कतरनी के अर्थ में कैंची शब्द की व्याप्ति हिन्दी की कई शैलियों में है। कैंची की व्युत्पत्ति तुर्की भाषा से मानी जाती है मगर इस शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर भाषाविज्ञानी मौन हैं और संदर्भ भी कम हैं। अनुमान है कि इसका रिश्ता अरबी शब्द कस्र से है, जिसका अर्थ है काटना, छीलना, तराशना। इस धातु से जुड़ी मूल सेमिटिक धातु क-स-र q-s-r में भी यही भाव हैं। यूरोपीय और अरबी भाषाविदों में इस धातु पर विवाद है कि मूलतः कस्र का जन्म ग्रीक या लैटिन मूल से हुआ है अथवा यह सेमिटिक धातु ही है। अरबी शब्द अल-कस्र का अर्थ है महल। कस्र धातु में निहित भावों पर गौर करें तो इसका अर्थ हुआ पत्थरों, चट्टानों, पहाड़ों को काटकर, तराश कर बनाया गया आश्रय। इससे मिलता-जुलता शब्द अंग्रेजी का कैसल भी है। दिलचस्प यह भी कि इस शब्द परिवार का रिश्ता कैसर से भी है जो जर्मनी के सम्राटों की उपाधि थी। कैसर का प्रयोग अरबी, फारसी और उर्दू में भी प्रभावशाली व्यक्तियों की उपाधि के तौर पर होता रहा है जैसे कैसर ए हिन्द यानी हिन्दुस्तान का बादशाह। इसका ताल्लुक प्रसिद्ध रोमन सम्राट जूलियस सीजर से भी है। दरअसल लैटिन के castrare और Caedere एक ही मूल के हैं और दोनों में ही काटने, तराशने का भाव है जिससे सीजर और कैसल जैसे शब्द बने। कैसल यानी महल, प्रासाद, किला और कैसर यानी सम्राट। शासक के रूप में इनकी व्याख्या यही है कि राजा हमेशा विशाल भवन में ही रहता है। कैंची समेत कतरनी के अर्थ वाले सीजर और जूलियस सीजर से जुड़े सीजर शब्द पर गौर करने से पहले कुछ अन्य शब्दों पर भी गौर कर लें। अंग्रेजी में कैंची को कहते हैं सीज़र । हिन्दी की कतरनी और अंग्रेजी की सीज़र आपस में मौसेरी बहने हैं। प्राचीन भारोपीय धातु ker का ओल्ड जर्मनिक में रूप हुआ sker जिसका मतलब होता है काटना, बांटना, विभाजन करना। संस्कृत में इसका रूप है कृ। कर्तन यानी काटना जैसा शब्द इससे ही बना है। कर्तनी यानी जिससे काटा जाए। कतरना, कतरनी यानी कैंची जैसे देशज शब्द इसके ही रूप हैं। अंग्रेजी के शेयर share यानी अंश, टुकड़ा, हिस्सा। आज की बाजार-संस्कृति में शेयर का रिश्ता पू्जी से जुड़ता है। शेयर-बाजार, शेयर-मार्केट जैसे शब्द बोलचाल में इस्तेमाल होते है। शीअर shear यानी काटना इससे ही बने हैं और इसका ही बदला हुआ रूप है सीज़र scissors यानी कैंची। शिअर में निहित काटने के भाव का विस्तार होता है लैटिन के Caedere शब्द में, जिससे बने सीजेरियन Caesarian का अभिप्राय है प्रसव के संदर्भ में पेट में चीरा लगाना। ऐसा कहा जाता है कि जूलियस सीजर Julius Caesar को उसकी मां का पेट चीर कर बाहर निकाला गया था। क्योंकि लैटिन के Caedere का मतलब होता है काटना या विभाजित करना, जिससे बने सीजेरियन शब्द का मतलब होता था पेट में चीरा लगा कर प्रसव कराना। आज भी इसका यही अर्थ है। सीजर के युग में सीजेरियन के जरिये सिर्फ नवजात का जन्म ही होता था। दरअसल यह विधि भी तभी आजमाई जाति थी जब प्रसव पीड़ा से मां की मौत हो जाती थी ऐसे में पेट चीर कर बच्चे को बाहर निकालना जरूरी होता था, वर्ना उसकी मौत भी तय होती, इसलिए ऐसे शिशु को सीजेरियन कहा जाता था। हालांकि यह सिर्फ एक कल्पना मात्र है। ऐतिहासिक प्रमाण कहते हैं कि जूलियस के शासन के दौरान उसकी मां जीवित थी और उसकी आयु का ब्योरा भी उपलब्ध है। जाहिर है यहां सीजर नाम का अर्थ वह नहीं है। दरअसल रोमन में सीजर शब्द का जो अंग्रेजी उच्चारण है वह रोमन में नहीं था। रोमन में c को k उच्चारित किया जाता है। इस तरह Julius Caesar रोमन में भी कैसर ही था जो एक उपाधि थी। जर्मन का कैसर kaiser, रूस का ज़ार tszar, zar, czar और अरबी कै़सर qaiser दरअसल एक ही मूल के हैं और इन सभी भाषाओं में इसका अर्थ एक ही है। यहां स्पष्ट है कि जिस तरह से जर्मनिक और रोमन में उच्चारण कैसर हुआ, अंग्रेजी में सीजर हुआ जबकि रूसी में यह जार हुआ। ध्यान दें कि लैटिन या अंग्रेजी का स रूसी में जाकर ज में बदल रहा है। अरबी कस्र ने जब रूस के दक्षिणी हि्स्से में बोली जाने वाली तुर्की भाषा में प्रवेश किया तो बहुत मुमकिन है क़-स-र की