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Thursday, December 31, 2009
मित्र-चर्चा के साथ नए साल का स्वागत
सफर के साथियों को 2010 की खूब-खूब शुभकामनाएं
2009 की शुरुआत भी मित्रों के आगमन से हुई थी। नए-नए ब्लाग मित्र, जिनसे मिलें तो नए से नहीं लगते। देखते-देखते साल बीत गया। इस बीच ब्लाग-मित्रों की आमद लगी रही। इलाहाबाद में साथियों से मिलना हुआ और यूं लगा मानों बरसों से पता-ठिकाना तो जानते थे, पर सिरहाने की किताब में दबा कर बिसराए थे।
खुशकिस्मती से साल के आखिरी महीने की शुरुआत में भी दो अपनों का घर पर आना हुआ। हिन्दी कविता के जाने-पहचाने नाम हैं गीत चतुर्वेदी और विजयशंकर चतुर्वेदी। गीत दैनिक भास्कर में मैगजीन एडिटर हैं और भोपाल में ही रहते हैं। बेहद सीधे, सरल। पढ़ाकू, विचारक। कम उम्र में ख्याति और विद्वत्ता अर्जन कर पाने का सौभाग्य और जतन दोनो ही उनके हिस्से में हैं। जितना हम जान पाए। चंद अर्सा पहले तक वे जलंधर में होते थे। अब बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के साथ भोपाल में हैं। उनसे रोज मुलाकात की सुविधा है मगर हम मिल नहीं पाते। फोना-फोनी हो जाती है। महिने के पहले हफ्ते में अचानक उनका फोन आया। हम संयोग से उस दिन छुट्टी पर थे। सूचना थी कि दफ्तर में हमारे मित्र बैठे हैं-विजय शंकर चतुर्वेदी जो मध्यप्रदेश के सतना शहर के रहनेवाले हैं, मगर अब मुंबई जा बसे हैं। वहां काफी सालों से हैं। बाहर से शांत मगर चेतना के स्तर पर सजग-असंतोषी। हिन्दुस्तानियत के वकील। इतिहास-परम्परा के अध्येता की मुद्रा में भी नजर आते हैं। अखबार, टीवी के बाद अब एक टेलीकम्युनिकेशन से जुड़ी भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी में मोबाइल पत्रकारिता कर रहे हैं। दोनों साथी गंभीर ब्लागर भी हैं, मगर हमारे घर पर इन दो “चौबे” के आगमन को छब्बे से दुबे बनने की कहावत सुना हुआ मन कहीं न कहीं यह भी कह रहा था कि कहीं यह अपशकुन न हो। दो – दो चौबे और वो भी कवि, पत्रकार। ईश्वर जाने क्या होगा…कर्णपिशाचिनी ने भी तो कोई चेतावनी नहीं दी थी? खैर, हमने छुट्टी के बावजूद घर से निकलने का मन बनाया पर फिर इरादा बदलते हुए दोनों को घर आने के लिए निमंत्रित किया जो फौरन ही स्वीकार कर लिया गया।
विजय जी को उसी दिन रात को जबलपुर जाना था। इससे पहले उन्हें वरिष्ठ कवि कुमार अंबुज के घर भी जाना था। बहरहाल दोनों मित्रों के साथ बिताए कुछ पलों का झरोखा हैं ये तस्वीरें। इस मुलाकात को इसलिए भी आप तक पहुंचा रहे हैं ताकि अपने मित्रों और शुभचिंतकों से मिलने-जुलने का मौका नए साल भी इसी तरह मिलता रहे, मन की यह बात सब तक पहुंच सके। चित्रों में बीच में बिराजे हैं गीत, दाएं हैं विजय। क्लिक किया अबीर ने।
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23 कमेंट्स:
अजित जी और ब्लाग के सबी पाठकों को नये साल की शुभ कामनाएं.
नए साल में अजित जी नए शब्द तो लेकर आएंगे ही, अल्ला करे जोरे कलम और ज्यादा .
आप के दोस्तों के चित्र देखकर ख़ुशी हुई .क्या उन को कुछ खाने को भी मिला या शब्दों से ही पेट भरते रहे?
और हाँ, अच्छा होता किसी और पोज में भी तस्वीर देते(यहाँ भी टिप्णी)!
@बलजीत बासी
आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं बलजीतप्राजी। दोनों साथियों को खिलाया कुछ नहीं, अलबत्ता पिलाया ज़रूर...अपने हाथों से छौंक लगाया हुआ राजस्थानी-मराठी अंदाज़ वाला छाछ-मट्ठा।
दोनों साथियों को जल्दी थी। कुमार जी के घर भी जाना था, सो खिलाना रह गया।
अजित जी,
ये आपके स्नेह का चुंबक है जो हर किसी को अपनी ओर खींच कर ले आता है...
नया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां लेकर आए...
जय हिंद...
वाह कितने भाग्यशाली हैं आप!
सुन्दर संयोग और अवसर मिला आपको !
नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
विजय भाई और आपसे मिलने का सौभाग्य मेरा भी है. गीत जी से भी मिलने का मन है.
अच्छा लगा पढ़ सुन कर.
मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
भाऊ, आप को ढेर सारी शुभकामनाएँ।
पैराग्रॉफ को justify format कीजिए। ये कर्णपिशाचिनी कौन है ?
नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं |
बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
जाते जाते याद करना मैं कैसे आया था।
बहुत अच्छा लगा यह स्मरण।
नववर्ष पर आप को भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
nice
बहुत सुंदर, नये साल की घणी रामराम.
रामराम.
शुभकामनायें अजित भाई !
शानदार जानदार पोस्ट
नुतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
बढिया पोस्ट।
आप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
khamma gani hukum!
naya saal aapki khushiyo or umeedo ka khayal rakhe yahi duaa hai.
aise kimti palo ko sahejkar behad dhanwan huye aap or hum aapki khushi se behad khush!!!!
मित्र संस्मरण मित्रों के नाम
सभी सदस्यों को नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
- सुलभ जायसवाल सतरंगी
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें।
नव वर्ष मंगलमय हो ....
शब्दों का सफ़र अनवरत जारी रहे.
शुभकामनाएं !
मीत
priy bhai, आपकी मेहनत को नमन करता हूँ. अमूमन अनुपलब्ध सूचनाएं देना, मित्रों से अन्तरंग वार्तालाप, इदरता के साथ चीजों का स्मरण.. इन सबके साथ ही एक बेहतर इंसान के ब्लॉग को देखना सुखद रहता है. मै तो अनाडी ही हूँ. इस नयी दुनिया को अभी देख ही रहा हूँ. यहाँ प्रतिभाएं चमक रही है. आने वाला कल इन सबका है.
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये , आपके सफ़र के साथ आपका ही
बहुत मंगलमय हो जी नया साल आपको और आपके कुटुम्ब को!
कामना है कि ऐसे संयोग हमेशा बनते रहें। नववर्ष आपको, परिवार के सदस्यों और सभी मित्रों को शुभ हो।
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