दरअसल हिन्दी , फारसी और उर्दू का लंबरदार शब्द बना है अंग्रेजी के नंबर शब्द में फारसी का दार प्रत्यय लगने से। उत्तरभारत में इसे नंबरदार और लंबरदार दोनों तरीके से बोला जाता है। दरअसल इस नाम के पीछे अगर देखें तो प्राचीन भारत की संयुक्त परिवार प्रथा नज़र आती है। निकट संबंधियों के भरे पूरे परिवार की समृद्ध और समझदारी भरी परंपरा अंग्रेजों के शासन संभालने तक सांसे ले रही थी। यह परंपरा सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से चाहे बढ़िया थी मगर कुटुम्ब की संयुक्त अधिकार वाली संपत्तियों , ज़मीनों आदि का हिसाब किताब बड़ा पेचीदा काम था। खासतौर पर सरकार को जब लगान चुकाने की बात सामने आती थी तब इसकी मुश्किलें नज़र आती थीं। मगर सरकार को तो लगान वसूलना ही होता था सो एक व्यस्था बनाई गई जिसके मुताबिक संयुक्त परिवार के एक व्यक्ति विशेष को इस काम के लिए मुकर्रर कर दिया जाता था कि वह सरकारी शुल्क , लगान या अन्य दस्तावेजी कामों के लिए उत्तरदायी होगा। इस पूरी कार्रवाई का नंबर देखर रजिस्ट्रेशन होता था यानी वह व्यक्ति नंबर के ज़रिये रजिस्टर्ड होता इसलिए उसे नंबरदार कहा जाने लगा। वहीं व्यक्ति बाद में समूचे गांव से राजस्व वसूली के लिए भी प्रतिनिधि बनाया जाने लगा।
फारसी में एक शब्द है नामबरदार अर्थात जो नामवर है या प्रसिद्ध है। देखा जाए तो नामबरदार से भी नंबरदार का जन्म हुआ माना जा सकता है मगर ऐतिहासिक प्रमाण यही कहते हैं कि अंग्रेजी के नंबर से ही बना नंबरदार जो मुखसुख के लिए बाद में लंबरदार के रूप में लोकप्रिय हो गया।
अब आते हैं अलमबरदार। कुछ लोग इसे हिन्दी में अलंबरदार भी लिखते हैं जो ग़लत प्रयोग है। यह शब्द भी अरबी फारसी के ज़रिये हिन्दी उर्दू में आया। अलमबरदार भी शाही दौर में एक पद था । अरबी में अलम कहते हैं ध्वज, झंड़ा, पताका अथवा पहाड़ को। साफ है कि जब सेना या राजा का काफिला निकलता था तो सबसे आगे ध्वजवाहक ही चलते थे जिन्हें अलमदार या अलमबरदार कहा जाता था। आज इसका मुहावरे के तौर पर भी प्रयोग होता है जिसका अर्थ है किसी खास पंथ, धर्म अथवा राजनीतिक विचारधारा के बडे नेता। हिन्दी में झंडाबरदार शब्द भी खूब चलता है।
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7 कमेंट्स:
मित्रवर, मेरे अनुमान से लंबरदार, अलमबरदार से ही निकला है.. नम्बर से नहीं..
वाह; १. आप शब्दों के अलमबरदार हैं और २. नामवर सिंह जी को नम्बरदार सिंह कहने पर हिन्दी के प्यूरिटान लोग आपको छील डालेंगे! :)
बढि़या है। आप सही में शब्दों के अलमबरदार हैं। शब्द चौधरी हम आपको बता ही चुके हैं।
अभय की राय से मैं इत्तफ़ाक नहीं रखता । जिन जेलों में ज्यादातर विचाराधीन कैदी रहते हैं और मुष्टिमेय सजायाफ़्ता वहाँ सजायाफ़्ता कैदियों में से नम्बरदार बना दिये जाते हैं । उन्हें उत्तर प्रदेश में पीली वर्दी मिलती है और एक नम्बर भी । इस रंगीन वर्दी की रंगदारी शायद विषयांतर होगा?
अभयजी, टुप्पणी के लिए आभारी हूं। आपकी राय निराधार है। एलॉयड चैम्बर्स ट्रांसलिट्रेटेड डिक्शनरी के पृष्ठ १११६ पर एंग्लो इंडियन ग्लासरी में जाएं । नीचे से चौथा शब्द है लंबरदार। वहां लिखा है-FROM LAMBARDAR ,MEANING PROPERLY THE MAN WHO IS REGISTERED BY A NUMBER.
मैने इसी लिए नंबरदार, लंबरदार, नामबरदार और अलमबरदार सभी को अलग - अलग स्पष्ट किया है ताकि कोई गलतफहमी न रहे। अलमबरदार से लंबरदार समझा जा सकता है, मगर उससे लंबरदारनी बन जाना तार्किक नहीं। नंबरदार की कथा तो तब भी जाननी ही होगी न ? लंबरदार से नंबरदार क्यों बना होगा ?
मैने अनुमान से नहीं बल्कि सन्दर्भों को टटोलकर ही
लिखा है।
उम्मीद है कि ये लेख भविष्य में एक उपयोगी निघंटू का आधार बन जायेंगे.
निघंटू की व्युत्पत्ति देखी क्या -- शास्त्री
जिस तरह से हिन्दुस्तान की आजादी के लिये करोडों लोगों को लडना पडा था, उसी तरह अब हिन्दी के कल्याण के लिये भी एक देशव्यापी राजभाषा आंदोलन किये बिना हिन्दी को उसका स्थान नहीं मिलेगा.
आपका मै समर्थन करता हूं
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