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प र्वत हमेशा से मनुष्य का आश्रय रहे हैं। संस्कृत की कुट् धातु का एक अर्थ पहाड़ भी होता है। इससे ही कोट यानी किला शब्द बना है। कूट का अर्थ भी पर्वत है। पर्वतों पर मनुष्य का बसेरा दरअसल कंदराओं की वजह से था। पर्वतों की ऊंचाई पर आवास उसे शत्रुओं से भी बचाता था क्योंकि पर्वत हमेशा से दुर्गम रहे हैं। दुर्गम अर्थात जहां गमन करना दुष्कर हो, इसलिए पहाड़ का एक नाम दुर्ग भी है जो बाद में पहाड़ी किले का पर्याय हो गया। पहाड़ों पर बसने की वजह से ही देवी का नाम दुर्गा है जिन्हें पर्वतवासिनी होने की वजह से ही जनमानस ने पहाड़ांवाली भी कहा है। भाव यही है कि सुरक्षित आश्रय के लिए ऊंचाई का महत्व मनुष्य ने शुरु से ही जान लिया था। इसीलिए विकास के शुरुआती दौर में वह ऊंचे स्थानों पर रहता रहा। बाद में खुद के लिए ऊंची अट्टालिकाएं बनवाईं, ऊंची दीवारों वाले किले बनवाए। इसी कड़ी में आता है अरबी-फारसी का बुर्ज शब्द जो मूलतः इंडो-ईरानी भाषा परिवार का है।
बुर्ज का विस्तार और इसकी अर्थ-छाया भारोपीय परिवार की कई भाषाओं में देखने को मिलती है और इसके विभिन्न रूप कई शब्दों में साफ नजर आते हैं। प्रचलित अर्थ में बुर्ज का अर्थ होता है मीनार, टॉवर या गुंबद। बुर्ज की रिश्तेदारी संस्कृत धातु बृह् (brih) या बर्ह (barh) से है जिसमें ऊंचाई, वृद्धि, खुरचना, बड़ा करना जैसे भाव हैं। वैदिक संस्कृत में इसका एक रूप vrih भी है। वृद्धि इसी से निकला है। बृहस्पति शब्द इसी मूल का है जिसमें गुरुता और विशालता दोनों हैं। इसी क्रम में आती है प्राचीन भारोपीय धातु bhergh जिसका अर्थ है किला या ऊंचाई पर स्थित आश्रय। वैदिक संस्कृत में इसी अर्थ में बर्हयति शब्द है जिसमें वृद्धि, विशाल, ऊंचाई, बारिश जैसे भाव हैं। मोनियर विलियम्स के संस्कृत-इंग्लिश कोश में बर्हण् और बर्हिस्थ जैसे शब्द हैं जिनमें ऊंचाई, बुलंदी, पहाड़ जैसे भाव हैं। अवेस्ता में इसका रूप है बर्जन्त जो फारसी में बुर्ज हो गया। तुर्की में बर्ह (barh) का रूप बदल कर बोरा bora हो जाता है। अफगानिस्तान के प्रसिद्ध पहाड़ी क्षेत्र का नाम तोराबोरा में यही झांक रहा है। कभी यहां के शैल-शिखर कुख्यात आतंकी लादेन की शरण स्थली थे। मंगोलियाई, कज़ाख और तुर्की भाषाओं में बोरा का अर्थ बारिश, भारी वर्षा, बर्फबारी भी है। मूल रूप में भाव ऊंचाई का ही है। पानी आसमान से ही बरसता है और बर्फ पहाड़ों पर ही गिरती है। कुल मिलाकर बर्ह् में व्याप्त ऊंचाई का भाव बुर्ज में मीनार के तौर पर स्थिर हुआ। बाद में बुर्ज नगरकोट और किलों की पहचान बन गए। यूरोपीय भाषाओं में इसके विभिन्न रूप नगर, किला या बस्ती के अर्थ में प्रचलित हैं। यूरोपीय भाषाओं में बुर्ज की व्याप्ति जबर्दस्त है। जर्मन में इसका रूप बर्ग burg है और अंग्रेजी में Berg. अर्थ वही है, घिरा हुआ स्थान, महल या किलेनुमा इमारत। बर्ग नाम वाले कई किले और कस्बे उन तमाम इलाकों में भरे पड़े हैं जहां जहां यूरोपीय पहुंचे जैसे स्ट्रॉसबर्ग, पिट्सबर्ग, ओल्डेनबर्ग। अंग्रेजी में इसका एक रूप borough (बरो या बरा) भी है जैसे एडिनबरा। स्कॉटिश में यह बर्घ है। ध्यान रहे बाद में बर्ग, बरो और बर्घ में आवासीय बस्ती का भाव समाहित हुआ। इसी कड़ी में आता है पुर्ग या पर्ग (purg) जो जर्मन और ग्रीक में अपेक्षाकृत कम प्रचलित शब्द है मगर इसमें भाव वहीं है। तुर्की के अनातोलिया प्रांत की भाषा है लीसियन जिसमें इसके प्रिज prije या प्रुवा pruwa जैसे रूप मिलते हैं। यहां संस्कृत हिन्दी में