गर्दन से पर्यवेक्षक और फिर प्रतिद्वंदी और विरोधी या दुश्मन रकब ka ये सफ़र काफी ऊपर से नीचे आया है.
शब्द एक रकीब और मतलब कई . अल्लहा से लेकर मोहब्बत के दुश्मन तक को रकीब कहना कमाल है
कोई दोस्त है, न रकीब है
तेरा शहर कितना अजीब है,
मैं किसे कहूं मेरे साथ चल
यहाँ हर सर पर सलीब है...
ऐसा सुघर विश्लेषण दुर्लभ है । मैं तो ’चकित चितव’ शब्दों का अर्थ-व्यापार ही निरखता हूँ । धन्यवाद ।
बस छा गए .......! एक शेर कुछ याद सा आ रहा है
खुदा करे दर्दे मुहब्बत न हो किसी को नसीब
रोया मेरा रकीब भी गले लगा के मुझे !
हिन्दी में रकीब का समानार्थी भी बताएं !
आज कल आप के चित्र ही अटका देते हैं।
रकीब से रकबा - बढ़िया जानकारी।
सतर्कता से शत्रुता और फिर प्रतिद्विन्दिता - खूब रही।
'प्रतिद्विन्दी' होता है या 'प्रतिद्वन्द्वी' - मैं भी भ्रमित हो रहा हूँ। सहेवे पाठ बताएँ।
वाह !
अच्छा लगा
बधाई !
वाह.. वाह...!
वडनेकर जी।
आज तक हम इस राज से अनभिज्ञ थे।
अच्छी जानकारी दी है आपने।
आभार!
रक़ीब का शायरी से बड़ा ताल्लुक है। शायद ही कोई शायर हो जिसने अपनी पहली बीस रचनाओँ में इस शब्द का प्रयोग नहीं किया हो। रक़ीब अफ़साना निगारों को भी पसंद है उस के बिना अफ़सानों में जान नहीं आती। वह सब्जी में नमक की तरह है। वह कण-कण में व्याप्त भी है वर्ना अल्लाह सा निगेहबान और जासूस कैसे होता?
रोचक!
रकीबों से हबीबों से तमाम आलम से मिलियेगा,
कभी फ़ुर्सत मिले इनसे तो आकर हम से मिलियेगा.
जाना पहचाना सा लगता था, पर इतने सारे गूढ़ अर्थ छिपे होंगे रकीब शब्द में, ये कभी नहीं सोचा था. जानकारी कमाल की. धन्यवाद.
हिन्दी में रकीब के समानार्थी को लेकर हमारी बात पहले भी हो चुकी है :-)
वही जवाब यहाँ लिख दीजिये अरविन्द जी के लिए ..वैसे आइडिया बुरा नही है ..मुझे इन्तिज़ार रहेगा.
बहुत अच्छी जानकारी है भास्कर का इस हफ्ते का आलेख भी रात मे ही पढ पाई [सब का भाग्यविधाता कौन ] बहुत बडिया सफर लगता है इन शब्दों के साथ बधाई
Isi bahaane bahut kuchh jaane ko mil raha hai.
( Treasurer-S. T. )
आप जितनी सूक्ष्मता से शोध करते हैं, वह बेमिसाल है |
इस लेख के सम्बन्ध में मुझे बस एक छोटी सी बात यह कहनी है कि कहीं न कहीं यह अंग्रेजी, फ्रेंच और स्पेनी के RIVAL से भी सम्बन्ध है...देखिये न कितना मिलता जुलता है...,
वाह ! वाह ! वाह ! अजीत भाई वाह...बेमिसाल जानकारी दी आपने...इतने रोचक ढंग से आपने शब्दों की विवेचना की है कि यह अध्याय सहज ही विस्मृत न हो पायेगा...
बहुत बहुत आभार..
वही तेवर,पर अधिक धारदार,
आप शब्दों के प्रभाव से जिंदगी के
अर्थ उद्घाटित कर देते हैं....सफ़र में होना
दरअसल हर बार जीवन के नए रंग के
साथ होने का अहसास दिलाता है....
आपकी
निरंतरता...निष्ठा...नव्यता
को नमन अजित जी.
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साभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
रकीब को इतने विस्तार से पढ़कर मैं खुश हुआ। धन्यवाद
@गिरिजेश राव
द्वन्द्व ही सही होता है बंधु
बन्धु न हो भ्रमित -प्रतिद्वंद्वी ही हैं कुपित !
@अरविंद मिश्र
सही है डाक्टर साहब। कोई भ्रम नहीं है जी। मैं तो यही सोच रहा था कि आपने यह जिज्ञासा क्यों जताई:) वैसे रक़ीब की जस की तस अर्थवत्ता वाला कोई और शब्द हिन्दी में तो मुझे नज़र नहीं आता। उसके निकटतम किन्ही भावों के लिए प्रतिद्वन्द्वी शब्द को चुना जा सकता है।
रकीब शब्द का असली मिनिग हम कोलेज में ही जान पाए थे अजित जी ...सो आज तक भूले नहीं है
हम तो केवल इतना जानते ठ की एक ही प्रेमिका को चाहने वाले दो पुरुष आपस में रकीब कहलाते है आपने तो पूरी थ्योरी पेश कर दी :)
बहुत अच्छा लगा पढ़ कर
निरिख शब्द के बारे में भी कुछ बताइए
वीनस केसरी
वाह! हमारे रकीब हमसे पहले इत्ता सारा टिपिया गये।
Marvellous etymology bahut shodh kiya hoga aapne....
...vishwaas kijiye bahut accha laga....
kalantar main kis tarah bhashaoon aur arthon ka roop badalta hai...
..iske kai udharan hai.
ek to "dinner" hi hain Dinner: Din ka bhojan.
dev ka arth hindi aur urdu main alag alag hi nahi balkin bilkul viprit hai....
nukte ke her pher se khuda bhi zuda ho hjata hai saheb..
phir ye to same words hain jinka laghbafh viprit arth hai...
ये नयी जानकारी मिली आज एक और. आज तो हमने अपने ऑफिस में पूछ लिया रकीब का मतलब :)
अभिषेक कहीं आपने अपने रकीब से ही तो नहीं पूछ लिया यह सवाल -आप भोले मनुष्य कुछ भी कर सकते हैं !
वाह जी वाह..
आजा मेरे रकीब तुझे गले लगा लूं
मेरा इश्क बेमजा था तेरी दुश्मनी के पहले
क्या बात बहुत सुन्दर व उपयोगी
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