स ध्वनि का च में रूपांतर हुआ हो। स ध्वनि पहले ज में बदली हो और फिर च में रूपांतरित हुई होगी। अक्सर च और ज में रूपांतर होता है। यहां र ध्वनि का लोप हुआ है। इस तरह कस्र से ही कैंची शब्द बना हो हालांकि कैंची में जो अनुनासिकता है उसका आधार इस व्युत्पत्ति से नहीं मिलता है। वैसे रूप परिवर्तन के दौरान अनुनासिकता अपने आप आ जाती है जैसे उच्च के देशज रूप ऊंचा में यह नजर आती है। वैसे संस्कृत के कर्तन का रूपांतर कच्चन संभव है। मुमकिन है वर्ण विपर्यय से इसका अगला रूप कैंची बना है। इंडो-ईरानी मूल के शब्दों की आवाजाही तुर्की परिवार में हुई निश्चित ही हुई होगी। इस बारे में बहुत ज्यादा शोध नहीं हुआ है। लैटिन-जर्मनिक का कैसर शब्द शासक-सम्राट की उपाधि के रूप में ईसा पूर्व ही मशहूर हो गया था और इसी उच्चारण के साथ अरबी में पहुंचा था। प्रायः हर भाषा विदेशज शब्द को उनकी अर्थवत्ता और ध्वन्यात्मकता के साथ अपनाने की परिपाटी रही है। अरबों में ऐसा करते हुए उससे मिलती-जुलती धातु से शब्द-निर्माण की परम्परा रही है। भारतीय अंक शून्य की खोज का जब अरबों को पता चला तो उन्होंने अरबी भाषा में इसके मायने तलाशे। उन्हें मिला सिफ्र (sifr) जिसका मतलब भी रिक्त ही होता है। इसी तरह सम्राट के अर्थ में कैसर को अपनाने से पहले अरबों ने यही प्रक्रिया अपनाई। खुशकिस्मती से उन्हें q-s-r धातु मिली जिसमें काटने, विभाजित करने का भाव था। जर्मन K की जगह अरबी में Q का प्रयोग हुआ और इसका रूप हुआ Qaisar क़ैसर यानी शासक, सम्राट, जो अरबी फारसी के जरिये हिन्दी में भी चला आया।
Monday, December 28, 2009
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14 कमेंट्स:
बहुत अच्छी जानकारॊ प्राप्त हुई है.
अजित जी,
कैंची का ज़िक्र कर आज अपने शहर मेरठ की याद दिला दी...पहले मेरठ की पहचान ही कैंचियों से होती थी...वहां तो एक मोहल्ला ही कैंचियान के नाम से बसा हुआ है...मेरठ में एक मशहूर कैंची निर्माता का स्लोगन बड़ा हिट था...दादा ले, पोता बरते...
जय हिंद...
बेहतरीन आलेख...!
अच्छी जानकारी। बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
कैंची की चर्चा! रोचक है ये आलेख!
यह सीजर ने इंटर मे बहुत दुखी किया था . अंग्रेजी के कोर्स मे था शेक्सपियर की लिखी गाथा .
साउदी अरेबियाई देश कतर देश का भी शायद कैंची से कुछ लेना देना हो।
जस्ट अ हंच!
जानकारी भरी पोस्ट के लिए बधाई!
हर बार कितना कुछ दे जाते हैं आप.
आभार.....
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
सुंदर पोस्ट। कई रिश्ते पता लगे।
शानदार जानकारी !!
गुरु ग्रन्थ में कम से कम नौं बार 'काती' शब्द कटार और कैंची के अर्थों में आया है. कटार के अर्थों में :
रिद अंतरि कर तल काती - भगत बेणी
फरीदा कंनि मुसला सूफु गलि दिलि काती गुड़ु वाति - फरीद
कैंची के अर्थों में :
से सिर काती मुंनीअन्हि गल विचि आवै धूड़ि- गुरु नानक
कैंची शब्द एक बार भी नहीं; होना जरुरी तो नहीं, लेकिन अंदाजा हो सकता है की १५वीं सदी में कैंची शब्द इधर न होगा.
कैंची शब्द तुर्की से ही आया होगा; मेरा ख्याल है आपको संस्कृत के कर्तन का रूपांतर कच्चन संभव दिखाने की बजाये यह खोज करना बेहतर होगा की यह शब्द इधर पहले कब आया होगा .
कुछ अटकल मैं भी लगा लूँ . सीजर का एक मतलब वालों वाला भी बताया गया है. और इस से मिलता शब्द केश हमारे भी है . विष्णु और कृषण को केशव ही बोलते हैं.
अगली बात कैंची जब काटती है तो कचर कचर सी आवाज आती है!
@बलजीत बासी
कैंची को तुर्की मानते हुए ही कस्र से उसके आधार को तलाशने की चेष्टा की है। क-स-र ध्वनियों के क-च-र में तब्दील होने की कल्पना कहीं ज्यादा व्यावहारिक लग रही है। जैसे ही कोई ठोस आधार या सूत्र मिलता है, उसे सबसे साझा करूंगा ही।
जैजै
आलेख शानदार है | हर बार की तरह अभिनव-जानकारी से समृद्ध |
आपके आलेखों की कोई भी कमी अखरती है |बात बड़ी नहीं, पर फिर भी ध्यान दें - एक पंक्ति दो बार लिख दी गयी है -
"अंग्रेजी में कैंची को कहते हैं सीज़र scissors । अंग्रेजी में कैंची को कहते हैं सीज़र ।"
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