नगर, बस्ती के अर्थ में व्यापक तौर पर प्रचलित पुर शब्द से इसकी साम्यता पर गौर करें। वेदों में इन्द्र को पुरंदर कहा गया है जिसका अर्थ हुआ जो किलों को ध्वस्त करता है। वैदिक साहित्य में इन्द्र के द्वारा असुरों के भव्य दुर्गों को नष्ट करने का उल्लेख मिलता है। मोनियर विलियम्स के इंग्लिश संस्कृत कोश में पुर् धातु का अर्थ विशाल दुर्ग है। इससे बने पुर या पुरी का अर्थ नगर, बस्ती, दुर्ग, किला, चहारदीवारी से घिरी बस्ती या आवास, कोठी है। पुर से कई शब्द बने हैं। पुरजन, पुरवासी का अर्थ है नागरिक, रहवासी। प्राचीन कलिंग राज्य की राजधानी का नाम पुरी था जो वर्तमान में उड़ीसा का महत्वपूर्ण शुहर है। प्राचीन भारत की सप्तपुरियों का उल्लेख पौराणिक ग्रंथो में मिलता है। अयोध्या मथुरा माया काशी काच्ञी अवंतिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तेता मोक्ष दायिकाः॥ ( अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी कांची अवंतिका और द्वारका ये सात मोक्षदायक तीर्थ क्षेत्र हैं) पूर्वी बोली में पुर या पुरी का पुरवा रूप मिलता है जिसका अर्थ मोहल्ला या टोला होता है जैसे रामू का पुरवा। इसका पुरा रूप भी मोहल्ले के अर्थ में ही है जैसे बिरजीपुरा अर्थात् ब्रिजपुर। विडम्बना देखिये कि अट्टालिका या कोट के अर्थ वाले पुर के पुरवा वाले स्वरूप में सिर्फ झोपड़ियां और कच्चे मकान ही मिलेगे। किसी साहूकार की एकाध पक्की मेड़ी वहां हो सकती है। यहां सुदूर एशिया माइनर में बोली जाने वाली लीसियन भाषा के प्रुवा pruwa शब्द की तुलना पुरवा से की जानी चाहिए।
आर्मीनियाई भाषा में यह burgn है, इसका एक रूप बुरगाना भी है जिसका मतलब पहाड़ी किला होता है। संभव है ताजिकिस्तान के एक पहाड़ी राज्य फरगाना के पीछे भी यह भर्ग, बुर्ज या बर्ग हो। भारत में मुगल वंश का संस्थापक बाबर फरगाना से ही भारत आया था। भारोपीय bhergh से ही जन्मा है अंग्रेजी का फोर्ट fort शब्द जिसका अर्थ है किला, कोट या दुर्ग। फोर्ट आया है लैटिन के फोर्टिस से। गौर करें इन तमाम शब्दों में प वर्णक्रम की ध्वनियां आपस में बदल रही हैं। उत्तरी ईरान के एक पर्वत शिखर का नाम एल्बुर्ज है जो करीब साढ़े पाच हजार मीटर ऊंचा है। इसमें बुर्ज शब्द साफ पहचाना जा सकता है। नाक के लिए भी इसी मूल से उपजे शब्द हैं जैसे रूसी में बुरुन burun और पर्शियन में बुर्ज़ burz. नाक मैं ऊंचाई का भाव अंतर्निहित है और इसीलिए नाक ऊंची रखना एक मुहावरा भी है और इन्सानी सिफ़त भी। यूरोप में बर्ग उपनाम भी होता है। यह पदवी की तरह भी लगाया जाता है। जर्मन में इसका उच्चारण बोर्ग है। ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें |
17 कमेंट्स:
पिट्सबर्ग, ओल्डेनबर्ग...ह्म्म !!! ये वो बर्ग है..ओह!! आज पहेली बार जानाजबकि कितने दिन Scarborough में रहे.
धन्य भये!! आभार.
अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
न जाने कितनी भाषाओं के शब्दों को खंगाल गये !
बेहतरीन आलेख ! आभार ।
हम तो समझते थे बुर्ज हिन्दुस्तान में ही होती हैं। आपने तो इसे विश्वव्यापी बना दिया।
धन्य हो अजित भाई. दिल्ली के सब्ज़ बुर्ज से यूं के के एडिनबरा होते हुए पिट्सबर्ग तक का सफ़र स्पष्ट हो गया.
आज ईर्ष्यालु हो रहा हूँ - भाषा के इस प्रवाह पर।
भाऊ, शब्द परिचय जैसा शुष्क सा विषय भी आप की लेखनी से रचा जा कर रसीला हो जाता है।
अत्यंत सारगर्भित! विश्वव्यापी शब्द चर्चा!
मेरे विचार मेरे शब्द घूमते रहते हैं मेरे मन में
पर्वत पर्वत नगर नगर कभी भटकते हैं वन में
- सुलभ
पढ़ रहा हूं.
