Sunday, September 9, 2007

बजा दो बैंडबाजा !

बैंडबाजा दरअसल अंग्रेजी के बैंड और हिन्दी के बाजा शब्दों से मिलकर बना देसी शब्द है। अंग्रेजी में बैंड का अर्थ फीता या स्ट्रिप है जिसे किसी चीज के इर्द-गिर्द चिपकाया अथवा बांधा जाए जैसे रबरबैंड को बांधा जाता है। इसी तरह बैंड का दूसरा अर्थ जो हिन्दी में ज्यादा प्रचलित है वह है मांगलिक अवसरों पर आमंत्रित वाद्यवृंद अथवा शादी-ब्याह के मौके पर बाजा बजानेवाली मंडली।
सबसे पहले बात बाजे की। बाजा दरअसल संस्कृत के वाद्यम् शब्द का तद्भव रूप है जिसका मतलब हुआ बाजा, बाजे की ध्वनि आदि। यह लफ्ज संस्कृत की मूल धातु वद् से बना है जिसका अर्थ है कहना , बोलना, उच्चारण करना । संगीतिक संदर्भों के तहत इसमें स्वरों को ऊंचा उठाना, गायन करना, प्रवीणता दिखाना आदि भाव भी शामिल है। इस तरह वाद्यम् शब्द का अर्थ हुआ मधुर ध्वनि करने वाले संगीत यंत्र अथवा साज। इसी का एक और क्रियारूप बना वादन या वादनम जिसका मतलब हुआ बजाना, ध्वनि करना। वादक शब्द भी इसी से बना जिसका देसी रूप बजैया ,बजनियां या बजवैया भी बोला जाता है। मराठी में वाद्यवृंद के लिए वाजंत्री शब्द भी है। हिन्दी में बजाना शब्द का एक अर्थ मारपीट या लाठी चलाना वगैरह भी है।

अब आते हैं बैंड पर।
अंग्रेजी मे इसका अर्थ है म्यूजिशियंस का ग्रुप । दुनियाभर के संगीत समूह अपने नाम के साथ बैंड शब्द का प्रयोग करते हैं जैसे रॉकबैंड। मूलत: इस शब्द का मतलब किसी खास काम को करने वाले व्यक्तियो का समूह है । कोई समूह बैंड तभी कहलाएगा जब उसकी ड्रेस के साथ एक फीता भी पहचान के तौर पर जोड़ा जाए। मसलन पुलिस या फौज। जाहिर सी बात है कि बैंड बजानेवालो की पहचान भी उनकी टोपी या बांह पर बंधे एक फीते से होती है।
खास बात ये कि बैंड शब्द मूलत: भारतीय यूरोपीय भाषा परिवार का ही है और इसकी उत्पत्ति का आधार संस्कृत शब्द बंध् में छुपा है जिसका अर्थ है बांधना, कसना , जकड़ना आदि। वैसे वाद्ययंत्रो या वादकों के समूह को बैंड कहने का चलन इंग्लैंड में भी सोलहवीं-सत्रहवी सदी के आसपास ही शुरू हुआ। इस तरह भारत में वाद्यम् से बने बाजे के साथ बैंड के जुड़ जाने से बन गया बैंडबाजा
अब यूं तो बैडबाजे का बजना या बजाना मांगलिक शगुन होता है मगर मुहावरे के तौर पर अब बैंडबाजा बजना वाक्य का अर्थ शादी के लक्षण के साथ ही किसी हानि या नुकसान होने के संदर्भ में भी समझा जाता है।

4 कमेंट्स:

Gyan Dutt Pandey said...

सही है - बैण्ड की नाल संस्कृत के बंध में है. पर फ़लाने का बैण्ड बज गया - यह तो विशुद्ध आधुनिक तरंग है! :)

Sanjeet Tripathi said...

बहुत बढ़िया!!

आपकी यह लेखनी हमें हमारे स्थानीय अखबार देशब्न्धु में रविवार को छपने वाले एक कॉलम की याद दिला जाती है!!

आभार!

Unknown said...

Padhogi

Unknown said...

Padhogi

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