Thursday, February 25, 2010

एक टुच्चा आलेख (माइक्रोपोस्ट)

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नी च या निकृष्टता के अर्थ में टुच्चा शब्द का इस्तेमाल होता है। इसमें पन या पना जैसे प्रत्ययों के लगने से टुच्चापन या टुच्चापना जैसे शब्द बनते हैं जिनमें ओछेपन की हरकत करने का भाव है। किसी वस्तु या  काम को नगण्य, स्तरहीन, उपेक्षणीय तथा तिरस्कारयोग्य समझते हुए उसे टुच्चा काम या टुच्ची चीज़ भी कहा जाता है। टुच्चा शब्द बना है संस्कृत के तुच्छ शब्द से जिसमें शून्य, खाली, अल्प, क्षुद्र, छोटा,  नगण्य या ओछा जैसे भाव हैं। यह बना है तुद् धातु से जिसमें काटना, छीलना, प्रहार करना जैसे अर्थ निहित हैं। गौर करें कि धान की भूसी, चारा आदि को भी तुच्छम् कहा जाता है। घास को बारीक बारी काटने से ही भूसी या चारा बनता है। इसमें तुद् धातु में निहित प्रहार करने, छीलने या काटने का भाव सिद्ध है।  गौरतलब है कि ओछा शब्द भी तुच्छ का ही रूपान्तर है । तुच्छक > उच्छअ > ओछा के क्रम में तुच्छ से ओछा रूप हाथ लगता है जो हीनताबोधक वाक्यों में खूब इस्तेमाल होता है ।  तुच्छ या टुच्चा दोनों ही शब्दों का हिन्दी में मुहावरेदार प्रयोग होता है। टुच्चई या टुच्चाई जैसे क्रियारूप भी प्रचलित है। जिस तरह से किसी भी वस्तु, कर्म, धर्म या विचारधारा को आज के ज़माने में चिरकुट कहा जा सकता है वैसे ही इन सभी के साथ टुच्चा, टुच्चई, टुच्ची जैसे विशेषण भी रोजमर्रा में प्रयोग होते हैं। (टुच्चई के लिए क्षमायाचना सहित)
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15 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

अब क्या कहें क्षमायाचना के बाद कुछ भी कहना टुच्चई ही कहलायेगी. :)

अविनाश वाचस्पति said...

टुच्‍चा से मिलता जुलता लुच्‍चा
इसके बारे में न दी हो तो देना
पूरी जानकारी मौसम है अच्‍छा
तभी जब आम हो जाए पक्‍का

डॉ. मनोज मिश्र said...

अच्छी व्याख्या.

अमिताभ मीत said...

टुच्चई जारी रहे ..... आप की हर पोस्ट की तरह बढ़िया पोस्ट .... आभार.

दिनेशराय द्विवेदी said...

होली मुबारक हो। आप ने इस पोस्ट से सफर पर होली का आरंभ कर दिया है। रंगपंचमी तक जारी रहे।

RAJENDRA said...

आपके ब्लॉग का नियमित पाठक हूँ और आज विशेष धन्यवाद इसके लिए की आपने देवनागरी लिपि ;में टिपण्णी करने की सुविधा उपलब्ध कराई- पुनः धन्यवाद

निर्मला कपिला said...

टुच्चा के लिये भी इतनी बडिया पोस्ट। बहुत खूब

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

टुच्चा आलेख .......... मै घबरा गया था शीर्षक पढ़ कर .

नीरज मुसाफ़िर said...

ये लो जी म्हारी भी टुच्ची टिप्पणी.

Baljit Basi said...

टुच्चा नहीं यह तो बड़ा उच्चा लेख है जी. मैं तो समझता था ये खूबसूरत शब्द पंजाबी में ही है. तुच्छ ने बड़े महारथी शब्द को जन्म दिया.

किरण राजपुरोहित नितिला said...

photo bhi micro prani ki di. ye accha kiya aapne.

रंजना said...

तुच्छ का सम्बन्ध टुच्चा से हो सकता है,यह तो सोच ही नहीं पायी थी आज तक...
बहुत बहुत आभार..

Mansoor ali Hashmi said...

चमचा के बाद टुच्चा ?
ये ''च'' की केमिस्ट्री में टुच्चई का अधिक होना शोध का विषय नहीं?......जैसे की....
चुगली, चुहलबाजी, चिडचिडाहट,चिल्लाना[चिंघाड़ना], चालाकी, चालबाजी, चोरी, चांटा,चंडू ,चुड़ैल ,चांडाल, चरस etc. chaaplusi, chamchagiri chirkut vagairah to aap bayan kar hi gaye.
चाचा ने चाची को चांदी की चम्मच से चटनी चटाई....कल की पोस्ट पर ऐसा कुछ लिखते लिखते रह गया था.....बात अधूरी ही छूट गयी, रात गयी, बात गयी.

उम्मतें said...

एक टुच्चई भरे सवाल का जबाब दीजिये...हिंदी भाषी टुच्चा/टुच्ची और आंग्ल भाषी टच / टची में कोई जोड़ बैठता है क्या ?

अजित वडनेरकर said...

अली भाई, इन शब्दों पर सफर मे लिखा जा चुका है। कृपया यह लिंक देखें- http://shabdavali.blogspot.com/2009/09/blog-post_11.html

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