अजित जी,
आपकी हर पोस्ट के साथ मेरा ये विश्वास मज़बूत होता जा रहा है कि आपके ब्लॉग को पढ़ना हर हिंदी पत्रकार के लिए अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए...आभार...
जय हिंद...
इस पोस्ट पर तो सच मे निशब्द हूँ । मुझे लगता है पंजाबी मे भोरा { तहखाना य छिपने की जगह } भी इसी से बना है।बाकी आपको पता होगा। धन्यवाद्
तमाम भाषाओ के सामान शब्दों का उच्चारण भी मिलता जुलता सा लगता है . यह बात आपकी संगत में आने के बाद पता चली .
मजेदार है - बुर्ज बोरे में बन्द हो गया! :-)
I am not positve, are you relating 'pur' with Greek 'politeia' (state, administration, government, citizenship from 'polis' "city, state," )from PIE *p(o)lH- "enclosed space, often on high ground"? Derivatives of polis are common in many modern European languages like English policy, polity,politics.Hundreds of words end in the word "-polis" most refer to a special kind of city and/or state eg Metropolis, Necropolis, Cosmopolis, Indianapolis etc. Like Puri,there is town namely 'Polis' located on the north-west coast of Cyprus.I dont know If you have already discussed this connection in some other post.
@बलजीत बासी
आप ठीक कहते हैं। इस पर एक पोस्ट लिखी जा चुकी है (नेताजी, बहुत पाल्टिक्स हो गई...)। भाषाविद् भारोपीय धातु pel का रिश्ता पॉलिस या पुर से जोड़ते हैं। ग्रीक में पॉलिस polis शब्द है जिसका अर्थ होता है शहर या राज्य। प्राचीन ग्रीस में इसी नाम का एक शहर भी था। भाषाविद् इसी से पुर की रिश्तेदारी जोड़ते हैं। प्रस्तुत पोस्ट में मैने निश्चय रूप में यह कहीं नहीं कहा है कि पुर की रिश्तेदारी भर्ग, बर्ग, बुर्ज या पुर्ग से है। हां, इस पर विचार किया जा सकता है। संस्कृत में प वर्णक्रम की जितनी भी ध्वनियां हैं उनमें सुरक्षा, घेराव, चौकसी का भाव है। नगर या बस्ती के संदर्भ में परकोटा या चौहद्दी में सुरक्षा का भाव ही है। भर्ग और बर्ग का अर्थान्तर किले-कोट में हुआ, जो बाद में बस्तियां बनीं। ग्रीक में अगर पॉलिस में नगर का भाव है तो बर्ग में भी नगर या आबादी का ही भाव है जो परकोटे से घिरी हैं। दोनों ही शब्द प वर्णक्रम में हैं। सुरक्षा का भाव यहां भी है। प्रस्तुत आलेख में उल्लेखित शब्दों के संदर्भ में पुर का उल्लेख भी आवश्यक था। व्युत्पत्ति के संदर्भ में हरमुमकिन पहलू की चर्चा करना आवश्यक है। किन्हीं संकेतों पर आगे विद्वान या अध्येता ज्यादा रोशनी डाल सकते हैं।
पुनश्च- बुरगाना से फ़रग़ाना की तुलना करते हुए भी कोई निष्कर्षात्मक तथ्य मैने नहीं निकाला है। सिर्फ संकेत भर किया है।
In good old days we used to sleep on housetops during hot summer days(I am talking of Punjab).When the weather was unbearable so that we could not sleep, some elder would suggest to start playing a game called 'Counting Purs'i.e. count place names that end with pur(like Hoshiarpur, Gurdaspur etc).The notion was that If we could achieve a certain number say 100, the rain-god would be pleased and send rains. Clearly,the idea was to divert our attention from the severity of the weather. It also shows what a large number of places we have that end with 'pur'.
@बलजीत बासी
बहुत महत्वपूर्ण बात कही है आपने बलजीत साब। शब्दों के निहितार्थ तक इसी तरह पहुंचना होता है। कम से कम हिस्टॉरिकल लिंग्विस्टिक्स के क्षेत्र में। नतीजे तक पहुंचन की जल्दी भी नहीं होनी चाहिए, बस, यही भाव रहे कि हमने कोशिश की। निश्चित ही आज जितने पुर या पुरियां हैं, अतीत में उससे भी कई गुणा ज्यादा तादाद रही होगी। पुर के वर्षा या बरसात वाले संदर्भ में याद आ रहा है तुर्किक भाषा का बोरा जिसमें बारिश से ही अभिप्राय है।
हालांकि आप जो याद दिला रहे हैं उसका एक निहितार्थ यह भी है कि किसी वक्त हमारे यहां इतनी पुरियां या पुर थे कि बारिश की लम्बी प्रतीक्षा के दौर में इनके नाम खत्म नहीं होते थे। या फिर यह भी कि मानसून इस क़दर कृपालु था कि चंद पुरियों के नाम गिनने के बाद ही बादल पसीजने लगते थे।
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